3 Back-To-Back Earthquakes Hit Jaipur Within Half An Hour
Media Kesari
Jaipur (Rajasthan)
21 जुलाई,2023
जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र से वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैलाश शर्मा ने शुक्रवार सुबह जयपुर में आये भूकंप सरीखी आपदा के संदर्भ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर वस्तुस्थिति की जानकारी दी है तथा हाई अलर्ट मोड मे सांभर झील की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा पानी की चोरी रोकने की मांग की है।
कैलाश शर्मा ने पत्र में बताया है कि शुक्रवार, 21 जुलाई सुबह जयपुर अंचल में भूकम्प के तीव्र झटके महसूस किए गए और इसका EPIC CENTRE रहा सांभर इलाका, जहाँ 4.4 MM स्केल पर इस भूकंप का संचरण देखने को मिला। इस भूंकप से पूरे जयपुर जिले में दहशत रही और जन-समुदाय सड़कों पर आ गया। ईश्वर की कृपा है कोई जन-धन हानि नहीं हुई। बहरहाल इस भूकंप के EPIC CENTRE का सांभर इलाके में होना एक खतरनाक संकेत दे रहा है और अब high alert होकर सोचने नहीं बल्कि तत्काल प्रभाव से एक्शन लेने की जरूरत है, तभी जयपुर-अजमेर-सीकर संभाग को भूकंप की मार से बचा पायेंगे।
पत्र के अनुसार चेतावनी पूर्व में भी मिली थी 2020 नवंबर माह के दौरान सांभर झील में पक्षी त्रासदी के रूप में। अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता दिखाई और सांभर झील तथा पक्षियों की सुरक्षा के लिए अक्टूबर 2021 में सांभर झील प्रबंधन एजेंसी बनाने की घोषणा की। इस एजेंसी के लिए वित्त वर्ष 2023-23 मे 10 करोड़ रुपये तथा 2023-24 के बजट के जरिये 9 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। लेकिन यह एजेंसी शासन सचिवालय और वन विभाग की फाईलों से बाहर नहीं निकल पाई है, तभी फील्ड में सक्रिय नहीं है।
नतीजा सामने है "सांभर झील" से पानी की चोरी और झील के बड़े भू-भाग पर अतिक्रमण। 40 साल से सांभर झील का पानी चोरी हो रहा है। जिस सांभर झील में 10-12 फुट पानी का भराव 90 वर्ग मील एरिया में रहता था, वह भरपूर बरसात के बाद भी सूखी पड़ी है। अंडरग्राउंड वाटर के दोहन से झील खोखली हो गई है, वाटर लेवल 500 फुट से भी अधिक नीचे चला गया है।
बताया गया है कि यह high risk situation है। 90 वर्ग मील एरिया में जमीन का खोखला होना किसी दिन भूकंप की बड़ी त्रासदी ला सकता है। अतः अलर्ट होकर जन-हित में कार्रवाई करने की जरूरत है। इसके लिए सुझाया गया है कि
1. सबसे पहले सांभर झील प्रबंधन एजेंसी को शासन सचिवालय व वन विभाग की फाइलों से निकाल कर सांभर मे स्थापित किया जाए, ताकि फील्ड में सांभर झील की निगरानी हो सके।
2. ब्रिटिश काल में सांभर झील का जो नक्शा था और तदनुसार जो जमीन भारत सरकार के नमक विभाग ने 1959 मे सांभर साल्ट्स लि. के सुपुर्द की थी, उस जमीन को संरक्षित किया जाए। अतिक्रमण से यह भूमि मुक्त हो और झील एरिया में आज भी 2500 से अधिक अवैध बोरिंग के जरिए पानी की चोरी हो रही है, उसे रोका जाए। साथ ही जो लोग यह चोरी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त एक्शन हो।
ये दो एक्शन तत्काल लेंगे तो भूंकप सरीखी आकस्मिक आपदा से हम बच सकेंगे।
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