'HamDekhenge- हम देखेंगे '-- अवमानना कानून के विरुद्ध जयपुर शहर में अम्बेडकर सर्किल पर नागरिको का प्रदर्शन

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जन अधिवक्ता प्रशांत भूषण के साथ एकजुटता व अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए जयपुर में विरोध प्रदर्शन

"प्रशांत भूषण तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं" व "अवमानना कानून रद्द करो" के लगे नारे




 मीडिया केसरी वेब डेस्क ✍🏻


जयपुर-20 अगस्त। नागरिक अधिकारों  और संवेधानिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए संघर्षरत वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के विरुद्ध उच्चतम न्यायालय द्वारा उनके विरुद्ध दिए गए फैसले पर आज 20 अगस्त को सजा सुनानी थी I  उच्चतम न्यायालय के फैसले व अवमानना कानून के विरुद्ध व अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए आज जयपुर में आंबेडकर सर्किल पर नागरिकों द्वारा प्रदर्शन किया गया।


जयपुर शहर का प्रदर्शन देश के 200 से ज्यादा जगहों पर
'HamDekhenge- हम देखेंगे ' की कड़ी में हुए प्रदर्शन में एक कड़ी था और राजस्थान में भी उदयपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, नीक का थाना, सीकर, अजमेर, शाहाबाद-बारां, भीम-राजसमन्द आदि जगहों पर भी प्रदर्शन किया गया I शहर में धारा 144 के बावजूद सभी का मानना था कि अब समय आ गया है कि पुन: अपना विरोध प्रकट करे और मुख्य मंत्री अशोक गहलोत से पत्र लिख कर धारा 144 को समाप्त करने की मांग करें।


लगभग 30 नागरिक आंबेडकर सर्किल के प्रदर्शन में पहुंचे और मास्क और सही दूरी कायम रखते हुए प्रदर्शन किया I
 "प्रशांत भूषण तुम आगे बढ़ो हम तुम्हारे साथ हैं" व "अवमानना कानून रद्द करो" आदि नारे लगाये गए और कुछ भाषण भी हुए। प्रदर्शनकारियों का मानना था की बोलने की आज़ादी संविधान में सर्वोपरि है और उसे किसी भी सूरत में संकीर्ण नहीं होने देंगे। जज तो आते हैं और जाते हैं पर संविधान और देश की जनता तो सदा कायम रहती है I न्यायपालिका की स्वंतंत्रता को भी कायम रखना इस प्रदर्शन का सन्देश था, न्यायपालिका कभी भी कार्यपालिका का हिस्सा नहीं बन सकता है, ज़ोरों से बोला गया।

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जयपुर में आए प्रदर्शनकारियों का यह भी मानना था कि प्रशान्त भूषण ने जो 2 tweet किये थे जिनको लेकर अवमानना की कार्यवाही की गई थी, उनसे न्यायपालिका कमज़ोर नहीं होती और ना ही लोकतंत्र की नींव हिलती है, उस तरह की आलोचना से, बल्कि न्यायपालिका की आलोचना का हक तो जनता को हमेशा ही रहता है, क्योंकि बोलने की आजादी का संविधानिक हक़ सर्वोच्च है I  यह तय किया की तीन दिन बाद जब उच्चतम न्यायालय फिर इस मुद्दे पर विचार करेगा तब फिर सभी साथी अपनी आवाज़ उठाने आएंगे।



 प्रदर्शन में  NFIW की निशा सिधु व ईशा, CPIM जयपुर की सुमित्रा चोपड़ा, प्रबुद्ध नागरिक डॉ. मोहम्मद हसन, पत्रकार सुधान्शु मिश्र, PUCL के अधिवक्ता अखिल चौधरी, डॉ. नेसार अहमद, भंवरलाल कुमावत, हेमंत मोहन्पुरिया, नवीन, कविता श्रीवास्तव, समग्र सेवा संघ के सवाई सिंह, राजस्थान नागरिक मंच के RC शर्मा, बसंत हरयाणा, राजस्थान महिला कामगार यूनियन व कच्ची बस्ती महा संघ के हरकेश बुगालिया, बासना, रमा चौधरी व अन्य, CORO से सीमा, MKSS से गुरप्रीत सांगा, सुचना व रोज़गार अधिकार अभियान से कमल टांक, जमायते इस्लमी हिन्द से मोहम्मद नज़ीमुद्दीन, दलित अधिकार केंद्र से अधिवक्ता सतीश, विजय स्वामी व अनेक युवा साथी व वकील भी शामिल हुए।

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