बालिकाओं के सपने पूरे करना हम सभी की ज़िम्मेदारी : सुदर्शन सूचि
-- आदिवासी लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं झारखंड की रूमी कुमारी
मीडिया केसरी वेबडेस्क ✍🏻
जयपुर: बालिकाएं देश का भविष्य है और इन्हें आगे बढ़ाना, प्रोत्साहित करना, इनके सपनों को पूरा करना हम सभी की ज़िम्मेदारी है। बालिकाओं को शिक्षित करना और इनकी क्षमताओं को विकसित करने के योजनाबद्ध प्रयास करना आवश्यक है।
समग्र शिक्षा अभियान की उपायुक्त देवयानी ने बताया कि कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में वंचित और कमज़ोर तबके की बालिकाओं को कक्षा 6 से 8वीं तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा से जोड़ा जाता है और यहां शिक्षा के साथ साथ उनके सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास पर ध्यान दिया जाता है। सेव द चिल्ड्रन के तकनीकी सहयोग से न केवल टीचर्स को ट्रेनिंग दी गई बल्कि शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों और अभिभावकों को भी प्रशिक्षित किया गया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, तस्वारिया, अजमेर की पूर्व छात्रा लक्ष्मी ने अपने अनुभव बांटते हुए बताया कि ये केजीबीवी की शिक्षा का ही प्रभाव है कि मैं बेहद पिछड़े गांव और ग़रीब परिवार की होते हुए भी अपनी शिक्षा पूरी कर पाई और आज पैरा मेडिकल स्टॉफ के तौर पर जयपुर के मेट्रोमास हॉस्पिटल में काम कर रही हूं और अपने परिवार को आर्थिक संबल प्रदान कर पाए रही हूं। झारखंड की रूमी कुमारी ने बताया कि टीचर्स के प्रोत्साहन और प्रेरणा से वो आगे बढ़ पाई और अपने सपने पूरे कर पाई। आज मैं आदिवासी लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल हूँ।
शिक्षा विभाग, झारखंड की शिक्षा अधिकारी अनूपा टिर्की ने बताया कि बालिकाओं में आगे बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं और हमें उनके सामने आने वाली चुनोतियाँ की पहचान कर उनकी राह को सुगम बनाने के प्रयास करने चाहिये। जीवन कौशल प्रशिक्षण काफ़ी मददगार रहे हैं और उन्होंने भविष्य के सपने देखना सीखा है।
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हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनके सपने पूरे करने में मददगार बनें। उन्होंने कहा कि कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में शिक्षिकाओं की कमी को पूरा करने के समुचित प्रयास किये जा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन कम्युनिकेशन मैनेजर डॉ हेमन्त आचार्य और उप निदेशक शिक्षा कमल गौड़ ने किया।
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