संदर्भ: इंटरनेशनल वीक ऑफ़ द डीफ़
मुम्बई /मिलन शाह ✍🏻
मुम्बई-23 सितंबर। "जीना तो है उसी का, जो औरों के काम आए..!"....कुछ ऐसे ही भाव लिए इम्पल्स नामक संस्था ने बधिर बच्चों पर एक अनूठा प्रयोग करते हुए उनके जीवन मे कुछ ख़ुशी के पल लाने की कोशिश की।
हुआ यूँ कि उक्त संस्था के लोग बधिर बच्चों को एक ध्वनिरहित (Sound Proof) स्टूडियो में लेकर गए। ये सभी बच्चे पहल फाउंडेशन NGO का हिस्सा हैं।
इस कमरे में इन बच्चों को ऊँची ध्वनि पर गाना सुनाया गया। इम्पल्स संस्था ने देखा कि बच्चे वाकई में कम्पन ध्वनि के माध्यम से गाने को महसूस कर पाए।
संस्था द्वारा बच्चों की प्रतिक्रियाओं का चल चित्र लिया गया।
इम्पल्स के संस्थापकों ने कहा "यह प्रयोग इसलिये किया गया ताकि लोगो को संगीत की शक्ति का आभास हो सके, और जो सुन नहीं सकते उन्हें क्या महसूस होता होगा यह दर्शाया जा सके।"
इस चलचित्र को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर जनहित के लिए प्रदर्शित कर रखा हैं।
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