देशभर के करीब 70 लाख सरकारी कर्मचारी / अधिकारी नवीन अंशदायी पेंशन योजना का झेल रहे दंश
मीडिया केसरी वेब डेस्क ✍🏻
जयपुर-- 13 अगस्त 2020। न्यू पेंशन स्कीम एम्प्लाइज फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि राजस्थान सहित भारत वर्ष के जनवरी 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारी 15 अगस्त 20, स्वतंत्रता दिवस को पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किये जाने की मांग को लेकर ट्विटर पर चलाये जा रहे अभियान से बड़ी संख्या में जुड़ेंगे। पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग को लेकर एनपीएसईएफआर ने ट्विटर पर एनपीएस भारत छोड़ो महाअभियान शुरू किया है।
देशभर के 70 लाख सरकारी कर्मचारी / अधिकारी नवीन अंशदायी पेंशन योजना नामक म्यूच्यूअल फंड योजना का दंश झेल रहे हैं, जो कि पेंशन योजना नहीं है तथा जिसमे लम्बी सेवा अवधि के बाद भी सेवानिवृति पर महज 600 से 900 रूपये मासिक पेंशन मिलने के उदाहरण देश भर में मिलने से कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त हैं।
प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने अभियान की जानकारी देते हुए कहा, केन्द्र सरकार ने कॉर्पोरेट जगत को खरबों रूपये के पेंशन फंड को हडपने की छूट देने के लिए 1972 के केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम के स्थान पर 1 जनवरी 2004 से भारत की सेना को छोड़कर अर्धसैनिक बलों सहित सरकारी नौकरी में आये केन्द्रीय कर्मचारियों के लिये नई पेंशन योजना शुरू की जिसका केंद्र की कॉर्पोरेट हितेषी सरकारों के दबाब में पश्चिम बंगाल के अलावा सभी राज्य सरकारों ने अंधानुकरण करते हुए एक-एक करके अलग अलग तिथि से अपने राज्यों में अंशदायी पेंशन योजना को लागू किया।
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प्रदेश समन्वयक विनोद कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान भाग XI की सातवीं अनुसूची में अनुच्छेद 245-255 राज्यों और संघ के मध्य के अधिकारों को उल्लिखित करती है जिसके अनुसार केंद्र-राज्य संबंध तीन भागों संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में विभाजित हैं । न्यू पेंशन स्कीम राज्य सूची के विषय - पेंशन पर केंद्र का अतिक्रमण है जिसका राज्य सरकारों को भी खुला विरोध करना चाहिए
वर्ष 2009 में इसे न्यू पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह नेशनल पेंशन योजना (एनपीएस) नाम दिया जाकर, केंद्र व राज्य के सरकारी कार्मिकों के अलावा कॉर्पोरेट कर्मचारी जगत सहित आम नागरिकों के लिए भी खोल दिया गया जबकि यह पेंशन योजना न होकर एक म्यूच्यूअल फंड योजना है जिसमे शेयर मार्किट निवेश जोखिम होने के बाबजूद वर्ष 2013 में संसद द्वारा पारित पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण एक्ट द्वारा न्यनतम रिटर्न की कोई गारंटी प्रदान नहीं की गयी है एवं किसी का भी निवेश सुरक्षित नहीं है।
रजनीकांत दीक्षित
सोशल मीडिया प्रभारी
इस अभियान के सोशल मीडिया प्रभारी रजनीकांत दीक्षित ने कहा कि इसके अलावा एनपीएस में कई और दिक्कतें हैं। इसमें महंगाई भत्ते में होने वाली बढ़त के मुताबिक संशोधन का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी को साल में दो बार संशोधित महंगाई भत्ते का लाभ मिलता था। संगठन केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए शेयर बाजार से जुड़ी पेंशन योजना का समर्थन नहीं करता है। इन्हीं मांगों को ध्यान में रखते हुए शनिवार,15 अगस्त को ट्विटर पर एनपीएस भारत छोड़ो महाअभियान रहेगा। देशभर में हेश टैग #NPS_QUIT_INDIA को अधिक से अधिक बार ट्वीट और रीट्वीट कर ट्रेडिंग अभियान चलाया जाएगा।फेडरेशन के नेताओं ने एनपीएस भारत छोड़ो आंदोलन की तर्ज़ पर कर्मचारियों से ट्विटर महाअभियान में जुड़ने का आव्हान करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के इस दौर में हुक्मरानों तक अपनी आवाज को पहुंचाने का यह बेहतरीन माध्यम है।
7 Comments
Nps हटाओ, Ops लाओ......
ReplyDeleteNPS हटाओ
ReplyDeleteOPS लागू करों।
#NPS_QUIT_INDIA
Quit NPS, Switch to OPS
ReplyDeleteNps हटाओ ops लाओ
ReplyDeleteQuit NPS.
ReplyDeleteBring OPS.
Nps quite india
ReplyDeleteOps k liye hum satta gira bhi sakte h aur bana bhi sakte. Ye hamare budape k sahara h aur hume ops chahiye hi chaiye
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