लर्निंग नहीं, तो अर्निंग नहीं !
जयपुर का ज्वैलर व्यवसाय अन्तर्राष्ट्रीय पहचान-सी.पी.गुरनानी
-स्व व्यवसाय के साथ हो ब्रान्ड की मार्केटिंग
मीडिया केसरी डिजीटल डेस्क ✍🏻
जयपुर -13 मार्च। देश मे सबसे ज़्यादा सैलेरी पाने वाले भारतीय टेक महिन्द्रा के अन्तर्राष्ट्रीय सीईओ व एम.डी. चन्द्र प्रकाश गुरनानी का जयपुर की ज्वैलर एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष राजू अग्रवाल मंगोड़ीवाला के नेतृत्व में स्वागत व अभिनंदन किया गया।
ज्वैलर एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल में ज्वैलर एसोसिएशन के अध्यक्ष रामशरण गुप्ता,सचिव अशोक माहेश्वरी,पूर्व सचिव डी.पी.खंडेलवाल व नवनिर्वाचित सदस्य अभिषेक सांड सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
इस अवसर पर टेक महिंद्रा के सीईओ सी.पी.गुरनानी ने जयपुर ज्वैलरी की अन्तर्राष्ट्रीय पहचान और ब्रांड की दिशा में पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये सुझाव दिये।
गुरनानी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इंटरनेट का उपयोग विश्व में तेजी से बढ़ा है। अनुमान है कि अकेले भारत में 2021 में 85 करोड़ इंटरनेट यूजर हो जाएंगे, ऐसे में इस ज्वैलर मार्केट का फोकस आवश्यक रूप से सोशल मीडिया यू ट्यूब,फ़ेसबुक,इंस्टाग्राम,ट्विटर सहित अन्य प्लेटफ़ॉर्म पर किया जाना चाहिये जिससे स्थानीय स्तर से वैश्विक स्तर तक व्यापार में पारदर्शिता,समन्व्य व अन्तर्राष्ट्रीय मंच के जुड़ाव में गति आए।
ग्लोबलाइजेशन के दौर में बिजनेस सेक्टर में आए दिन तरह-तरह की होने वाली व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित और व्यवस्थित करने में तकनीक अहम हिस्सा बन गई है।जितनी बड़ी ज्योग्राफिकल, सायकोलॉजिकल (ईमानदारी), डेमोग्राफिक और एथनोग्राफिक स्ट्रेंथ है उतने बड़े व्यापारी बनेंगे इसके लिए बिजनेस को इकोसिस्टम बनाने की जरूरत है। उस इकोसिस्टम को बनाने में मदद के लिए ही टूल्स, ट्रिक्स और स्ट्रेट्जी आवश्यक है।
उन्होंने इंटरेक्टिव तरीके से कई एक्टिविटी कराईं और महाभारत, रामायण, गीता से लेकर आम जीवन के विभिन्न उदाहरणों से कई महत्वपूर्ण सीख दीं। उन्होंने कहा कि जब जन्म लेते हैं तो हर कोई बराबर होता है। असीमित क्षमता होती है। पर बाद में हम खुद को सीमित कर लेते हैं। जीवन से शकुनी और मंथरा जैसी नकारात्मकताओं को बाहर करने और दूर रहने की समझाईश दी।
इस मौके पर गुरनानी ने जयपुर के आभूषण व्यापारियों को निम्न कई महत्वपूर्ण “कॉरपोरेट फ़ॉर्मूले” भी बताए--
- लर्निंग नहीं, तो अर्निंग नहीं
- बिजनेस की रूट्स मजबूत नहीं तो फ्रूट्स नहीं आएंगे
- संस्कार अच्छे होंगे तो विचार अच्छे आएंगे। विचार से व्यवहार अच्छा होगा। फिर व्यवहार का प्रचार होगा। प्रचार होगा तो व्यापार बढ़ेगा। व्यापार बढ़ेगा तो सपना साकार होगा।
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