7th Pay Commission- 18 महीनों का बकाया DA/DR (arrear) का भुगतान करें Modi जी - Girraj Kishore Sharma

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Facebook Post को यूज़र्स व कई विद्वजनों का मिल रहा है समर्थन


कर्मचारी संगठनों व Trade Unions से केंद्र सरकार पर दवाब बनाने की अपील



Media Kesari (मीडिया केसरी)



जयपुर- 21 मई,2022। जहाँ एक ओर वर्तमान में कर्मचारियों व मजदूरों के लिए बने संघों के नेताओं की सोच संकुचित होती जा रही है। वहीं दूसरी ओर कुछ कर्मचारी नेता आज भी कर्मचारियों के हित में अपनी आवाज़ बुलंद करते नज़र आते हैं।

ऐसे ही एक वरिष्ठ कर्मचारी नेता व राजस्थान एम्प्लाइज फॉरम के मुख्य महासचिव गिर्राज किशोर शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के ज़रिए देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  हैशटैग के साथ पत्र लिखकर कर्मचारियों के हित में मांग की है।

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   ग़ौरतलब है कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक की 18 महीनों की अवधि का महँगाई भत्ता/राहत अभी तक रोका हुआ है। कर्मचारियों के हितों के लिए समय-समय पर आवाज़ उठाते रहने वाले वरिष्ठ कर्मचारी नेता गिर्राज शर्मा ने पत्र में लिखा है कि उक्त राशि हज़ारों करोड रुपये में है जिसके भुगतान के आदेश सरकार को तुरंत करने चाहिए।

   शर्मा ने अपने पत्र में आगे लिखा है कि मंहगाई से त्रस्त देश के केंद्र, राज्य, स्वायत संस्थाओं तथा सरकारी कंपनियों के सैकड़ों करोड़ कर्मचारी अधिकारी व उनका परिवार पीड़ित है।

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  इसके साथ ही शर्मा ने देश भर के केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के संघ और सभी ट्रेड यूनियंस से सरकार पर दवाब बनाने की भी अपील की। 

  

  पोस्ट को मिल रहा भरपूर समर्थन--


कर्मचारी हित में लिखी गई Girraj Kishore Sharma की उक्त पोस्ट पर users लगातार comment कर अपना समर्थन जता रहे हैं।


  राजस्थान सचिवालय में senior deputy secretary चंद्रभान सिंह (Chandrabhan Singh) अपने कमेंट में लिखते हैं कि--

   "अब तो जीएसटी GST वसूली के सारे रिकॉर्ड टूट गये। इतना अधिक वसूली की है कि बिना हायहुज्जुत किये डीए  दिया जा सकता है। जब मुफ्तखोरी के लिए खजाने खोले जा रहे हैं तो वाजिब राशि का तो भुगतान कर ही देना चाहिए।"


 आपको बता दें कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के संबंध में फैसले लेने हेतु एक  JCM बनाई हुई है। 

 इस संबंध में Baboo Lal Nai का कहना है कि JCM के members सिर्फ रस्म-अदायगी कर रहे हैं। इनके द्वारा सरकार पर कोई विशेष दवाब नहीं बनाया जाता है।

  चुरू के Puranmal Soni के अनुसार Unions अब पहले जैसी रुचि नहीं ले रही हैं।


 कुल मिलाकर सबका यही कहना है कि यह वर्ग रोटी के लिए ना तरसे एवं इसकी महती जिम्मेदारी सरकार की है।

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