बस्सी गाँव की विश्वप्रसिद्ध Kavad (चलता फिरता मंदिर) बनाना सीखने का सुनहरा अवसर, JKK में कावड़ निर्माण कार्यशाला 12 फरवरी से

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बस्सी(चितौड़गढ़)के विशेषज्ञ देंगे निःशुल्क प्रशिक्षण 

लोक कला को नि:शुल्क सीखने का अवसर 


Media Kesari

Jaipur

जयपुर: जवाहर कला केन्द्र( Jawahar Kala Kendra) में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं की कड़ी में अब प्रदेश की प्रसिद्ध पारंपरिक लोक कला (folk art) को सीखने का अवसर मिलेगा। 12 से 15 फरवरी, 2024 तक कावड़ (a unique story telling aid for a narrative folk tradition) निर्माण कार्यशाला का आयोजन केन्द्र के ग्राफिक स्टूडियो-2 में किया जा रहा है। 

Media KesariJaipurजयपुर: जवाहर कला केन्द्र( Jawahar Kala Kendra) में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं की कड़ी में अब प्रदेश की प्रसिद्ध पारंपरिक लोक कला (folk art) को सीखने का अवसर मिलेगा। 12 से 15 फरवरी, 2024 तक कावड़ (a unique story telling aid for a narrative folk tradition) निर्माण कार्यशाला का आयोजन केन्द्र के ग्राफिक स्टूडियो-2 में किया जा रहा है।कार्यशाला में ऑफलाइन व गूगल फॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं। गौरतलब है कि बस्सी, चित्तौड़गढ़ की कावड़ ( Kavad Art of Village Bassi,


प्रतिदिन सायं 3:00 से सायं 6:00 बजे तक होने वाली कार्यशाला में नि:शुल्क हिस्सा ले सकेंगे। इसमें बस्सी चित्तौड़गढ़ के विशेषज्ञ प्रशिक्षक द्वारिका प्रसाद सुथार व सह प्रशिक्षक गोविंद लाल सुथार कावड़ (चलता फिरता मंदिर- mobile temple) निर्माण के गुर सिखाएंगे। 16 वर्ष से अधिक आयु के उम्मीदवार कार्यशाला में ऑफलाइन व गूगल फॉर्म के जरिए आवेदन कर सकते हैं। गौरतलब है कि बस्सी, चित्तौड़गढ़ की कावड़ ( Kavad Art of Village Bassi, Chittorgarh, Rajasthan) ने विश्व स्तर पर पहचान बनायी है। इसमें लकड़ी की कावड़ पर चित्रों के माध्यम से लोक कथाओं को अंकित किया जाता है, चित्तौड़गढ़ व आसपास के क्षेत्रों में इन कथाओं के वाचन की भी परंपरा है।

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