NO SCHOOL NO FEES-- स्कूल फीस पर कोर्ट का फैसला संतोषप्रद, यह अंतिम मंज़िल नहीं,पड़ाव है...और राहत के प्रयास जारी रहेंगे - मनीष विजयवर्गीय

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NO SCHOOL NO FEES- अभिभावकों की मुहिम लाई रंग, कोर्ट ने कुल फीस का 70 प्रतिशत ट्यूशन फीस के रूप में लेने के विद्यालयों को दिए आदेश


-- विभिन्न सामाजिक व व्यापारिक संगठनों ने स्वैच्छिक राजस्थान बन्द में दिया था समर्थन




मीडिया केसरी वेबडेस्क ✍🏻



जयपुर-7 सितंबर 2020। राजस्थान सरकार द्वारा जब तक स्कूल ना खुले तब तक फीस स्थगित के फैसले पर रोक के उद्देश्य से विद्यालयों द्वारा लगाई गई अर्जी में किसी भी फैसले से पूर्व प्रभावित पक्षकार अभिभावको को सुना जाए, ऐसी अपील एमजीडी स्कूल की अभिभावक परिषद के प्रवक्ता मनीष विजयवर्गीय, हेमंत जैन, पवन अग्रवाल, सिद्धार्थ शर्मा, विनय खंडेलवाल, रवि सैनी, सुरेश बारानी, प्रतीक अग्रवाल, मनोज बत्रा, डॉ. उत्कर्ष गुप्ता,  सेंट जेवियर्स स्कूल के अरविंद अग्रवाल अन्य स्कूल से मनोज शर्मा, वंशिता सक्सेना दौलत शर्मा ने एडवोकेट अमित छंगाणी के माध्यम पक्षकार बनने की अपील लगाई थी जिसे कोर्ट ने सोमवार को स्वीकार कर लिया है।



एडवोकेट अमित छंगाणी ने बताया कि राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर पीठ के समक्ष प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन एवं कान्वेंट स्कूल एसोसिएशन द्वारा दायर रिट याचिका में पक्षकार बनाने की अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है एवं  कोर्ट ने कहा है कि कुल फीस का 70 प्रतिशत ट्यूशन फीस के रूप में स्कूल ले, एवं इसे तीन किश्तों में ले।

 


फैसले पर एमजीडी अभिभावक परिषद के प्रवक्ता मनीष विजयवर्गीय ने न्यायालय के फैसले को संतोषप्रद बताया एवं कहा कि हम आगे पुनः न्यायालय से निवेदन करेंगे कि इस पर आगे सुनवाई हो एवं अधिक राहत अभिभावको को दी जाए, साथ ही जबरन फीस के दबाव पर भी न्यायालय विद्यालयों को पाबंद करें ऐसा निवेदन हम करेगे।



  प्रवक्ता ईशान शर्मा व अरविंद अग्रवाल ने बताया कि इस मुहिम में जयपुर व्यापार महासंघ, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा एवम् कायस्थ समाज जयपुर, करणी सेना, भारतवर्षीय अभिभावक संघ, राष्ट्रीय सिंधी समाज, ढूंढाड़ परिषद, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ, अंतराष्ट्रीय ब्राह्मण संघ, भीम सेना, जाट समाज, जयपुर अग्रवाल समाज, विश्व वैश्य संघ, बाल भारती फाउंडेशन एवम् ब्राह्मण युवा क्रांति मंच सहित लगभग 300 से अधिक व्यापारिक व सामाजिक संगठनों  ने शामिल होकर इसे सफल बनाने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया और एकजुट होकर अभिभावकों के हित मे अवाज़ उठाई।


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