- 'ऑनलाइन लर्निंग - चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल' का 27 जून तक होगा आयोजन
-- प्रतिभागियों ने राजस्थानी लोक नृत्य 'घूमर' के सौंदर्य और भव्यता को समझा
From the Desk ✍🏻
जयपुर, 6 जून। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के 'ऑनलाइन लर्निंग - चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल' के तहत आयोजित 'फोक डांस' सेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रतिभागियों ने 'घूमर' नृत्य के सौंदर्य और भव्यता को समझा। इस सेशन का संचालन नृत्यांगना अनिता प्रधान ने किया।
सेशन की शुरूआत में गत सेशन को संक्षिप्त में रिवाइज कराया गया। जिसमें नृत्य के दौरान हाथों के मूवमेंट्स और हाव-भाव के साथ-साथ घुमाव में सटीकता बनाए रखना शामिल था।
कलाकार ने पैरों के मूवमेंट्स, फुट टेपिंग और पारंपरिक बीट्स के साथ ताल बनाए रखने का भी रिवाइज करवाया। सेशन की शुरूआत में प्रतिभागियों को नृत्य आरंभ करने से पूर्व की जाने वाली हाथ, गले, कमर और पैरों की वॉर्म-अप एक्सरसाइज भी कराई गई।
इसके बाद, कलाकार ने गत सेशन में सिखाए 'ए जी म्हारी रूणक झुणक पायल बाजे' लोकगीत पर पारंपरिक 'घूमर' नृत्य के आगे के स्टेप्स प्रतिभागियों को सिखाए। इस सेशन का उद्देश्य प्रत्येक वर्ग और आयु के डांसर्स को इस लोक गीत की कोरियोग्राफी सिखाना था, ताकि वे दर्शकों के समक्ष इसकी प्रस्तुति दे सकें।
-- प्रतिभागियों ने राजस्थानी लोक नृत्य 'घूमर' के सौंदर्य और भव्यता को समझा
From the Desk ✍🏻
जयपुर, 6 जून। जवाहर कला केंद्र (जेकेके) के 'ऑनलाइन लर्निंग - चिल्ड्रन्स समर फेस्टिवल' के तहत आयोजित 'फोक डांस' सेशन के दूसरे दिन शुक्रवार को प्रतिभागियों ने 'घूमर' नृत्य के सौंदर्य और भव्यता को समझा। इस सेशन का संचालन नृत्यांगना अनिता प्रधान ने किया।
सेशन की शुरूआत में गत सेशन को संक्षिप्त में रिवाइज कराया गया। जिसमें नृत्य के दौरान हाथों के मूवमेंट्स और हाव-भाव के साथ-साथ घुमाव में सटीकता बनाए रखना शामिल था।
कलाकार ने पैरों के मूवमेंट्स, फुट टेपिंग और पारंपरिक बीट्स के साथ ताल बनाए रखने का भी रिवाइज करवाया। सेशन की शुरूआत में प्रतिभागियों को नृत्य आरंभ करने से पूर्व की जाने वाली हाथ, गले, कमर और पैरों की वॉर्म-अप एक्सरसाइज भी कराई गई।
इसके बाद, कलाकार ने गत सेशन में सिखाए 'ए जी म्हारी रूणक झुणक पायल बाजे' लोकगीत पर पारंपरिक 'घूमर' नृत्य के आगे के स्टेप्स प्रतिभागियों को सिखाए। इस सेशन का उद्देश्य प्रत्येक वर्ग और आयु के डांसर्स को इस लोक गीत की कोरियोग्राफी सिखाना था, ताकि वे दर्शकों के समक्ष इसकी प्रस्तुति दे सकें।
0 Comments