COVID-19--- जार्जिया में पढ़ाई करने वाले भारतीय विद्यार्थियों को बिचौलिये ईमेल द्वारा दे रहे हैं धमकियाँ, नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

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भारत की ऐजेंसी Book my University के खिलाफ़  कई संगठनों व नेताओं ने खोला मोर्चा



 प्रतिवर्ष क्रेडिट क्लियर करने की संख्या 72 से घटाकर 60 की




मीडिया केसरी वेबडेस्क ✍🏻



 नई दिल्ली /जार्जिया-- 15 सितंबर।  भारत से प्रतिवर्ष काफी तादाद में एमबीबीएस 【MBBS】करने विद्यार्थी अन्य देशों में जाते हैं। इसके लिए भारत के  कई शहरों में  बिचौलिये के रूप में एजेंसी खुली हुई हैं जो ज़रूरत के अनुसार कंसलटेंसी देती हैं।
   इसी के तहत यूरोपियन कंट्री जॉर्जिया की एक यूनिवर्सिटी में भी बच्चे अध्ययन के लिए जाते हैं।
बुक माई यूनिवर्सिटी(BMU) कंसल्टेंसी की हैड युक्ति बेलवाल है इनका हेड ऑफिस दिल्ली में है और इसके अलावा भारत के लगभग हर राज्य में ऑफिस खोल रखा है।





इस तरह लूटते हैं ये बिचौलिये



विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार  2 साल पूर्व तक भारतीय विद्यार्थियों को इस यूनिवर्सिटी में प्रवेश दिलाने के नाम पर उक्त एजेंसी द्वारा प्रति छात्र $6000 (डालर) प्रति वर्ष के हिसाब से मोटिवेट करके लिए गए थे और इसके साथ ही वायदा किया गया था कि स्टूडेंट्स को कुल 360 क्रेडिट का कोर्स पास करना होगा। प्रतिवर्ष 72 क्रेडिट जो स्टूडेंट क्लियर करेगा उसको 5 साल में डिग्री मिल जाएगी।
 लेकिन एडमिशन लेने के बाद छात्रों व उनके अभिभावकों को पता चला कि उनको तो लूटा गया है, यूनिवर्सिटी की फीस तो कम है पर उनसे  ज्यादा ली गई है। इस पर भारतीय छात्रों ने जॉर्जिया की उक्त यूनिवर्सिटी में आंदोलन छेड़ा तब जाकर पिछले वर्ष यह सफलता मिली कि जो भारतीय कंसल्टेंसी बुक माई यूनिवर्सिटी आदि ने मिलीभगत करके स्टूडेंट्स से 3300डालर यूनिवर्सिटी की वास्तविक फीस की जगह $6000 प्रति वर्ष लेते थे इसमें जॉर्जिया स्थित अमरीश नाम का व्यक्ति उनका साथ देता था स्टूडेंट्स के आंदोलन से इनका भांडा फूटा और यूनिवर्सिटी ने कहा कि हमें तो हमारे $3300 चाहिए अब वहां की फीस प्रतिवर्ष $3300 है।
 लेकिन इस बात से चिढ़कर छात्रों से  प्रतिवर्ष 72 क्रेडिट क्लियर करने का मौका छीन लिया गया और केवल पिछले साल 60 क्रेडिट ही क्लियर करने का मौका दिया गया।



ये कहना है अभिभावकों का


धीरे-धीरे करके यह पता चल रहा है कि छात्रों को 5 वर्ष के बजाय 6 वर्ष में डिग्री दी जाएगी।

छात्र यदि खुद क्रेडिट क्लियर  नहीं कर पाता है तब तो बात समझ में आती है पर बच्चों को क्रेडिट क्लियर करने का मौका ही नहीं दिया जा रहा है जोकि इनकी मिलीभगत का खेल है स्टूडेंट्स को 1 साल ज्यादा रुकना पड़ेगा उस 1 साल की फीस भी भरनी पड़ेगी और 1 साल वहां रहने का ,आने जाने का खर्चा भी उठाना पड़ेगा

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 कोरोना काल मे मिल रही धमकियाँ


वर्तमान समय में कोविड-19 वैश्विक महामारी के चलते विदेशों में अध्यनरत छात्रों को वंदे भारत मिशन कार्यक्रम चलाकर केंद्र सरकार ने बड़ी मशक्कत के साथ  सकुशल वतन वापसी करवाई थी। अभी भी कोविड-19 वैश्विक महामारी रुकने का नाम नहीं ले रही है बल्कि और भी तेज गति से फैल रही है। ऐसे में छात्रों व अभिभावकों में इस बात को लेकर भय का वातावरण बना हुआ है। इसके बावजूद भी Ltd study in Georgia नाम की कंपनी के द्वारा जिसकी मेल आईडी safeeducationgeorgia@gmail.com है,
इस मेल आईडी से स्टूडेंट्स को धमकी भरे मेल किए जा रहे हैं कि यदि आप इंडिया से वापस ऑफलाइन पढ़ाई करने नहीं आओगे तो 1 साल खराब हो जाएगा।  कुछ स्टूडेंट्स ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हमने जॉर्जिया की एजुकेशन मिनिस्ट्री में इस कंपनी के बारे में मालूम किया तो उन्होंने मेल के जवाब में बताया कि इस तरह की कोई ऑथराइज्ड कंपनी नहीं है।

इस सारे खेल में स्टूडेंट्स को बुक माई यूनिवर्सिटी की हेड युक्ति बेलवाल का हाथ भी स्पष्ट नजर आता है क्योंकि उसके कर्मचारियों व उसके द्वारा भारतीय छात्रों को परोक्ष-अपरोक्ष रूप से  जाने के लिए कहा जा रहा है।

नेता व सामाजिक संगठन मदद के लिए आए आगे



ईमेल द्वारा धमकियाँ मिलने के बाद अभिभावकों ने कई क्षेत्रीय सांसदों एवं सामाजिक संगठनों से मदद माँगी।
  राजसमन्द सांसद दीयाकुमारी व नागौर से रालोपा के सांसद हनुमान बेनीवाल ने विदेश मंत्री भारत सरकार को पत्र लिखकर  इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

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