Jamaat-e-Islami Hind Rajasthan द्वारा मौलाना जलालुद्दीन उमरी के जीवन और उनके योगदान पर जयपुर में होगा प्रदर्शनी का आयोजन

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-विद्यालयी बच्चों के लिये होगा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन


रहीम खान ✍🏻

Media Kesari (मीडिया केसरी)

Jaipur


जयपुर (राजस्थान)-13 सितंबर,2022

 जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द राजस्थान (Jamaat-e-Islami Hind Rajasthan) द्वारा शनिवार 17 सितंबर 2022 को सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक मुस्लिम मुसाफिर खाना एम डी रोड जयपुर में जमाअत के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद जलालुद्दीन उमरी (Maulana Syed Jalaluddin Umri) के जीवन व उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है।

#meiakesari #latestrajasthannews #jaipurnews मौलाना जलालुद्दीन उमरी कई साल तक जमाअत की केन्द्रीय प्रतिनिधि सभा और केन्द्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे। सन् 1990 से 2007 तक जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे. उसके बाद 2007 से मार्च 2019 तक जमाअत ए इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मौलाना आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में वे जमाअत द्वारा स्थापित शरिया कोन्सिल के अध्यक्ष थे। उन्होंने इस्लाम के विभिन्न पहलुओं पर पचास से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनका अनुवाद अरबी, इंग्लिश, गुजराती, हिन्दी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, तेलगु, मराठी, बंगला इत्यादि भाषाओं में हुआ। मानवाधिकार और महिलाओं के विषय पर लिखी उनकी पुस्तकें सनद की हैसियत रखती हैं।


जमाअत के प्रदेश मीडिया सचिव हारून रशीद ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्घाटन जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष सैय्यद साअदतुल्ला हुसैनी द्वारा किया जाएगा। प्रदर्शनी में मौलाना जलालुद्दीन उमरी द्वारा लिखी गई पुस्तकों का स्टॉल लगाया जाएगा और इसके साथ ही मौलाना के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को पोस्टर और फिल्म के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों की पोस्टर प्रतियोगिता (poster competition) का आयोजन भी किया जाएगा। पोस्टर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए छात्र छात्राओं के तीन आयु वर्ग रखें गए हैं जिसमें 10-14 वर्ष, 15-18 वर्ष और 19-25 वर्ष शामिल हैं। प्रतियोगिता के लिए मौलाना जलालुद्दीन उमरी द्वारा कहे गए कथनों (कोटेशन) का पोस्टर चार्ट पेपर पर बनाकर थर्माकोल की शीट पर चिपका कर 15 सितम्बर तक जमाअत के प्रदेश कार्यालय में जमा करवाना होगा। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

#meiakesari #latestrajasthannews #jaipurnews मौलाना जलालुद्दीन उमरी कई साल तक जमाअत की केन्द्रीय प्रतिनिधि सभा और केन्द्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे। सन् 1990 से 2007 तक जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे. उसके बाद 2007 से मार्च 2019 तक जमाअत ए इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मौलाना आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में वे जमाअत द्वारा स्थापित शरिया कोन्सिल के अध्यक्ष थे। उन्होंने इस्लाम के विभिन्न पहलुओं पर पचास से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनका अनुवाद अरबी, इंग्लिश, गुजराती, हिन्दी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, तेलगु, मराठी, बंगला इत्यादि भाषाओं में हुआ। मानवाधिकार और महिलाओं के विषय पर लिखी उनकी पुस्तकें सनद की हैसियत रखती हैं।

Jamaat-e-Islami Hind Rajasthan will organize an exhibition on the life and contribution of Maulana Jalaluddin Umri in Jaipur

ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले मौलाना सैय्यद जलालुद्दीन उमरी का 87 वर्ष की आयु में 26 अगस्त शुक्रवार की रात को दिल्ली के अल शिफा हॉस्पिटल में देहांत हो गया था। मौलाना जलालुद्दीन उमरी का जन्म सन 1935 में कर्नाटक राज्य में हुआ था। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा पैतृक गांव पुत्तग्राम, उत्तर आरकोट में हुई फिर उन्होंने जामिया दारूस्सलाम उमराबाद में प्रवेश लिया, जहाँ से सन 1954 में उन्होंने फ़ज़ीलत (स्नातकोत्तर) की डिग्री हासिल की. मद्रास यूनिवर्सिटी से फ़ारसी में मुन्शी फ़ाज़िल डिग्री व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिट्रेचर में बी. ए. किया, उसके बाद मौलाना रामपुर यूपी चले गए जहाँ पहले जमाअते इस्लामी मर्कज (केन्द्रीय कार्यालय) था। रामपुर में उन्हें इदारा ए तसनीफ़ (लेखन संस्थान) का कार्यभार सौंपा गया। फिर सन् 1970 में इदारा तहक़ीक़ व तस्नीफ ए इस्लामी अलीगढ़ यूपी की स्थापना के बाद मौलाना वहां चले गए सन् 2001 इस संस्थान के सचिव रहे। वहां से निकलने वाली त्रैमासिक पत्रिका तहक़ीक़ाते इस्लामी के जीवन पर्यंत सम्पादक रहे। 2011 से जमाअत की मासिक पत्रिका ज़िंदगी-ए- नौ के भी पांच वर्ष एडिटर रहे।

#meiakesari #latestrajasthannews #jaipurnews मौलाना जलालुद्दीन उमरी कई साल तक जमाअत की केन्द्रीय प्रतिनिधि सभा और केन्द्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे। सन् 1990 से 2007 तक जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे. उसके बाद 2007 से मार्च 2019 तक जमाअत ए इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मौलाना आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में वे जमाअत द्वारा स्थापित शरिया कोन्सिल के अध्यक्ष थे। उन्होंने इस्लाम के विभिन्न पहलुओं पर पचास से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनका अनुवाद अरबी, इंग्लिश, गुजराती, हिन्दी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, तेलगु, मराठी, बंगला इत्यादि भाषाओं में हुआ। मानवाधिकार और महिलाओं के विषय पर लिखी उनकी पुस्तकें सनद की हैसियत रखती हैं।


मौलाना जलालुद्दीन उमरी कई साल तक जमाअत की केन्द्रीय प्रतिनिधि सभा और केन्द्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य भी रहे। सन् 1990 से 2007 तक जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे. उसके बाद 2007 से मार्च 2019 तक जमाअत ए इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। मौलाना आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (All India Muslim Personal Law Board) के उपाध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में वे जमाअत द्वारा स्थापित शरिया कोन्सिल के अध्यक्ष थे। उन्होंने इस्लाम के विभिन्न पहलुओं पर पचास से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिनका अनुवाद अरबी, इंग्लिश, गुजराती, हिन्दी, तमिल, मलयालम, कन्नड़, तेलगु, मराठी, बंगला इत्यादि भाषाओं में हुआ। मानवाधिकार और महिलाओं के विषय पर लिखी उनकी पुस्तकें सनद की हैसियत रखती हैं।


जमाअत ए इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि प्रदर्शनी का उद्देश्य मौलाना द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान से लोगों को परिचित कराना और उनकी पुस्तकों को जनता के बीच लाना है ताकि लोग उनके जीवन से प्रेरणा ले सके।

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