सातवें महीने में जन्म लिए बच्चे को मिली नई जिंदगी
हॉस्पिटल में केक काटकर माँ-बाप ने मनाया जश्न
तौहीद अंसारी ✍🏻
मीडिया केसरी (Media Kesari)
प्रयागराज
16 अगस्त,2022
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)- कहा जाता है कि डॉक्टर भगवान का रूप होता है। कहीं ना कहीं कुछ ऐसी ही कहानी प्रयागराज के करेली क्षेत्र स्थित फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल (Fatima Memorial Hospital,Wasiabad,Allahabad,Uttar Pradesh) में देखने को मिली। हॉस्पिटल में जनपद प्रतापगढ की रहने वाले मुबीन अहमद की पत्नी ने 28वें हफ़्ते यानी 7 वे माह में प्रतापगढ़ के ही एक नर्सिंग होम में बच्चे को जन्म दिया। सातवें माह में जन्मे बच्चे की स्थिति को देखते हुए Doctors ने बच्चे के पिता को बताया कि इतने कम समय में जन्म लेने वाले बच्चे बहुत ही कम बच पाते हैं। डॉक्टर ने बच्चे के पिता को बच्चे की स्थिति के बारे में बताते हुए किसी दूसरे हॉस्पिटल में दिखाने की सलाह भी दी। बच्चे के पिता बच्चे को लेकर जनपद के ही चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बच्चे को दिखाया बच्चे की स्थिति को देखते हुए आईसीयू वार्ड में भर्ती हुआ।
Prayagraj - The doctors of Fatma Memorial Hospital gave new life to the child born in seven months, the family expressed their gratitude |
कहीं ना कहीं जनपद के चिल्ड्रन हॉस्पिटल में उच्च कोटि की मशीनें ना होने के कारण बच्चे को सही उपचार नहीं मिल पाया जिसकी वजह से परिजन परेशान होकर बच्चे की जिंदगी को बचाने के लिए प्रयागराज की ओर रुख किया। परिजन प्रयागराज पहुंचते ही प्रयागराज के चर्चित चिल्ड्रन हॉस्पिटल बच्चे को लेकर पहुंचते हैं वहां पर भी बच्चे को एडमिट किया जाता है लेकिन कहीं ना कहीं ठीक तरीके से इलाज ना मिल पाने के कारण परिजन परेशान हो जाते हैं और वहां से भी थक हार के किसी और हॉस्पिटल पहुंचते हैं। परिजन पूरी तरीके से टूट चुके होते हैं उसी दौरान फरिश्ते के रूप में आए हुए किसी शख्स ने करेली के फातमा मेमोरियल हॉस्पिटल के बारे में बताया ।परिजन बच्चे की जिंदगी को बचाना चाहते थे इसलिए उस शक्स की बात को सुनकर करेली क्षेत्र स्थित फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंचे। फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल में बच्चे की हालत को देखते हुए बच्चे को तुरंत एडमिट किया। हॉस्पिटल द्वारा फोन करके शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ (Pediatrician) डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी (DR MOHD KASHIF SIDDIQUI ) को बुलाया जाता है।
हॉस्पिटल में केक काटकर माँ-बाप ने मनाया जश्न |
जैसे ही डॉक्टर हॉस्पिटल पहुंचते हैं बच्चे की स्थिति को देखते हैं परिजनों से बातचीत कर बच्चे को एनआईसीयू में भर्ती किया। 8 दिन तक डॉक्टर्स की टीम की देखरेख में बच्चे का इलाज हुआ। बच्चे के स्थिति में धीरे-धीरे सुधार देख तीमारदार खुश नजर आने लगे। बच्चे की स्थिति पूर्ण रूप से सामान्य होने के बाद डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी ने बच्चे के माता-पिता को डिस्चार्ज करने की बात बताई तो माता-पिता के साथ-सथ आए हुए अन्य परिजनों का खुशी का ठिकाना ना रहा। माता पिता के साथ आए अन्य परिजनों ने उत्साह पूर्वक हॉस्पिटल में केक काटकर डॉक्टर व नर्स के साथ जश्न मनाया। बच्चे के माता पिता ने फातिमा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी के साथ-सथ अन्य डॉक्टर व स्टाफ की तारीफ की। इस दौरान डॉ काशिफ सिद्दीकी काफी खुश नजर आए। उन्होंने बताया कि इनकी खुशी ने हमारा हौसला बढ़ाया। डॉक्टर काशिफ सिद्दीकी ने बताया कि एनआईसीयू की स्टॉफ नर्स रामादेवी और रुचि इन दोनों का अहम रोल रहा है। दोनों ने बच्चे की 9 दिन तक बहुत अच्छी तरीके से देखभाल की है।
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