ये नए-नए मुल्ला की अज़ान भर है या फिर-- दोनों महापौर इसी तरह हमेशा सुध लेकर बदलेंगी जयपुर शहर की तक़दीर और तस्वीर ?

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सफाई व्यवस्था जाँचने पैदल निकलीं हैरिटेज महापौर, लोगों से लिया फीडबैक

वार्ड 63 में कोरोना वारियर्स का किया सम्मान




मीडिया केसरी वेब डेस्क ✍🏻



जयपुर, 19 नवम्बर। शहर की सफाई व्यवस्था जांचने के लिये महापौर नगर निगम जयपुर हैरिटेज मुनेश गुर्जर ने गुरूवार को सिन्धी कैम्प, पोलोविक्ट्री, नवजीवन काॅम्पलेक्स के पीछे, वनस्थली मार्ग तथा मोती लाल अटल रोड़ का निरीक्षण किया। सफाई व्यवस्था जांचने के लिये पैदल निकली महापौर ने लोगों से फीडबैक भी लिया और अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिये।



6 माह पुराने लीकेज को सुधारने के दिये निर्देश 





निरीक्षण के दौरान सिन्धी कैम्प बस अड्डे के मुख्यद्वार के सामने लीकेज दिखने पर महापौर ने अधिकारियों से उसके बारे में जानकारी ली। इस दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां से गुजर रही पानी की पाइप लाईन में पिछले 6 माह से लीकेज है और इसकी वजह से काफी परेशानी होती है। इस पर महापौर ने डिपो मैनेजर और एक्सईएन पीएचईडी से बात कर तुरन्त इसे दुरूस्त करवाने के निर्देश दिये।


वार्ड 63 में कोरोना वारियर्स का किया सम्मान


इसके बाद उन्होंने हसनपुरा क्षेत्र में बंजारा बस्ती आदि क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कोरोना वारियर्स (सफाई कर्मचारियों) को माला पहनाकर सम्मानित किया।


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हैरिटेज मुख्यालय का किया निरीक्षण



महापौर ने हैरिटेज मुख्यालय का निरीक्षण कर निर्माण कार्यो का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्यालय के विभिन्न कक्षों का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मरम्मत का कार्य शीघ्र पूरा करवाया जाये। इस दौरान निगम के अधिकारी उपस्थित रहे।


  उल्लेखनीय है कि ठीक एक दिन पहले जयपुर स्थापना दिवस पर जयपुर की दोनों महापौर ने एकसाथ मोतीडूंगरी गणेश मंदिर व गंगापोल गेट पर पूजा की थी।

 दोनों ने ही मीडिया से बातचीत में कहा था कि निगम भले ही दो हों, पर हम दोनों मिलकर जयपुर को नंबर वन बनाएंगे।

 आपको बता दें कि दोनो महापौर  अपने-अपने क्षेत्र में रोज दौरे कर व्यवस्थाओं, अनियमितताओं का जायज़ा ले रही हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये दोनों जयपुर को और बेहतर बनाने के लिए पूरे कार्यकाल के दौरान इसी तरह कार्य करेंगी या फिर वही कहावत चरितार्थ करेंगी कि-- "नया-नया मुल्ला कुछ ज्यादा ज़ोर से अज़ान देता है...?"

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