दूदू की बजाय सांभर को बनाया जाए जिला -- कैलाश शर्मा

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काँग्रेस व राज्य हित में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से किया निवेदन


Media Kesari

Jaipur (Rajasthan)

जयपुर (राजस्थान)- जयपुर जिला देहात कांग्रेस के प्रमुख नेता कैलाश शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विनम्र निवेदन किया है कि मार्च माह के दौरान जो 19 नये जिले घोषित किए गए थे, उनमें जयपुर शहर और जोधपुर के 2-2 जिले बनाने का फैसला अब कार्यान्वित नहीं हो रहा, उसी तरह दूदू को जिला बनाए जाने का जो फैसला लिया गया है उस पर पुनर्विचार हो और दूदू के स्थान पर सांभर को जिला बनाया जाए।

कैलाश शर्मा ने स्पष्ट कहा कि दूदू को जिला बनाने से जहाँ कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान हो रहा है, वहीं राजस्थान सरकार को प्रशासनिक नुकसान भी हो सकता है। इसलिए कांग्रेस व राज्य हित में यह फैसला बदला जाना अति आवश्यक हो गया है।

अतः राजस्थान को लेकर AICC व कांग्रेस आलाकमान को कुछ करने की जरुरत नहीं है। अशोक गहलोत के कुशल नेतृत्व में राजस्थान और यहाँ की कांग्रेस महफूज और मजबूत है। राजस्थान के 125 लाख कांग्रेस वर्कर्स का मानना है कि सचिन पायलट को लेकर मुख्यधारा का मीडिया जो भी प्रचारित-प्रसारित कर रहा है वह sensation creation या hype क्रिएट करना मात्र है, इसलिए AICC को विचलित होने की जरूरत नहीं है। धरातल का सच यह है कि 125 लाख कांग्रेस वर्कर्स राजस्थान में सोनिया गांधी जी व राहुल गांधी के नेतृत्व के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखता है और वही कांग्रेस को मजबूत बना रहा है।  इन वर्कर पर AICC भरोसा करे, वही सबसे बड़ी आवश्यकता है। इसलिए सचिन पायलट को लेकर क्या फैसला करना है, इसमें AICC को उलझने की जरूरत नहीं है। सचिन पायलट अपनी राह पर है, यह उन्हें कहाँ ले जाती है यह विधाता जाने। बाकी राजस्थान की कांग्रेस अपने 60 लाख परिवारों के बूते देश में सबसे मजबूत है और 125 लाख वर्कर्स कांग्रेस का संबल है।
कैलाश शर्मा
जयपुर जिला देहात कांग्रेस
(फुलेरा विधानसभा क्षेत्र)

कैलाश शर्मा ने  कहा है कि प्रस्तावित दूदू जिले में चाकसू, मालपुरा, फुलेरा, बगरू विधानसभा क्षेत्र के तमाम उपखंड व तहसील क्षेत्रों तथा किशनगढ़ व झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के कुछ उपखंड व तहसीलों को शामिल किए जाने की प्रक्रिया गतिशील है। पर इन सभी विधानसभा क्षेत्रों में इस फैसले को लेकर बड़ा जन आक्रोश है, सभी संबंधित विधानसभा क्षेत्रों के माननीय विधायक भी इस बारे में विरोध दर्ज करवा चुके हैं। फिर भी सरकार दूदू को ही जिला बनाने के फैसले पर कायम रहती है, तो कांग्रेस को तमाम विधानसभा क्षेत्रों में पराजय का सामना करना पड़ सकता है। अतः कांग्रेस को राजनीतिक लाभ सुनिश्चित हो, इसके लिए जरूरी है कि दूदू को जिला नहीं बनाया जाए, इस बारे में जितनी प्रशासनिक कार्रवाई गतिशील हुई है, उसे वापस लिया जाए।

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कैलाश शर्मा ने यह भी बताया कि दूदू को जिला बनाने का फैसला प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी उचित नहीं था, बल्कि राजकोष पर अनावश्यक दबाव सरीखी स्थिति है। दूदू की तुलना में सांभर जिला बनने के लिए पूरी तरह डिजर्व करता है, अतः सांभर के साथ न्याय किया जाए। सांभर सपालदक्ष राज्य की राजधानी थी, इसका उल्लेख ब्रिटिश कालीन गजेटियर्स व इतिहास की अनेक प्रमाणिक पुस्तकों में किया गया है। इसी तरह इंपीरियल गजेटियर्स आफ राजपूताना (1908 मे प्रकाशित) के अनुसार सांभर जयपुर और जोधपुर दोनों स्टेट के लिए जिला मुख्यालय था , लेकिन यह स्टेटस आजादी के बाद समाप्त कर दिया गया। हालांकि राजस्थान के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ होने के साथ ही सांभर को जिला बनाने की मांग प्रारंभ हो गई थी, जो अब तक जारी है। इस प्रसंग में सांभर के साथ वास्तव मे अन्याय हुआ है, अब वक्त आ गया है कि न्याय किया जाए।

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि आजादी के बाद 55 साल से अधिक समय तक दूदू का अस्तित्व सांभर उपखंड की एक ग्राम पंचायत व तहसील मात्र का था। फागी तहसील भी सांभर उपखंड क्षेत्र के दायरे में आती थी।

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