रंगनिर्देशक पद्मश्री बंसी कौल से प्रतिभागियों ने सीखे थियेटर में कहानियां बुनने के गुर, 12 जून को माइम आर्ट पर होगी चर्चा

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'ऑनलाइन लर्निंग- चिल्ड्रंस समर फेस्टिवल' का आयोजन 27 जून तक


शुक्रवार, 12 जून को कुनाल मोटलिंग माइम आर्ट पर करेंगें चर्चा


मीडिया केसरी डेस्क ✍🏻



जयपुर, 11 जून।जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के 'ऑनलाइन लर्निंग- चिल्ड्रंस समर फेस्टिवल' में परफॉर्मिंग आर्ट्स सेशन के तहत आज गुरुवार को 'थियेटर' सेशन का आयोजन हुआ। सेशन का संचालन श्रीनगर के प्रख्यात निर्देशक, डिज़ाइनर और विज़ुलाइज़र, बंसी कौल ने किया। इस सेशन में प्रतिभागियों को थियेटर, थियेट्रिक्स के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया गया और साथ ही घर में ही नाटक के लिए कहानी बुनने के गुर सिखाए गए।




सेशन की शुरूआत में प्रतिभागियों को थियेटर के बारे में बताया गया, कि थियेटर क्या है,  कथा (स्टोरी) कैसे सुनाई जाती है और थियेटर का क्या महत्त्व है। कलाकार ने बताया कि थियेटर कहानी सुनाने का एक तरीका है। कहानी कैसे बनती है, इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अगर परिवार के चार सदस्य माता, पिता, भाई और बहन एक साथ बैठे हैं। एक सदस्य कहानी शुरू कर सकता है और अन्य परिवार के लोग इसमें अपना योगदान देना शुरू करें तो धीरे-धीरे कहानी का विस्तार होगा।  कहानी जब पूरी हो जाती है, तो इसमें योगदान करने वाले सभी लोग कैरेक्टर बन जाएंगे। थियेटर का विकास हमेशा बाहर नहीं बल्कि ज्यादातर यह घरों में और दोस्तों के मध्य शुरू होता है।



उन्होंने आगे कहा कि थियेटर ज्यादा जटिल नहीं होना चाहिए, जिससे किसी को इसे परफॉर्म करने में संकोच हो। यह तथ्य समझने की आवश्यकता है कि थियेटर कैसे किसी व्यक्ति के जीवन में रचनात्मकता बढ़ा सकता है। आजकल, जब बच्चे घर पर बैठे हैं, तो भाई और बहन अपने हाथों को कैरेक्टर्स में बदल सकते हैं और कहानी  विकसित कर सकते हैं। इसमें, एक हाथ अपनी कहानी दूसरे हाथ से कह सकता है। थियेटर में संवाद करने के लिए हमेशा शब्दों का उपयोग करना आवश्यक नहीं है। कोई अपने हाथों, पैरों, कंधों और यहां तक ​​कि अपने सम्पूर्ण शरीर के माध्यम से भी व्यक्त सकता है। यह थियेटर का एक अलग प्रारूप है। कहानी विकसित करने का एक और उदाहरण साझा करते हुए, कलाकार ने कहा कि जब कोई बस से यात्रा कर रहा होता है और खिड़की से बाहर देखता है, तो बाहर की दुनिया दिखाई देती हैं। वह व्यक्ति अपने गंतव्य पर पहुंचने तक अपनी यात्रा और इस दौरान बाहरी दुनिया जैसे कि लोग, दुकानें, चौराहों, आदि का विश्लेषण कर सकता है। जब यह व्यक्ति इस दुनिया को याद करते हुए कुछ लिखना शुरू करेगा तो एक कहानी विकसित हो जाती है। 

शुक्रवार, 12 जून का कार्यक्रम

शुक्रवार, 12 जून को परफॉर्मिंग आर्ट्स ऑनलाइन लर्निंग सेशन के तहत शाम 5 से शाम 6 बजे तक माइम आर्टिस्ट कुनाल मोटलिंग 'थियेटर' सेशन का संचालन करेंगे। यह सेशन माइम आर्ट और कल्चर पर केंद्रित रहेगा।

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