International Day of the Girl Child 2020- कच्ची बस्ती की बालिकाओं ने कहा- हमारे लिए बने कानून हमारी ही पहुँच से हैं दूर

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 संदर्भ:- अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 2020


 FXBIS NGO के प्रतिनिधियों ने सुरक्षा आदि विषयों पर बालिकाओं से किया विचार-विमर्श

-  सैनेटरी पैड का किया वितरण



मीडिया केसरी वेबडेस्क ✍🏻


जयपुर-11 अक्टूबर। वर्ष 2012 से आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में बनाया जाता रहा है। इन वर्षों में बालिकाओं को शोषण से बचाने और उनके संरक्षण के लिए कई कानून  भी बनाये गए हैं, लेकिन जागरूकता के अभाव में वे इनका फायदा नहीं उठा पा रही हैं। जिसकी वजह से  बाल-विवाह, दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या जैसी समस्याएं आज भी समाज में व्याप्त है। आए दिन यौन शोषण, दुष्कर्म, गैंगरेप और हत्या की खबरें सामने आती रहती हैं। दुनियाभर में बेटियों के प्रति समाज का दोहरापन दिखाई देती है। लड़कियों को आज भी शिक्षा, पोषण, चिकित्सा, मानवाधिकार और कानूनी अधिकारों से वंचित रखा जाता है।


NGO FXBIS और Girls Not Bride Rajasthan मिलकर लड़कियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने व  बाल-विवाह के मुद्दे पर राजस्थान में काम कर रहे हैं। 




अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर FXBIS संस्था की जयपुर इकाई की  प्रोजेक्ट ऑफिसर  अनिता दयाल व अन्य प्रतिनिधियों ने जयपुर जंक्शन के पास स्थित सूतमिल कच्ची बस्ती में जाकर यहाँ की बालिकाओं से सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की। बालिकाओं से संवाद के दौरान उनकी कई समस्याओं की जानकारी सामने आई। 


बच्चियों ने बताया कि रेलवे ट्रैक के समीप बसी इस बस्ती में नशा व शराब की अत्यधिक बिक्री होती है। शराबी पूरी बस्ती में घूमते व सड़क पर पड़े रहते हैं जिससे छोटी लड़कियों को बाहर निकलने में डर बना रहता है।


  एक बालिका ने तो यहाँ तक कहा कि सरकार द्वारा भले ही हमारे लिए कई कानून बनाए गए हों लेकिन ये अभी भी हमारी पहुँच से दूर हैं। हमें इनका कोई फायदा नहीं मिलता। कानून प्रक्रिया इतनी धीमी व जटिल है कि कानून प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही रिश्तेदार व आस-पड़ोस वाले  बाहर निकलने पर रोक लगा देते हैं। फब्तियाँ कसते हैं।

 संवाद कार्यक्रम में उपस्थित आँगबाड़ी कार्यकर्ता जमुना ने बताया कि  यहाँ जेंडर असमानता, घरेलू हिंसा जैसी समस्याएँ आम हैं।


 

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 बाल-विवाह के विषय पर लड़कियों ने बताया कि आज भी बाल-विवाह हो रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना रहता है। प्रशासन तक की यह सोच रहती है कि लड़की ने कुछ गलत किया होगा इसीलिए माता-पिता जल्दी शादी कर रहे हैं।


 बालिकाओं द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में FXBIS  की अनिता दयाल ने जानकारी देते हुए बताया कि Child Marriage Act बनाया गया है जिसके तहत कोई भी बालिका अपने बाल-विवाह को शून्य करवा सकती है।

  अनिता दयाल ने  उनकी संस्था द्वारा संचालित विभिन गतिविधियों की  जानकारी देते हुए बताया कि संस्था द्वारा डिजिटल लर्निंग, ईमेल लिखना, एंड्राइड फ़ोन का सही इस्तेमाल करना, डे-केअर सेंटर का संचालन, ट्यूशन कक्षाएँ आदि भी संचालित किए जाते हैं। समय-समय पर अधिवक्ताओं द्वारा कानून की जानकारी दी जाती है।

 बालिका-संवाद कार्यक्रम की समाप्ति पर संस्था की ओर से सैनेटेरी पैड भी वितरित किए गए।


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1 Comments

  1. Very good team efforts being done by FXBIS and Girls Not Bride Rajasthan. Please keep it up.

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