Jaipur News- फ्लैट/अपार्टमेंट क्रेताओं को जीएसटी लौटाए सरकार

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GST के मूर्खतापूर्ण कानून की चक्की में पिस रहा है उपभोक्ता


कैलाश शर्मा ✍🏻

Media Kesari

Jaipur (Rajasthan)


जयपुर(राजस्थान)। आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया)[All Rajasthan Trade and Industry Association] के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मांग की है कि फ्लैट/अपार्टमेंट क्रेताओं से रियल एस्टेट डवलपर्स/बिल्डर्स के मार्फत जो जीएसटी अनुचित रूप से वसूल किया गया है, वह लौटाया जाए। इस वसूली को लेकर केंद्र सरकार ने जो नियम बना रखे हैं वे अनुचित और मूर्खतापूर्ण हैं, अतः उन नियमों को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए। 

आल राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया)[All Rajasthan Trade and Industry Association] के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर मांग की है कि फ्लैट/अपार्टमेंट क्रेताओं से रियल एस्टेट डवलपर्स/बिल्डर्स के मार्फत जो जीएसटी अनुचित रूप से वसूल किया गया है, वह लौटाया जाए। इस वसूली को लेकर केंद्र सरकार ने जो नियम बना रखे हैं वे अनुचित और मूर्खतापूर्ण हैं, अतः उन नियमों को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए।


कैलाश शर्मा ने बताया कि जब कोई भवन, फ्लैट/अपार्टमेंट निर्माणाधीन है और ऐसे में कोई क्रेता खरीदता है या अग्रिम भुगतान कर बुक करता है तो सीजीएसटी एक्ट 2017 की धारा 2(119) के तहत सकल लागत पर 5% जीएसटी देने के लिए दायी है। क्रेता से यह टैक्स रियल एस्टेट डवलपर्स/बिल्डर्स वसूल करते हैं।

दिलचस्प बात यह है कि भवन, फ्लैट/अपार्टमेंट का निर्माण पूरा होने के बाद यदि कोई क्रेता खरीदता है, तो सीजीएसटी एक्ट के शेड्यूल III के पैरा 5 के अनुसार ऐसी खरीद पर जीएसटी चुकाने का दायित्व नहीं है।


कैलाश शर्मा के अनुसार यह तो वही बात हो गई कि आप हलवाई की दुकान पर गए, उस समय जलेबी बन रही थी, आपको एक किलो जलेबी लेनी है और आप पैसा हलवाई के काउंटर पर पहले जमा करवा देते हैं तो आपको जीएसटी भी देना होगा। यदि जलेबी तैयार और पैक हो जाने के बाद आपने काउंटर पर भुगतान किया तो आप पर जीएसटी देने की जिम्मेदारी नहीं है।


अर्थात जलेबी का पैसा पहले दे दिया तो जीएसटी और बाद में दिया तो जीएसटी नहीं। इसी तरह जिस क्रेता ने भवन निर्माण के दौरान भुगतान कर दिया तो जीएसटी का आर्थिक बोझ उस पर और निर्माण पूरा होने के बाद खरीदा तो जीएसटी से मुक्त। 


इस तरह स्पष्ट है कि जीएसटी संबंधी अधिकतर कानून मूर्खतापूर्ण हैं, जिनकी चक्की मे उपभोक्ता पिस रहा है और केंद्र सरकार जीएसटी की अनुचित वसूली के जरिए शोषण कर रही है।

कैलाश शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तीन आग्रह किए हैं :--

1. जिसने भी सीजीएसटी एक्ट के तहत उक्त मूर्खतापूर्ण नियम बनाए हैं, उन्हें दंडित किया जाए।

2. जीएसटी लागू होने के बाद से अब तक जितने भी भवन, फ्लैट/अपार्टमेंट क्रेताओं से जीएसटी वसूल किया गया है, वह 12% वार्षिक ब्याज के साथ लौटाया जाए।

3. चूंकि यह सीजीएसटी एक्ट संसद के दोनों सदनों में पारित हुआ है तो सभी सांसद इस मूर्खतापूर्ण नियम के लिए जिम्मेदार हैं, अतः भवन, फ्लैट/अपार्टमेंट क्रेताओं को लौटाई जाने वाली राशि सभी सांसदों की चल-अचल संपदा से भी वसूल की जाए, क्योंकि उनकी लापरवाही/अनदेखी के कारण त्रुटिपूर्ण नियम पारित हो गया।


लेखक परिचय

अतः राजस्थान को लेकर AICC व कांग्रेस आलाकमान को कुछ करने की जरुरत नहीं है। अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राजस्थान और यहाँ की कांग्रेस महफूज और मजबूत है। राजस्थान के 125 लाख कांग्रेस वर्कर्स का मानना है कि सचिन पायलट को लेकर मुख्यधारा का मीडिया जो भी प्रचारित-प्रसारित कर रहा है वह sensation creation या hype क्रिएट करना मात्र है, इसलिए AICC को विचलित होने की जरूरत नहीं है। धरातल का सच यह है कि 125 लाख कांग्रेस वर्कर्स राजस्थान में सोनिया गांधी जी व राहुल गांधी के नेतृत्व के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखता है और वही कांग्रेस को मजबूत बना रहा है।  इन वर्कर पर AICC भरोसा करे, वही सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसलिए सचिन पायलट को लेकर क्या फैसला करना है, इसमें AICC को उलझने की जरूरत नहीं है। सचिन पायलट अपनी राह पर है, यह उन्हें कहाँ ले जाती है यह विधाता जाने। बाकी राजस्थान की कांग्रेस अपने 60 लाख परिवारों के बूते देश में सबसे मजबूत है और 125 लाख वर्कर्स कांग्रेस का संबल है।
कैलाश शर्मा
जयपुर जिला देहात कांग्रेस
(फुलेरा विधानसभा क्षेत्र)

लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं जिनकी 1975 से राजस्थान की राजनीति पर निगाह है। आपने नामी समाचार-पत्र नवभारत टाइम्स में कई वर्षों तक अपनी लंबी सेवाएँ दी हैं। 
इसके साथ ही लेखक जयपुर जिले मे कांग्रेस के एक शताब्दी पुराने परिवार से हैं




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