धर्म और राजनीति नहीं है एक-दूसरे के विरोधी, Digital Baal Mela के बच्चों संग संवाद में बोले सुमेधानंद सरस्वती- Religion and politics are not opposed to each other-- Sumedhanand

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 स्कूल के कमरे का प्रबंधन कर सीखें राजनीति का पहला अध्याय - सुमेधानंद सरस्वती 


Media Kesari ✍🏻


जयपुर-29 जून। बच्चों के भविष्य को अद्धभूत बनाने का अनूठा प्रयास करते हुए फ्यूचर सोसाइटी और एलआईसी ने रचनात्मक मंच 'डिजिटल बाल मेला 2021' सीजन2 (Digital Baal Mela 2021,season2) द्वारा मंगलवार को बच्चों को राजनीति के साथ ही अपने संस्कारों के रिश्ते पर एक शानदार संवाद में भाग लेने का मौका दिया। 

 'बच्चों की सरकार कैसी हो' के विषय पर आयोजित हो रहे इस मंच में अभी तक राज्य के कई विधायक, नेता,और देश—विदेश की हस्तियां शामिल हुई। ऐसे में आज मंच पर बच्चों से विशेष संवाद करने आये सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती (SumedhaNand Saraswati ,Member of Lok Sabha,Sikar) ने बच्चों को राजनीति के साथ ही संस्कारों और संस्कृति से कैसे बंधा रहा जाता है इस पर चर्चा की। इस शानदार संवाद में बच्चों ने अपने परिवार, विद्यालय से सीखे संस्कारों का भी सांसद सुमेधानंद के सामने जिक्र किया। 

धर्म और राजनीति नहीं है एक-दूसरे के विरोधी सुमेधानंद सरस्वती सांसद सीकर


लोकसभा बीजेपी के सीकर सांसद  सुमेधानंद सरस्वती ने इस संवाद में बच्चों को उनके संस्कारों से बांधे रखने की सीख दी। इस दौरान उत्तरप्रदेश के प्रतीक शर्मा ने सांसद सरस्वती का परिचय अपने साथियों से कराया।ऐसे में बच्चों संग अपने अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वो हमेशा से ही धर्म से जुड़े रहे है। धर्म, योग, संस्कृति को उन्होंने हमेशा सर्वोपरी माना है ऐसे में हमारी यही सब चीजें हमें हर मनुष्य के करीब ले आती है और हम उनकी रक्षा करने लगते है। राजनीति मे आने का उनका मकसद सिर्फ लोगों की सेवा से रहा है। क्योंकि लोगों की हर संभव सहयता करना उनका कर्तव्य है ऐसे में राजनीति में आकर वो अपने इस कर्तव्य को पूरा करना चाहते थे। इस दौरान  सुमेधानंद ने गरीबों को हक दिलाने के भी राजनीति में आने का अपना कारण बताया। ताकि वो हर गरीब की समस्या को सरकार के सामने ला सकें और उसका निवारण कर सकें।

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इस दौरान जयपुर के रोनित जैन ने सांसद  सुमेधानंद से पूछा कि राजनीति और संस्कारों में क्या अंतर है? जिसके जवाब में सांसद ने बताया कि हमारे अच्छे संस्कार ही हमें अच्छा राजनेता बनाते है। यदि आप के अंदर अच्छे संस्कार होंगे तो आप जनता की समस्या का समाधान कर पाएंगे अपने कर्तव्य को पूरा कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें अंतर नही है ये सिर्फ हमारी संस्कृति है जो हमें संस्कारों से जोड़े रखती है और दूसरी तरफ हमे अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए प्रेरित करती है।

बच्चों की सरकार कैसी हो


बच्चों को इस संवाद में राजनीति और संस्कारों के रिश्ते का महत्व समझा रहे सांसद ने कहा कि  बालमेला उनके भविष्य को नयी ऊँचाई देगा। ऐसे में इससे हमेशा जुड़े रहे। वही डिजिटल बाल मेला के इस सीजन में 'बच्चों की सरकार कैसी हो' का पाठ पढ़ रहे बच्चों को सांसद ने राजनीति के लिए बताया कि वे अपनी स्कूल के कमरे का प्रबंधन करें जो कि उनके लिए इस समय राजनीति का पहला अध्याय होगा। जिससे वो अपने भविष्य में एक अच्छे राजनेता बनकर निखरेंगे।इसी के साथ डिजिटल बाल मेला में  सुमेधानंद सरस्वती ने बच्चों से विदा ली और उन्हें स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएं दी।

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