राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी वाली पुस्तक की जबरन बिक्री मामला
राज्यपाल को टोपी पहनाकर टकनेत उड़न छू
राजभवन सांप मरने के बाद पीट रहा है लकीर
टकनेत द्वारा सचिन पायलट व डोटासरा पर भी किताब लिखना विचाराधीन
महेश झालानी -बेबाक़ क़लम✍🏻
पत्रकार
जयपुर
जयपुर-05 जुलाई। राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra, Governor of Rajasthan ) की जीवनी पर आधारित पुस्तक "मैं निमित्त मात्र हूँ" की वजह से उपजे विवाद के बाद अब जांच की कार्रवाई प्रारम्भ हो गई है । राज्यपाल मिश्र ने पुस्तक के लेखक डीके टकनेत (D. K. Taknet- Corporate historian D.K. Taknet on his book 'The Heritage of Indian Tea' ) के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है । इसके अतिरिक्त ओएसडी (OSD) गोविंद जायसवाल से समूचे प्रकरण पर स्पस्टीकरण मांगा है ।
राजभवन सूत्रों ने बताया कि जैसे ही मेरी (महेश झालानी, पत्रकार) की आज की पोस्ट "राज्यपाल को टोपी पहनाकर टकनेत उड़न छू" राज्यपाल के पास पहुंची, वे आगबबूला हो गये । उन्होंने सचिव सुबीर कुमार को निर्देश दिए कि टकनेत के खिलाफ विधिक और आपराधिक कार्रवाई अविलम्ब प्रारम्भ की जाए । साथ ही टकनेत की संस्था इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मारवाड़ी/मैनेजमेंट एन्त्रप्रयोरनशिप को आवंटित जमीन आवंटन की भी जांच करने की हिदायत दी गई है।
ज्ञातव्य है कि राज्यपाल कलराज मिश्र की जीवनी "मैं निमित्त मात्र हूँ" का विमोचन राजभवन (Rajbhawan Jaipur) में भव्य समारोह आयोजित कर किया गया । समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) विशेष रूप से उपस्थित हुए । कोरोना के बाद वे पहली बार सीएमआर से बाहर आये । जबकि चिकित्सकों ने उन्हें दो माह तक अपने निवास पर ही रहने की सलाह दी थी । इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla, Speaker of the Lok Sabha ) और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (Dr. C. P. Joshi) ने भी शिरकत की ।
बताया जाता है कि राजभवन से फोन कर प्रदेश के सभी कुलपतियों को इस समारोह में उपस्थित होने का निर्देश प्रदान किया गया था । इसकी अनुपालना में करीब करीब सभी कुलपति मय स्टाफ के उपस्थित हुए । भत्ते सहित एक कुलपति की यात्रा पर एक लाख रुपये से भी ज्यादा का व्यय हुआ । ओएसडी जायसवाल के निर्देश पर राजभवन के कर्मचारियों ने ही कुलपतियों की कार में किताबों के बंडल रखे थे ।
राज्यपाल को टोपी पहनाकर टकनेत उड़न छू
अपनी पटाने की शैली के लिए विख्यात डीके टकनेत (D. K. Taknet) राज्यपाल कलराज मिश्र को टोपी पहनाकर उड़न छू हो गया है । सांप मरने के बाद लकीर पीटने की स्टाइल में राजभवन द्वारा इसके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
अगर राजभवन द्वारा D. K. Taknet के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो खुद राज्यपाल कलराज मिश्र, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी चपेट में आ सकते हैं।। इन लोगों की उपस्थिति में राजभवन परिसर में लूट का खेल कई घंटों तक चलता रहा ।
राजभवन (Rajbhawan jaipur) की ओर से भले ही यह सफाई दी जा रही हो कि टकनेत की कारगुजारियों से उसका कोई ताल्लुक नही है । जबकि हकीकत यह है कि राज्यपाल के एक ओएसडी की निगरानी और निर्देश पर ही राजस्थान से आये कुलपतियों को जबरन किताब बेचने का धंधा किया गया । ओएसडी ने ही सभी कुलपतियों के मोबाइल और गाड़ी नम्बर टकनेत को मुहैया कराए ।
ज्ञातव्य है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन्ड इंटरप्रन्योर (International Institute of Management & Entrepreneurship - IIME ) के कर्ता धर्ता D. K. Taknet द्वारा संपादित "मैं निमित मात्र हूँ" पुस्तक को जबरन प्रदेश के सभी कुलपतियों को बेचने का समाचार सबसे पहले फेसबुक पर चला था। बाद में इंडियन एक्सप्रेस ने जब इस समाचार को प्रकाशित किया तो हड़कम्प मच गया ।
यह पुस्तक राज्यपाल की जीवनी है जिसका भव्य रूप से विमोचन किया गया । समारोह में खुद राज्यपाल के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, सीएम अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने शिरकत की । यद्यपि निमन्त्रण पत्र आईआईएमई (IIME) की ओर से भेजे गए थे । लेकिन सभी अतिथियों को आमंत्रित करने का कार्य स्वयं राज्यपाल और राजभवन ने किया।
शेखावाटी (Shekhawati ) में 1958 को जन्में डीके टकनेत की योग्यता पर किसी को संदेह नही होना चाहिए । उच्च शिक्षित टकनेत का हिंदी और अंग्रेजी पर काफी अच्छा कमांड है । शेखावटी, मारवाड़ी (Marwari Heritage) तथा बिड़ला परिवार GP Birla, BM Khetan, The Colours of Rajasthan,Gem of India,An Illustrated History of Indian Business पर ये कई किताब लिख चुके है। He has made business documentaries on many industrialists.. Philanthropy
इनके द्वारा लिखित पुस्तक "स्वान्त सुखाय" को खूब सराहना मिली । ये बिड़ला मन्दिर के ट्रस्टी भी है और इनका कैम्प कार्यालय बिड़ला मन्दिर में है ।
आकर्षक व्यक्तित्व वाले टकनेत किसी को भी एक मिनट में पटाने की कला में पारंगत है । इसलिए राज्यपाल और लोकसभा अध्यक्ष भी इसकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ गए । टकनेत के अनेक राजनेताओ और उद्योगपतियों से निकट के सम्बंध रहे है । स्व अटल बिहारी वाजपेयी, स्व भैरोसिंह गुर्जर, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और अरबो रुपये के घोटाले के आरोप में जेल जाने वाली चन्दा कोचर भी टकनेत की फैन है ।
अपने राजनीतिक और सामाजिक ताल्लुकात के चलते टकनेत ने अपनी संस्था "इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मारवाड़ी इंटरप्रयोनर" के नाम पर जेडीए से झालाना में 15453 वर्ग मीटर जमीन 12 नवम्बर, 92 को कोड़ियों के भाव आवंटित कराई । कुछ जमीन की कीमत 75 रुपये वर्ग मीटर थी तो कुछ भूमि 1 रुपये की टोकन मनी पर हासिल की । यह जमीन कैसे आवंटित हुई, जांच का विषय है । भूमि का आवंटन "इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मारवाड़ी एन्त्रप्रयोनरशिप" को हुई थी । अब जमीन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन्त्रप्रयोनरशिप के पास कैसे चली गई, यह भी पड़ताल का विषय है ।
राजभवन का कहना कि वह टकनेत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है । सवाल यह उत्पन्न होता है कि मुकदमा दर्ज किस धारा में होगा ? टकनेत ने स्पस्ट रूप से कोई धोखाधड़ी नही की है । यदि की है तो राज्यपाल कलराज मिश्र भी सह अभिययुक्त होंगे ।
ज्ञात हुआ है कि टकनेत द्वारा पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर भी किताब लिखने का विचार है ।
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