गहलोत मंत्रिमंडल में जगह पा सकता है यह तेजतर्रार मुस्लिम महिला चेहरा ? या संकटमोचक रहे इन दो विधायकों के सिर बँधेगा सेहरा ?

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संदर्भ- गहलोत मन्त्रिमण्डल विस्तार जल्द





गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार जल्द ही होने की संभावना जताई जा रही है जिसमे  जगह पाने के लिए विधायको की दौड़-धूप यूँ तो राज्यसभा चुनाव से पहले से ही जारी है। गहलोत मंत्रिमंडल का कभी भी विस्तार हो जाये इसकी चर्चा के बीच अब अपने आप को फिट करने के लिए विधायक जतन कर रहे हैं।
मुख्यमत्री अशोक गहलोत भी असमंजस की स्थिति में है कि  किस मुस्लिम चेहरो को मंत्रिमंडल में जगह दे एवं किस को राजनीतिक नियुक्तियो में फिट करें।


सूत्रों की माने तो गहलोत के सबसे नजदीक और पहली पसंद के तौर पर वाजिब अली नजर आ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण बसपा से कांग्रेस में आना और मेवात के मेव वोटरो का समर्थन जुटाना माना जा रहा है। इसके बाद दूसरी पसंद को देखे तो  सचिन पायलट गुट के युवा विधायक दानिश अबरार को माना जा रहा है। इन्हें डांग क्षेत्र को कवर करने,जिला सवाईमाधोपुर में कोई प्रतिनिधित्व ना होने के साथ ही पायलट गुट का फायदा मिल सकता है।
अगर हम बात करें महिला प्रतिनिधित्व की तो उसमें कांमा से विधायक उच्च शिक्षित, तेजतर्रार,अनुभवी,जाहिदा खान को मौका मिल सकता है। जाहिदा पिछली गहलोत सरकार में संसदीय सचिव रह चुकी हैं और गहलोत के नजदीकी मानी जाती है, वहीं दूसरी महिला के तौर पर बात करें तो राहुल प्रियंका के नजदीक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव जुबेर खान की पत्नी पहली बार रामगढ़ से विधायक बनी सफिया जुबैर का नाम भी चौकाने वाला हो सकता है। इनको राहुल प्रियंका के नजदीक होने का फायदा मिल सकता है।
सूत्र बताते हैं कि जयपुर से आमीन कागजी व रफ़ीक़ खान का नाम भी चर्चाओं मे चल रहा है। इनका प्रमुख कारण सरकार पर जयपुर में आने वाले संकट को निपटने के लिए कई बार संकटमोचक के तौर पर उभरकर सामने आ चुके हैं ये गहलोत के नजदीकी माने जाते हैं।


कुल मिलाकर अब ये देखना होगा  कि मन्त्रिमण्डल विस्तार में किस के सिर सेहरा बंधता है और किसके सिर पेंण्डिग पड़ी राजनीतिक नियुक्तियो में नबर आता है। हालांकि सूत्र ये भी बताते हैं कि विधायक का चुनाव हार चुके वरिष्ठता के आधार पर पूर्व चिकित्सामंत्री गहलोत के खासमखास दुरूमिंया को नियुक्ति देकर संसदीय सचिव के पद से नवाजा जा सकता है।



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हम बात करें मन्त्रिमण्डल विस्तार की तो मुख्यमंत्री गहलोत को नियमों के अनुसार 30 मंत्री बनाने हैं जिनमे से 23 मंत्री पहले से है,7 मंत्री बनाने शेष हैं। मुस्लिम कोटे से सिर्फ एक सालेह मोहम्मद पहले से ही सरकार में मत्री हैं। नियुक्तियो की बात करे तो वैसे तो बहुत से पद खाली है मुस्लिम चेहरो के हिसाब से देखे तो मदरसा बोर्ड और हज कमेटी जैसी नियुक्तिया भी बाकी चल रही है सिर्फ एक नियुक्त के तौर पर वक्फ़ बोर्ड में डाॅ खानुखाँ बुधवाली की ताजपोशी हुई है।


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