राजस्थानी व सूफी गायिकी की मिसाल हैं पद्मश्री अनवर खान मांगणियार
Media Kesari (मीडिया केसरी)
राजस्थान के थार क्षेत्र के बाड़मेर और जैसलमेर की शान समाज के आदर्श , लोक संगीत के क्षेत्र में अपनी कला का देश और विदेशों में परचम लहराने वाले संगीत के धनी उस्ताद अनवर खान मांगणियार (Anwar Khan Manganiyar) भारत के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से समानित हुए । मांगणियार समाज और सम्पूर्ण राजस्थान में खुशी की लहर दौड़ गई है।
आपको बता दें कि अनवर खान लोक संगीत के गायक होने के साथ ही सूफी गायक भी हैं। इतना ही नहीं, जब वे सूफी शैली में लोकगीत गाते हैं तो श्रोता झूम उठते हैं।
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मिरासी समाज के आदर्श अनवर खान को पद्मश्री पुरस्कार दिए जाने पर स्थानीय लोक कलाकारों में खुशी की लहर है।
थार के लोक गीत व संगीत को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने वाले अनवर खान मांगणियार को देशभर से बधाईयों का सिलसिला जारी है।
प्रसिद्ध लोक गायक जूठा खान ने भी दी बधाई
इस अवसर पर चौहटन के उस्ताद जेता खान (Ustad Jeta Khan Manganiyar) के पुत्र जूठा खान मांगणियार
(Jutha Khan Manganiyar) जो खुद एक प्रसिद्ध लोक गायक व खमंचा प्लेयर ( Traditional Khamaycha Player & Maker) हैं ने अनवर खां को बधाई देते हुए कहा कि -
"बाड़मेर और जैसलमेर की शान,संगीत के धनी,मांगणियार समाज के आदर्श और विश्व के 55 से भी अधिक देशों में राजस्थानी लोक संगीत का परचम लहराने वाले उस्ताद अनवर खां को बहुत-बहुत बधाई।
मैं उम्मीद करता हूँ कि आगे और भी इसी तरह पद्म पुरस्कारों से हमारे लोक कलाकारों को सम्मान मिलता रहेगा । देश मे बाड़मेर और जैसलमेर का नाम लोक संगीत के माध्यम से नई-नई ऊंचाईयों को छूता रहेगा।
दिल की गहराइयों से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ।
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