डोटासरा का सभी जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन का एलान
100 से अधिक विधायकों का शक्ति प्रदर्शन
मीडिया केसरी वेब डेस्क ✍🏻
जयपुर-24 जुलाई। राजस्थान में सियासी लड़ाई गहलोत बनाम पायलट के बीच चल रही थी, लेकिन शुक्रवार को यह मुख्यमंत्री बनाम राज्यपाल भी हो गई। विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को मंजूरी नहीं मिलने से नाराज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत होटल से निकलकर सौ से अधिक विधायकों के साथ राजभवन पहुँच चुके हैं। गहलोत राज्यपाल से एक-एक विद्यायक को मिलवा रहे हैं। इसी दौरान राजभवन में काँग्रेस ज़िंदाबाद और गहलोत ज़िंदाबाद के नारे भी लगे।
इससे पहले गहलोत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि राज्यपाल कलराज मिश्र संवैधानिक पद पर बैठे हैं। उन्हें अपनी अंतरआत्मा की आवाज के आधार पर फैसला करना चाहिए। उन्हें किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए। वरना राजभवन घेरने जनता आ गई, तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
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गहलोत ने राज्यपाल के बारे में पहली बार ऐसी तल्ख टिप्पणी की है। दरअसल, उन्होंने गुरुवार शाम को राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर कहा था कि विधानसभा सत्र बुलाने की मंजूरी दी जाए। इस बीच, शुक्रवार सुबह राजस्थान हाईकोर्ट ने स्पीकर को मौजूदा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दे दिए। यानी स्पीकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने तक पायलट खेमे के विधायकों पर कार्रवाई नहीं कर सकेंगे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही गहलोत ने होटल फेयरमोंट के बाहर मीडिया से बात की और राजभवन जाने का फैसला किया।
राज्यपाल पर ऊपर से दबाव
गहलोत ने कहा- हमने गुरुवार को राज्यपाल को चिट्ठी भेजकर विधानसभा का सत्र बुलाने का निवेदन किया था। हमें उम्मीद थी कि रात को वे आदेश जारी कर देंगे, लेकिन अभी तक उनका कोई जवाब नहीं आया। यह एक बेहद सामान्य प्रक्रिया है। राज्यपाल को आदेश देना पड़ता है। ऊपर से दबाव के कारण वे निर्देश नहीं दे रहे हैं।
हमारे पास बहुमत है
गहलोत बोले- राजस्थान की जनता परेशान है। राजस्थान की परंपरा सरकार गिराने की नहीं रही है। दुख इस बात का है कि अब तक राज्यपाल ने विधानसभा का सत्र बुलाने का फैसला नहीं किया गया है। मैंने राज्यपाल से फोन पर भी बात की। उनसे कहा कि आपके पद की एक गरिमा है। जल्द फैसला कीजिए, वरना हम सभी विधायक आपके पास आकर अपील करेंगे। हम सोमवार से असेंबली शुरू करना चाहते हैं। किस प्रकार का दबाव उन पर है, यह वे जाने। हमारे पास स्पष्ट बहुमत है। सरकार हम चला रहे हैं। उसके बाद भी परेशान वो हो रहे हैं।
हमारे साथी हरियाणा में बंधक
गहलोत ने कहा कि हमारे साथी गुड़गांव में बंधक बनाए गए हैं। वे भाजपा की देखरेख में बंधक हैं। बाउंसर लगा रखे हैं। कुछ हमारे पास आना भी चाहते हैं। विधायकों के फोन आ रहे हैं। वे रो रहे हैं कि हमें यहां से छुड़वाओ। हरियाणा में भाजपा की सरकार है और पूरा खेल भाजपा की साजिश है। जैसा उन्होंने कर्नाटक और मध्यप्रदेश में किया था, वैसा ही अब राजस्थान में करना चाहते हैं।
जनता आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी
गहलोत ने कहा कि सीबीआई, ईडी और आयकर भवन के छापे डाले जा रहे हैं। देश में ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा। हम राज्यपाल से कहना चाहते हैं कि आप किसी से घबराएं नहीं। वे अपनी अंतरआत्मा के आधार पर फैसला करें। अगर पूरी जनता राजभवन को घेरने के लिए आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।
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