नेता प्रतिपक्ष तय न करने पर कांग्रेस मे अनिश्चितता !

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पूर्व में कांग्रेस की विपक्ष के रूप में नहीं रही है दमदार परफॉरमेंस


Media Kesari

Jaipur

राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम (rajasthan election result 2023) आए 11 दिन हो गए, पराजय उपरांत कांग्रेस अब तक नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition of Rajasthan) तय नहीं कर पाई है, जिस कारण प्रदेश के 60 लाख से अधिक कांग्रेस विचारधारा वाले परिवारों में अनिश्चितता की स्थिति है। उधर पूरा राजस्थान भी प्रतीक्षा में है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से पूछ भी रहा है कि अब विलंब का क्या कारण है।

Media KesariJaipurराजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम (rajasthan election result 2023) आए 11 दिन हो गए, पराजय उपरांत कांग्रेस अब तक नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition of Rajasthan) तय नहीं कर पाई है, जिस कारण प्रदेश के 60 लाख से अधिक कांग्रेस विचारधारा वाले परिवारों में अनिश्चितता की स्थिति है। उधर पूरा राजस्थान भी प्रतीक्षा में है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) से पूछ भी रहा है कि अब विलंब का क्या कारण है।


राजस्थान कांग्रेस (rajasthan congress) को लेकर दो बैठकें हो चुकी हैं, पहली जयपुर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में विधायक दल की, जिसमें दिल्ली से आए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक और मधुसुदन मिस्त्री भी मौजूद थे। इसके बाद दिल्ली स्थित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (All India Congress Committee (AICC) मुख्यालय में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल समेत सभी दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा चुनाव परिणाम समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इन दोंनो बैठकों का व्यवहारिक निष्कर्ष अभी आना बाकी है और नेता प्रतिपक्ष की घोषणा भी लंबित है।


वस्तुतः AICC असमंजस में है कि नेता प्रतिपक्ष किसे बनाए। मोटे तौर पर 6 नाम मीडिया के जरिए प्रचारित हैं.. सचिन पायलट(sachin pilot), गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasra),हरीश चौधरी (Harish Chaudhary), राजेंद्र पारीक (Rajendra Pareek) और महेन्द्र जीत मालवीय (Mahendrajeet Singh Malviya)।

  पर मीडिया केसरी (Media Kesari) को छोड़कर कोई भी अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) का नाम नहीं ले रहा। जबकि वास्तविकता यह है कि वर्तमान परिदृश्य में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ही इस पद के लिए सर्वाधिक सक्षम व उपयुक्त है। तीन बार मुख्यमंत्री रहने के कारण सत्ता पक्ष के समक्ष सदैव चक्रव्यूह बनाते रहेंगे। भाजपा सरकार की तगड़ी घेराबंदी करते रहेंगे। 2003 और 2013 के विधानसभा चुनाव उपरांत अशोक गहलोत को नेता प्रतिपक्ष नहीं बनाया गया, जिस कारण विधानसभा में कांग्रेस तगड़ा परफॉर्म नहीं कर पाई थी।


लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) सामने हैं और उसके पहले भाजपा पर नैतिक रूप से दबाव बनाने के लिए अशोक गहलोत को नेता प्रतिपक्ष बनाना कांग्रेस के लिए बड़ी सफलता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। जहां तक अन्य नामों की बात है, उन पर चर्चा न की जाए तो बेहतर है। बाकी अशोक गहलोत के अलावा अन्य किसी नेता को जिम्मा दे दिया तो परफॉर्मेंस का संकट रह सकता है।

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