पशुपालकों पर पड़ रही दोहरी मार
विशेष संवाददाता: ओमप्रकाश सैनी
नवलडी 【झुन्झुनू】सरकार के आनन-फानन में किए गए गलत फैसलों का ख़ामियाज़ा आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर वर्ग को ही नहीं,अपितु सम्पन्न लोगों को भी उठाना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि पूरे देश मे लॉकडाउन के साथ-साथ कई शहरों व कस्बों में कर्फ्यू भी लगा हुआ है। इस कर्फ़्यू के चलते गलियों में घर-घर तक दूध पहुँचाने वाले दूधियों पर प्रशासन ने रोक लगा रखी है। गाय-भैंस पालकर ये दूध डेयरी चलाने वाले पशुपालकों पर इस वैश्विक महामारी की दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ दूध की सप्लाई नही होने की वजह से कमाई नहीं हो पा रही है और दूध गायों को ही पिलाना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर इन पशुओं के लिए रोज चारे का प्रबंध कर पाना भी मुश्किल होता जा रहा है। आखिर चारे के लिए धन कहाँ से आए।
ऐसा ही एक मामला झुन्झुनू जिले की नवलगढ़ विधानसभा के अंतर्गत आने वाले नीमजोहड़, नवलडी आदि में देखने को मिला जहाँ गायों को दूध पिलाया जा रहा है।
कटारिया डेयरी संचालक भीमराज सैनी ने बताया कि दूध के भावों में गिरावट आई है। फिलहाल विवाह आदि समारोह पर रोक होने के कारण इकट्ठा दूध का मावा भी नही निकाल सकते हैं और न ही मिठाई आदि की दुकानें खुली हुई हैं जिससे दूध व मावे की खपत हो सके।
इसलिये गायें जो दूध देती हैं वो गायों को ही पुनः हमारे द्वारा पिलाया जा रहा है।
सवाल उठता है कि क्या प्रशासन इन पशुपालकों की समस्या की ओर ध्यान देते हुए कोई उचित कदम उठाएगा.??
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