Jaipur Rugs के संस्थापक एन के चौधरी ने पेरिस स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के छात्रों को सोशल एंटरप्रूनरशिप और इसमें कार्यरत महिलाओं के बारे में विस्तार से बताया
पेरिस स्कूल आफ मैनेजमेंट के छात्रों ने समझा जयपुर रग्स का सोशल एंटरप्रूनरशिप मॉडल
Les étudiants de l'École de Management de Paris sont émerveillés par le modèle d'entrepreneuriat social de Jaipur Rugs à Amer (Jaipur) !!"
Media Kesari
Amer(Jaipur)
जयपुर। पेरिस स्कूल आफ मैनेजमेंट (paris school of management) के दो सौ के करीब छात्र-छात्राओं ने जयपुर रग्स ( Jaipur Rugs) के सोशल एंटरप्रूनरशिप (Social entrepreneurship) मॉडल को देखा तथा प्रवर्तक एन के चौधरी से इसे समझाया। पेरिस (फ्रांस) का यह बिजनेस मैनेजमेंट स्कूल छात्रों को विश्व भर में उन प्रतिष्ठानों की विजिट करवाता है, जहां काम काज के लिहाज से इन्नोवेशन हुआ हो और अधिसंख्य लोगों को लाभ भी।
स्कूल के प्रेसिडेंट तारिक बोचेयर (Tarik Bouchaouir) ने बताया कि बिजनेस के इन्नोवेटिव मॉडल की स्टडी के लिए उनके छात्र जापान, ब्राजील तथा दक्षिणी अफ्रीका की विजिट कर चुके हैं। भारत में अनेक प्रतिष्ठानों के कार्य परिचालन का अध्ययन करने के बाद जयपुर रग्स (Jaipur Rugs) का मॉडल सबसे उपयुक्त लगा और उसके बाद छात्रों को यहां लाया गया।
स्कूल के छात्र-छात्राओं ने आज सबसे पहले आमेर तहसील के गांव मानपुरा माचेड़ी की विजिट की, जहां जयपुर रग्स ने करीब 50 महिलाओं में सेल्फ एंटरप्रूनरशिप विकसित की है, इन्हें घर पर कार्पेट बुनाई के लिए लूम उपलब्ध कराई है। इस तरह पचास महिलाएं कार्पेट बुनाई सेंटर संचालित करती हैं और इन्होंने अपने यहां 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रखा है। सोशल एंटरप्रूनरशिप (Social entrepreneurship) का यह मॉडल देखकर पेरिस स्कूल आफ मैनेजमेंट के छात्र चकित थे। इन छात्रों ने शांति देवी, मंजू देवी, प्रेम देवी, संतोष देवी तथा द्रौपदी देवी के यहां लगी लूमों पर विजिट किया और उनके काम काज को समझा। इन लूमों की संचालक सेल्फ एंटरप्रूनर कहलाती हैं और इनके यहां कार्यरत महिलाएं आर्टीजन।
कुछ बरसों की मेहनत के बाद ये आर्टिजन आर्टिस्ट हो जाती हैं तथा नेशनल व ग्लोबल अवार्ड भी जीत कर लाती हैं।
मानपुरा माचेड़ी से आने के बाद ये छात्र मानसरोवर इंडस्ट्रियल एरिया, जयपुर स्थित जयपुर रग्स परिसर में संस्थापक एन के चौधरी (NK Chaudhary) से मिले और इस सोशल एंटरप्रूनरशिप के बारे में सवाल भी किए।
एन के चौधरी (NK Chaudhary) ने बताया कि कार्पेट बुनाई का काम अगर फैक्ट्री लगा कर करते तो हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर व सेल्फ एंटरप्रूनर कैसे बनाते। ग्रामीण महिलाओं की अपने घर परिवार की जिम्मेदारी होती है, खेती बाड़ी भी होती है, दुधारू पशुओं का काम भी होता है, इतनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी हो जाए और वे आत्म निर्भर भी बनें, इसी मकसद से जयपुर रग्स सोशल एंटरप्रूनरशिप को प्रमोट करती है। इसमें कार्पेट बुनाई करने वाले श्रमिक नहीं बल्कि एंटरप्रूनर, आर्टिजन तथा आर्टिस्ट होते हैं।
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Le modèle d'entrepreneuriat social de Jaipur Rugs à Amer (Jaipur) époustoufle les étudiants de l'École de Management de Paris !"
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