बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (BTU) की "सुखी जीवन आनंदम" कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ

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विद्यार्थियों में नई चेतना, नई उमंगों को जगाते हुए उन्हें मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़ने की आवश्यकता है - : डॉ एमपी पूनिया

कार्यशाला का आयोजन  16  से  21 जून 2021 तक


Media Kesari ✍🏻


बीकानेर-16 जून । मनुष्य की जीवन यात्रा में अनेकानेक उलझनें,परेशानियाँ, बाधाएँ व असफलताएँ आती हैं जिनकी वजह से वह अवसादग्रस्त हो जाता है। यह बीमारी ना केवल युवा बल्कि बड़े बुजुर्ग को भी अपनी गिरफ्त में ले लेती है। 

वर्तमान में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने तो अवसाद में और इजाफा कर दिया। आर्थिक रूप से तंग अथवा बीमारी से टूट चुके ऐसे लोगों के लिए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (BTU) द्वारा "सुखी जीवन आनंदम"  (Sukhi Jeevan Anandam) नाम से पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला (Online Workshop )आयोजित की जा रही है। सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित इस कार्यक्रम से विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। विश्वविद्यालय द्वारा विगत वर्ष देश में पहली बार एक अभिनव प्रयास के रूप में लॉकडाउन के दौरान अपने विद्यार्थियों हेतु मानव मूल्य कार्यशाला सुखी जीवन आनंद के माध्यम से लगभग 9000 विद्यार्थियों तथा उनके परिवारों तक सार्वभौमिक मानव मूल्य को प्रस्तावों के माध्यम से उन तक पहुंचाया गया है । इसी कड़ी में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों हेतु "सुखी जीवन  आनंदम" की 5  दिवसीय कार्यशाला का आयोजन  16  से  21 जून 2021 तक किया जा रहा है। 



जानकारी प्रदान करते हुए सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि कार्यशाला के शुभारंभ सत्र में अध्यक्ष अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, (All India Council for Technical Education ) नई दिल्ली के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर एमपी पूनिया (Dr MP Poonia) के मुख्य आतिथ्य में हुआ। शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता कुलपति बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय, प्रो.अम्बरीष शरण विद्यार्थी (Prof. Ambrish Sharan Vidyarthi) द्वारा की गई।   डॉ अलका  स्वामी  डीन फैकल्टी ऑफ ह्यूमन वैल्यू एजुकेशन द्वारा सभी का स्वागत किया गया तथा कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए इसके अंतर्गत होने वाली विभिन्न गतिविधियों से रूबरू कराया।



Five days workshop "Happy Life Anandam" organized by Bikaner Technical University (BTU) inaugurated from 16 june 2021


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एआईसीटीई (AICTE) वीसी डॉ एमपी पूनिया ने कहा कि सार्वभौमिक मानव मूल्य विषय हम सब के जीवन से जुड़ा हुआ विषय है इस विषय को लेकर एआईसीटीई अपने स्तर पर अपने हर विद्यार्थी तथा शिक्षक तक इन मूल्यों को पहुंचा सके इसके लिए कार्यशाला के माध्यम से प्रयास जारी है। विद्यार्थी अगर जीवन मूल्यों को समझ पाए और जी पाए तो यह कार्यशाला अवश्य सार्थक होगी। शिक्षा को अधिक से अधिक रोजगारपरक बनाया जाए, तभी विद्यार्थी अपने भविष्य को सुरक्षित बनाकर बेहतर इंसान बन सकते हैं। योग्य समर्पित, ईमानदार, सहृदय व निष्ठावान विद्यार्थी वर्तमान शिक्षा के स्वरूप में बदलाव ला सकते हैं। विद्यार्थियों में नई चेतना, नई उमंगों को जगाते हुए उन्हें मानवीय मूल्यों व आदर्शों से भी जोड़ने की आवश्यकता हैं। डॉ पूनिया द्वारा बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा मानवीय मूल्य विषय को अपने विद्यार्थियों तथा शिक्षक तक पहुंचाने का जो सराहनीय कार्य किया जा रहा है उसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की सराहना की गई।


कुलपति प्रो.अम्बरीष शरण विद्यार्थी ने विद्यार्थियों को जीवन में मानवीय मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताया और कहा कि  मूल्य शिक्षा जीवन का आधार है यह हमे संबंधपूर्वक जीना सिखाता है। आज की शिक्षा हमे विषय की जानकारी देती है पर दैनिक व्यवहार कैसा होना चाहिए यह नहीं सिखाती। अगर हर व्यक्ति इस कार्यशाला से गुजरे तो समझ की दिशा बढ़ेगी और हम सामाजिक भागीदारी को पहचान पाएंगे। इसके साथ साथ ये रोजगार के क्षेत्र में भी सहायक होती है। यह कार्यशाला विद्यार्थियों के लिए जीवन को बदलने वाली कार्यशाला साबित हो सकती है हर विद्यार्थी और शिक्षक अगर इन मूल्यों को अपने में आत्मसात करें और इन मूल्यों को समझे तो अवश्य ही एक अच्छे समाज की स्थापना की जा सकती है। मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रदान करने से ही भावी नागरिक तैयार होंगे ,उनकी सोच में बदलाव आएगा । ऐसे में विद्यार्थियों को नैतिक व आध्यात्मिक मूल्यों से परिचित करवाना आवश्यक हो जाता है। शिक्षा यदि विद्यार्थियों में प्रेम, दया, विश्वास, करुणा व त्याग की भावनाएं पैदा नहीं करती, तो ऐसी शिक्षा भविष्य में निरर्थक व अनुपयोगी सिद्ध होती है।



निदेशक अकादमिक, डॉ यदुनाथ सिंह  द्वारा विद्यार्थियों को मानवीय मूल्यों को अपने जीवन में उतारने हेतु प्रेरित किया गया उन्होंने कहा की वर्तमान विधार्थियों में हुए मूल्यह्रास ने उनके स्तर को गिराया है, ऐसे में मानवीय मूल्यों का ज्ञान शिक्षा व्यवस्था की प्राथमिकता बन गया है। शिक्षा प्राप्ति की एक सुविचारित नीति होनी चाहिए। विधार्थियों में मानवीय मूल्यों की भावना का संचार करने और उनके सामाजिक एवं नैतिक दाइत्वो को विकसित करने के लिए विश्वविद्यालय ने इस अभियान को लागू किया हैं। मानवीय मूल्य प्रकोष्ठ की डीन डॉ अल्का स्वामी ने कहा कि मानवीय मूल्यों की इस शिक्षा से हमने अपने विद्यार्थियों जिस लौ को जलाने का प्रयास किया है, पूर्ण विश्वास है कि समय के साथ जीवन को समग्र रूप से देखने की दृष्टि देने वाली यह यह लौ उनके जीवन को प्रकाशित करने वाली रोशनी में बदल जाएगी और वो अपने जीवन का उद्देश्य केवल नौकरी और पैसे को ही ना देख कर बल्कि पूर्ण दृष्टि से देख पाने में सक्षम हो पाएंगे जिसमें सुख, स्वस्थ, संबंध और सही भागीदारी की समझ और एक पूर्ण मानवीय जीवन जिने कि योग्यता विकसित कर पाएंगे और यही शिक्षा का सही उद्देश्य भी है। डॉ सरोज लखावत असिस्टेंट डीन ह्यूमन वैल्यू एजुकेशन ने कहा की कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय अपने स्थापना काल से ही मूल्य आधारित तकनीकी शिक्षा अपने विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय का एक अभिनव प्रयास “सुखी जीवन आनंदम” (Happy Life Anandam) का प्रारंभ किया गया है। उनके दुवारा सभी अतिथियों तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया


कार्यशाला में प्रतिभागी के रूप में जुड़े हुए विद्यार्थियों द्वारा इस कार्यशाला से उनकी जो उम्मीदें हैं उस पर अपने विचार रखे गए। कार्यक्रम का संचालन डॉ स्वाति भंसाली असिस्टेंट को ऑर्डिनेटर ह्यूमन वैल्यू द्वारा किया गया।  इस अवसर पर डॉ रेखा मेहरा, डॉ प्रीति पारीक, डॉ अनु शर्मा, डॉ रूमा भदौरिया ,डॉ सरोज बाला गुप्ता, विनोद वर्मा ,ज्ञान सिंह, ललित दुसाद, केसरी चंद पुरोहित ,राजेश सुथार ,सुरेंद्र झागोर, मनवीर सिंह ,आशु शर्मा, डॉ  शालिनी श्रीवास्तव  डॉ अखिलेश्वर माथुर आदि उपस्थित थे। कार्यशाला में विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा रिसोर्स पर्सन द्वारा  विद्यार्थियों की विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।


  सुखी जीवन आनंदम कार्यशाला- एक परिचय 


सुखी जीवन आनंद (Sukhi Jeevan Anandam) कार्यक्रम के माध्यम से बताया जा रहा है कि सही समझ से संबंध और सुविधा में सामंजस्य के साथ प्रत्येक मानव सुखपूर्वक जीवन जी सकता है। मानव के जीने के चार स्तर है - स्वयं, परिवार, समाज तथा प्रकृति। जब सही समझ के साथ मानव जीता है तो स्वयं,परिवार, समाज तथा प्रकृति सभी को सुखी और समृद्ध बना सकता है। इसी प्रकार परिवार तथा समाज में रहने के कुछ नियम है यदि प्रत्येक व्यक्ति को इन नियमों और भावों का ज्ञान हो जाता है तो वह  परिवार में सही भाव तथा स्नेह, वात्सल्य, ममता और कृतज्ञता के साथ तृप्ति पूर्वक जीते हुए परिवार और समाज के लिए जिम्मेदारी पूर्वक अपनी भागीदारी सुनिश्चित करता है।



 यह पांच दिवसीय ऑनलाइन का कार्यक्रम मुख्यतः संबंधों में सही समझ और सही भाव पर आधारित है। मानव प्रकृति की एक इकाई है तथा मानव का अस्तित्व प्रकृति की हर एक इकाई के साथ सामंजस्य अर्थात सह अस्तित्व के साथ जीने से ही संभव है। इस कार्यशाला में इसी बात का प्रशिक्षण विस्तार पूर्वक दिया जाता है। गौरतबल है की बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा तकनीकी शिक्षा में मानव मूल्यों की अनेको राष्ट्रिय स्तरीय कार्यशालओ का आयोजन किया गया है एवं साथ ही सभी सम्बद्ध तकनीकी महाविद्यालयों में इसे सफलातापुर्क लागू किया गया है।

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