मार्बल कोई विलासिता की वस्तु नहीं जिस पर 18℅ टैक्स आरोपित किया जाए, रोजगार को पटरी पर लाने हेतु टेक्स स्लैब में रियायत अनिवार्य - सांसद दीयाकुमारी

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-केंद्रीय वित्त मंत्री से सांसद दीयाकुमारी ने की वार्ता

-5% जीएसटी के साथ मार्बल को विशेष आर्थिक पैकेज की कवायद




जयपुर, 7 जून। सांसद दीया कुमारी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से अनुरोध करते हुए कहा कि मार्बल उद्योग के साथ रोजगार को पटरी पर लाना है तो टेक्स स्लैब में रियायत देना अनिवार्य है। लंबे समय से मार्बल उद्योग मंदी की गिरफ्त में था और लॉकडॉउन ने तो इस व्यापार को पूरी तरह से निस्तेज कर दिया है। व्यवसाय से जुड़े क्षेत्रवासी मार्बल के भविष्य को लेकर चिंताग्रस्त है।

सांसद दीयाकुमारी ने सुझाव देते हुए कहा कि मार्बल व्यवसाय को वापस स्थापित करने और सिरेमिक टाईल्स के समकक्ष खड़ा करने के लिए मार्बल पर लगने वाले टेक्स को कोटा स्टोन की तरह 5% किया जाना चाहिए। मार्बल कोई विलासिता की वस्तु नहीं रह गया है जिस पर 18% टैक्स आरोपित किया जाए। व्यवसाय की यही गति रही तो लाखों बेबस गरीब लोग दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हो जाएंगे। 


कोरोना वायरस के चलते अपने देहली आवास से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से ऑडियो ब्रिज के माध्यम से बात करते हुए सांसद दीयाकुमारी ने पूरे संसदीय क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए मार्बल पर जीएसटी घटाने के साथ ही मार्बल व्यवसाय को बचाने के लिए विशेष पैकेज की मांग की।

सांसद ने कहा कि ओजीएल होने के कारण विदेशी मार्बल जो कि भारत में आयात हो रहा है उसमें टैक्स को बढ़ाया जाए, जिससे भारत में उत्पादित मार्बल की वैश्विक माँग बढ़ सके एवं आत्मनिर्भर भारत में मार्बल व्यवसाय भी अपना योगदान दे सके। लोकल को वोकल करने के साथ साथ ही उसको ग्लोबल भी किया जा सके साथ ही मार्बल एक्सपोर्ट की प्रक्रियाओं को सरल किया जाए। छोटे कारोबारियों के द्वारा जीएसटी रिटर्न भरे जाने पर होने वाले विलंब के ऊपर जो पैनल्टी लगायी जा रही है उसको भी कम किया जाए एवं सरकार एक बार के लिए पेनल्टी में छूट प्रदान करें।

छोटे और मध्यम व्यापारियों को आ रही दिक्कतों के बारे में भी वित्त मंत्री से विस्तार से चर्चा करते हुए सांसद ने बिजली के बिल माफ़ करने से लेकर जो लोन छोटे व्यापारियों द्वारा लिया जा चुका है उसकी किश्तों में भी केन्द्र सरकार के द्वारा रियायत दिए जाने की मांग रखी।

बातचीत के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री ने सांसद दीयाकुमारी से कहा कि इन सारे विषय पर केंद्र सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। सरकार से जो भी बन सकेगा रियायत देगी।

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