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मीडिया केसरी वेबडेस्क ✍🏻
कुरुक्षेत्र (हरियाणा)-25 नवंबर। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब उग्र रूप ले चुका है।
पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली के लिए कूच कर चुके हैं।
किसान आंदोलन व दिल्ली कूच को देखते हुए दादरी जिला में धारा 144 लागू कर दी गई है।
झज्जर जिला में किसान संगठन की ओर से दिल्ली घेराव के मद्देनजर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। कानून की अवहेलना न हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। डीसी जितेंद्र कुमार व एसपी राजेश दुग्गल ने जिला में बनाये गए नाकों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बुधवार को कुरुक्षेत्र में किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए त्योड़ा में पुलिस का नाका लगाया गया और हाईवे पर बेरिकेट्स लगाए गए थे। इस दौरान किसानों ने तीन नाके तोड़ दिए हैं। यहां प्रशासन और पुलिस अधिकारी किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी से बातचीत भी की, लेकिन किसान नहीं मानें व आगे बेरिकेट्स तोड़कर आगे बढ़ने लगे। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन से किसानों पर पानी की बौछार कर दी। किसानों ने कुरुक्षेत्र के त्योड़ा गांव में लगाया पुलिस का नाका भी तोड़ दिया और दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ गए ।
कड़ाके की सर्दी में भीगते हुए भी किसानों ने मोर्चाबंदी जारी रखी और कुरुक्षेत्र से निकलकर करनाल की तरफ़ बढ़ गए।
किसानों का एक जत्था पहले से ही सोनीपत की ओर मार्च कर रहा है, जहां वे रात भर रुकेंगे और कल सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे।इधर गुरुग्राम में दिल्ली-हरियाणा सीमा पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। दिल्ली पुलिस भी मौके पर तैनात है। प्रशासन का प्रयास रहेगा कि किसी भी तरह से किसानों को राजधानी दिल्ली में घुसने से रोका जाए।
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इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने छह राज्यों ,उत्तर प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान, केरल और पंजाब से किसान संगठनों के सभी मांगों को खारिज कर दिया था। किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे। पुलिस का कहना है कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पिछले दो दिनों से, हरियाणा पुलिस अंबाला, भिवानी, करनाल, बहादुरगढ़, झज्जर और सोनीपत में जगह-जगह बेरिकेड्स लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोकने में लगी है. अम्बाला, हिसार, रेवाड़ी और पलवल में भी पुलिस की तरफ से किसानों को रोकने की व्यवस्था की गयी है।
गौरतलब है कि पंजाब में किसान संगठन 23 नवंबर से रेल सेवा फिर से शुरू करने को राजी हो गए थे। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और किसान संगठनों के बीच वार्ता के बाद यह सहमति बनी थी।
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