कांग्रेस की पराजय के वास्तविक कारण

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rajasthan election result 2023, राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023


Meda Kesari

Jaipur

राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 संपन्न हो चुके हैं। चुनाव के नतीजे भी आ चुके हैं। 

राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को फिर से सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया,ऐसे में कांग्रेस की हार पर चिंतन एवम् पराजय के वास्तविक कारणों को जानना बेहद जरूरी है जो इस प्रकार हैं -

rajasthan election result 2023, राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 Meda Kesari Jaipurराजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 संपन्न हो चुके हैं। चुनाव के नतीजे भी आ चुके हैं।   राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को फिर से सरकार बनाने का जनादेश नहीं दिया,ऐसे में कांग्रेस की हार पर चिंतन एवम् पराजय के वास्तविक कारणों को जानना बेहद जरूरी है जो इस प्रकार हैं -


1. संगठन की कमजोरी

- संगठन जिला, ब्लॉक, नगर-मंडल और बूथ स्तर पर जवाबदेह नहीं था..

क्योंकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर कोई एक्शन प्लान नहीं बताया।

- व्यवहारिक दृष्टि से PCC एक fighter के तौर पर गतिशील नहीं थी,  बल्कि कामचलाऊ भूमिका थी।

2. विधानसभा चुनाव के लिए strategy कमेटी बनी हुई थी, लेकिन उसकी भूमिका शून्य थी।

3. मीडिया कमेटी भी थी, लेकिन प्रभावशाली कार्य निष्पादन नहीं रहा।

4. वाररूम था, लेकिन वहाँ कमान ऐसे हाथों में थी, जिन्हें राजस्थान की राजनीति और ग्रासरूट फ्लेवर की समझ नहीं थी, नतीजा वाररूम कंप्यूटर-लैपटॉप से बाहर नहीं निकल पाया।

5. कांग्रेस मे जीत के प्रति will power का अभाव था, अतः पुरजोर फाईट नहीं कर पाए।

6. प्रतिपक्षी दिग्गजों यथा वसुंधरा राजे, किरोडीलाल मीणा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीयाकुमारी, वासुदेव देवनानी, प्रतापसिंह सिंघवी, कालीचरण सराफ आदि की फील्ड में घेराबंदी की जानी चाहिए थी, ताकि ये जीत न सकें, मगर इसके लिए कोई एक्शन प्लान नहीं बना।

7. वसुंधरा राजे के विधानसभा क्षेत्र से बार-बार प्रियंका गांधी के रोड़ शो की मांग आ रही थी, मगर दरकिनार किया गया।

8. सोशल मीडिया टीम भी aggressive नहीं थी, बस औपचारिकता पूरी कर रही थी।

9. मीडिया के जरिये किये गए चुनाव प्रचार/विज्ञापनों में न धार थी और न ही असर।

10. जनसभाओं के जरिए जनमानस को कांग्रेस के पक्ष में खींच सके, ऐसे प्रभावी वक्ता नहीं थे।

11. निश्चित रूप से 100 से अधिक टिकट ऐसे लोगों को दे दिए गए, जो जीतने योग्य नहीं थे.. वरना कांग्रेस 160 से अधिक सीटें जीतने में सक्षम थी।

12. टिकट/प्रत्याशी चयन प्रक्रिया दोषपूर्ण थी। सर्वे कभी चयन का आधार नहीं होता.. बल्कि आवेदक प्रत्याशियों को बुलाकर उनका विजन पूछा जाना चाहिए था। ऐसा नहीं हुआ। 


अब

1. लोकसभा चुनाव सामने हैं, इसलिए

A. कांग्रेस विधायक दल का नेता अर्थात नेता प्रतिपक्ष अशोक गहलोत ही रहें.. क्योंकि वर्तमान उपलब्ध stuff मे वे ही एकमात्र true fighter हैं।

B. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उनकी पूरी टीम बदली जानी चाहिए।

- किसी विधायक अथवा विधानसभा/लोकसभा चुनाव के पराजित प्रत्याशी को PCC प्रमुख न बनाएं। बल्कि ऐसे शख्स को मौका दें, जो 

:: राजस्थान की कांग्रेस राजनीति को हथेली की तरह जानता हो

:: जो पारंपरिक कांग्रेस परिवार से हो

:: जिसके पास राजस्थान में कांग्रेस को बूथ लेवल पर अलर्ट व एक्टिव करने की कुव्वत हो

:: जिसके पास विजनरी एप्रोच हो

:: जो लोकसभा चुनाव-2024 मे सभी 25 सीटों पर जिताने के लिए कृत-संकल्प हो

:: जो राजस्थान की भाजपा सरकार की सैंकड़ों खामियां प्रतिदिन उजागर कर मतदाताओं के समक्ष रख सके

:: जिसके पास कंटेंट हों

:: जो भाजपाई पाखंड का मुकाबला अपनी ओजस्वी वाणी से कर सके

:: जो राजस्थान भर में साठ लाख कांग्रेस परिवारों को लगातार सक्रिय रख सके..

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