त्वरित टिप्पणी : 76 साल हो गए सांभर को उसका हक मिले ! -- कैलाश शर्मा

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जयपुर जिला देहात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा ने CM गहलोत को लिखा पत्र


Media Kesari

Jaipur


जयपुर जिला देहात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा ने कहा है कि सांभर अंचल को जयपुर ग्रामीण जिले में समाहित करना उचित नहीं है, बल्कि जिला सांभर (फुलेरा) ही बने। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कैलाश शर्मा ने कहा है कि आजादी के ठीक पहले जब "सांभर" को रियासत-ब्रिटिश काल मे जिले का दर्जा मिला हुआ था, वह 76 साल बाद उसे लौटाया जाए।

जयपुर जिला देहात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैलाश शर्मा ने कहा है कि सांभर अंचल को जयपुर ग्रामीण जिले में समाहित करना उचित नहीं है, बल्कि जिला सांभर (फुलेरा) ही बने। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कैलाश शर्मा ने कहा है कि आजादी के ठीक पहले जब "सांभर" को रियासत-ब्रिटिश काल मे जिले का दर्जा मिला हुआ था, वह 76 साल बाद उसे लौटाया जाए।


मुख्यमंत्री को बताया गया है कि जयपुर ग्रामीण जिले पर जिले के विधायकों से जब सहमति ली गई थी, तब फुलेरा विधानसभा क्षेत्र का और खासकर "सांभर" अंचल का कोई भरोसेमंद और तथ्यात्मक रूप से पक्ष रखने वाला प्रतिनिधि नहीं था। सांभर अंचल के भविष्य को लेकर फैसले में सांभर(फुलेरा) से जनप्रतिनिधि की अनुपस्थिति के कारण इलाके का पक्ष संतुलित व समुचित तरीक़े से नहीं रखा गया। 
निवेदन किया गया है कि सांभर अंचल को जयपुर ग्रामीण जिले में रखने की बजाय अब स्वतंत्र सांभर (फुलेरा) नाम से जिला बनाया जाए। इसके लिए सरकार को साहसिक फैसला करना होगा, तभी सांभर के साथ न्याय हो पाएगा।

निवेदन किया गया है कि सांभर अंचल को जयपुर ग्रामीण जिले में रखने की बजाय अब स्वतंत्र सांभर (फुलेरा) नाम से जिला बनाया जाए। इसके लिए सरकार को साहसिक फैसला करना होगा, तभी सांभर के साथ न्याय हो पाएगा।

दूदू-नावां शामिल हों सांभर जिले में

कैलाश शर्मा ने सुझाया है कि जब दूदू के साथ समाहित होने के लिए कोई उपखंड/तहसील तैयार नहीं है, तो उसे भी सांभर (फुलेरा) जिले में शामिल कर लिया जाए। इसलिए कि आजादी के बाद 60 साल से अधिक दूदू सांभर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मात्र था।

दूदू-नावां शामिल हों सांभर जिले में कैलाश शर्मा ने सुझाया है कि जब दूदू के साथ समाहित होने के लिए कोई उपखंड/तहसील तैयार नहीं है, तो उसे भी सांभर (फुलेरा) जिले में शामिल कर लिया जाए। इसलिए कि आजादी के बाद 60 साल से अधिक दूदू सांभर उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत मात्र था।

नावाँ के बारे में बताया गया है कि आजादी के पूर्व यह सांभर जिले में ही था। अतः इसे (नावां उपखंड क्षेत्र को) 76 साल बाद सांभर जिले को लौटाया जाए। मुख्यमंत्री जी को बताया गया है कि नागौर जिला और नावां उपखंड का प्रशासन सांभर झील को संरक्षित नहीं रख पाया है। झील में 5000 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण हैं। 

नावाँ के बारे में बताया गया है कि आजादी के पूर्व यह सांभर जिले में ही था। अतः इसे (नावां उपखंड क्षेत्र को) 76 साल बाद सांभर जिले को लौटाया जाए। मुख्यमंत्री जी को बताया गया है कि नागौर जिला और नावां उपखंड का प्रशासन सांभर झील को संरक्षित नहीं रख पाया है। झील में 5000 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण हैं। पूरी नावां तहसील में सांभर झील से पानी की चोरी हो रही है। वैश्विक धरोहर सांभर झील नावां उपखंड क्षेत्र में खुर्दबुर्द हो रही है। अतः सांभर झील की संरक्षा के लिए नावां उपखंड का सांभर जिले मे शामिल होना अति आवश्यक है।


पूरी नावां तहसील में सांभर झील से पानी की चोरी हो रही है। वैश्विक धरोहर सांभर झील नावां उपखंड क्षेत्र में खुर्दबुर्द हो रही है। अतः सांभर झील की संरक्षा के लिए नावां उपखंड का सांभर जिले मे शामिल होना अति  आवश्यक है।

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