महिलाएं,बच्चे ले रहे सावन के झूलों का आनंद
Media Kesari (मीडिया केसरी)
09 अगस्त,2021
जयपुर- चांदपोल स्थित जनाना अस्पताल प्रांगण में स्थित भगवान आशुतोष काशी विश्वनाथ शिवालय में अस्पताल के स्टॉफ की ओर से सावन के तीसरे सोमवार को निवाणा के पं शास्त्री मधुसूदन के सान्निध्य में वेद विद्यालय के विद्वानों ने वेदमंत्रों से दुग्ध, औषधीय जल एवं फलों के रस से रुद्राभिषेक करवाया और लोक कल्याण व अस्तपताल में आने वाले मरीजों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की गई।
इस मौके पर स्टॉफ के सदस्यों द्वारा उज्जैन, हरिद्वार, ऋषिकेष एवं बद्रीनाथ धाम से कावड़ से लाए गए पवित्र जल से अभिषेक किया गया। शाम को बाबा की बर्फानी झांकी सजाई गई। इस मौके पर अस्पताल की अधीक्षक डॉ पुष्पा नागर एवे अस्पताल स्टॉफ मौजूद रहा। स्टॉफ ने भगवान आशुतोष से स्थाई रोजगार की भी कामना की। कावड़ यात्रा में दिलीप सिंह राठौड़, करण सिंह तंवर, शिव कुमार गुप्ता, दीपक सिंह उनियारा, अरविंद सैनी, अजय पटवा, धर्मेन्द्र सिंह सहित 18 लोग शामिल थे।
राजस्थान में ऐसे मनाते हैं हरियाली तीज
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चौंमू / कालाडेरा हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष हरियाली तीज सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है। हरियाली तीज हिन्दू धर्म का प्रमुख पावन पर्व है। राजस्थान में यह पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। धरती माँ जब हरी चादर ओढ़ लेती है यानी कि हर तरफ हरियाली ही हरियाली होती है तब हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। हरियाली तीज को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों में बड़े ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष हरियाली तीज सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है।
हरियाली तीज 2021 पूजन के शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज महिलाओं का प्रमुख पर्व है। सुहागन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज का व्रत हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व रखता है। इस बार हरियाली तीज 11 अगस्त बुधवार को पड़ रही है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त, 2021 को मंगलवार की शाम 06:05 बजे प्रारम्भ व 11 अगस्त, 2021 बुधवार को शाम 04:53 बजे समाप्त हो जायेगी। हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां व्रत रखती हैं। हाथों में मेहंदी, नई चूड़ियां और नए वस्त्र पहनकर सुहागिनें एकत्रित होकर किसी बाग या मंदिर में जाकर मां पार्वती की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहनों से सजाती हैं। सुहागिन महिलाएं श्रृंगार कर दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-आराधना और जाप करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र व परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती है। पूजा व कथा सुनने के बाद बुजुर्ग महिलाओं के पैर छू कर आशीर्वाद लिया जाता है। मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव ने देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का वर दिया था। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा करने एवं व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वर मिलता है।
हरियाली तीज पर राजस्थान में डलते है झूले
हरियाली तीज पर राजस्थान में झूले लगते हैं और मेलों का आयोजन होता है। सावन मास में पेड़ों पर डाले गये झूलों पर झूलने का मजा ही कुछ ओर है। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, सावन के मधुर लोकगीत गाती हैं और खुशियां मनाती हैं। वैसे हरियाली तीज मनाने के तरीके सब जगहों पर अलग अलग है। इस दिन नव विवाहित महिलाओं के पीहर में उनके ससुराल से बड़े बुजुर्ग सिंजारा लाते है। सिंजारे में उनके लिए घेवर मिठाईया व लहरिया आदि लाते है। सावन मास में महिलाएं रंग बिरंगे लहरिए ओढ़ना ज्यादा पसंद करती है ख़ास कर जयपुर में। वैसे आजकल सावन में लहरिया ओढ़ने का प्रचलन पूरे राज्य में हो गया है। दो दिन तक निकलती है हरियाली तीज की सवारी। हरियाली तीज पर अधिकांश शहरों में गाजे बाजों के साथ तीज की सवारी भी निकाली जाती है। तीज की शोभायात्रा में लोक कलाकारों द्वारा करतब दिखाए जाते है। तीज की शोभायात्रा में लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्यों का प्रदर्शन भी किया जाता है । जयपुर में तीज की सवारी सिटी पैलेस से निकलती है जिसे देखने देश विदेश से लोग आते है। राजा महाराजाओं के काल से चली आ रही परम्परा आज भी जारी है। शोभायात्रा में शहर के गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होते है। तीज की सवारी दो दिन तक लगातार निकलती है। लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से दो साल से तीज माता की सवारी व मेलों पर रोक के कारण तीज के पर्व की रोनक फीकी है।
जैतपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के तत्वाधान में वृक्षारोपण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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चौंमू / कालाडेरा।जैतपुरा औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार को इण्डस्ट्रीज एसोसियेशन ने वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान क्षेत्र में छायादार व फलदार 151 पौधे लगाए गए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीताराम अग्रवाल ने कहा कि पेड़ पौधे प्रकृति के लिए जरूरी होते हैं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जैतपुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरालाल शर्मा ने भी आए हुए सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रकृति का श्रंगार पेड़-पौधे ही होते हैं।
उन्होंने सभी से आह्वान किया कि सभी लोग एक- एक पौधा अवश्य लगाएं। कार्यक्रम को रीको के वरिष्ठ उप महाप्रबंधक महेंद्र सिंह, चौमू-आमेर क्रय - विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष रमेश गुलिया, प्रयास फाउंडेशन की संरक्षक डॉ शिखा मील , डॉ अनीता मिश्रा, जाट समाज अध्यक्ष सुरेश सेरावत, समेत अनेक लोगों ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम से पूर्व आगंतुकों का राजस्थानी परंपरा के अनुसार माल्यार्पण कर व साफा बांधकर स्वागत किया गया।
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