Special Report on Land Mafia-योगी राज में भू-माफियाओं की पौ-बारह,खेतों में रिहायशी प्लॉट, राजस्व को चूना !

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Land mafia खुलेआम उड़ा रहे नियमों की धज्जियाँ


-आख़िर कब तक मूकदर्शक बना रहेगा तहसील प्रशासन ?


विशेष ग्राउंड रिपोर्ट--

 गुलवेज आलम सिद्दीकी ✍🏻

Media Kesari (मीडिया केसरी)

Kairana


03 अगस्त,2022


कैराना (उत्तर प्रदेश)-  शामली (shamli) जनपद के अंतर्गत आने वाले कस्बे कैराना (kairana) में इन दिनों भू माफिया (bhu mafia) नियमों, शासनादेशों को ताक पर रख कृषि योग्य भूमि पर रिहायशी भूखंड बेचने में लगे हुए हैं। इससे  प्राधिकरण का राजस्व खटाई में पड़ रहा है। 

 इस खेल को भू माफिया ( #landmafia) अपने मनमाने अंदाज में अंजाम देते हैं जिसका खामियाजा भूखंड क्रय करने वाले आम लोगों को भुगतना पड़ता है। मजे की बात तो यह है कि राजस्व कर्मियों से लेकर पालिका और प्राधिकरण कर्मियों की सांठगांठ के चलते खेतों पर रिहायशी प्लाट तैयार कर दिये गये। जिन्हें अब ऊंचे दामों पर बेचने का खेल बकायदा दुकान सजा कर खेला जा रहा है। कस्बे के तीतरवाड़ा रोड, पानीपत रोड, झिंझाना रोड, शामली रोड पर यह खेल खेला जा रहा है। खास बात तो यह है कि इन क्षेत्रों पर लगभग सभी जिम्मेदार अधिकारियों का आना जाना होता है इसके बाद भी आज तक बड़े पैमाने पर राजस्व को चूना लगाने वाले इस खेल पर किसी ने भी उंगली नहीं उठाई। 

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Land Mafia defrauding the revenue ... residential plots in fields in Adityanath Yogi Raj


तहसील प्रशासन  की छूट का ही नतीजा है कि लोग वहां मनमाने तरीके से मोटी कमाई के चक्कर में मनमाने तरीके से बेच रहे हैं।  इन दिनों पानीपत रोड पर नई बस्ती में जमीनों और खेतिहर जमीनों पर कुछ इसी प्रकार का खेल खेला जा रहा है। इस सम्बंध में एक दो नहीं बल्कि कई कई बार शिकायतों के बाद भी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।


क्या-क्या हैं खामियां और क्या रहनी चाहिए सावधानी


- खेतिहर जमीन से पहले कराना पड़ता है भूमि प्रकार में परिर्वतन

- खेतिहर जमीनों पर प्लाटिंग करने से पहले कराना पड़ता है प्राधिकरण से ले आउट पास


- ले आउट पास करने के बाद प्लाटिंग करने वाले को पार्क, सड़क, बिजली आदि की करनी होती है व्यवस्था


- खेतिहर जमीन से अधिक लगता है आवासीय भू खंडों की लिखापढ़ी में स्टाप

- प्राधिकरण की अनुमति लेने के बाद ही हो सकती है प्लॉटिंग


लेकिन यह सब उल्टा ही होता दिख रहा है। बगैर किसी अनुमति के भू माफिया कृषि भूमि पर प्लॉटिंग कर रहे हैं। 

Enemy Property Act 1968


भू माफियाओं की मनमानी के चलते कैराना तहसील प्रशासन के अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं। तहसील प्रशासन के अधिकारियों द्वारा कोई कार्यवाही अमल में न लाने से सरकार को चूना लग रहा है। सूबे के मुखिया योगी ( #Yogi) के अधिकारी कैराना तहसील प्रशासन में बैठे भूमाफिया में कब्जा धारियों पर बड़ी-बड़ी कार्यवाही के दावे तो करते हैं लेकिन कब्जाधारकों व भू माफियाओं के सामने घुटने टेकते नजर आते हैं। 


  आपको बताते चलें कि कस्बे के रामडा रोड पर लगभग 15- 16 बीघा शत्रु संपत्ति की भूमि पर अवैध कब्जा कर भवनों का निर्माण कर कब्जाधारी विराजमान है। कैराना तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने पूर्व में मुख्यमंत्री योगी के आदेशों का पालन करते हुए शत्रु संपत्ति पर से मात्र 6 कब्जाधारकों से कब्जा मुक्त कराया था। लेकिन बाकी कब्जा धारकों के सामने कैराना तहसील प्रशासन के अधिकारी ने घुटने टेक दिए है। 

  यह तो समय के गर्भ में छुपा है कि तहसील प्रशासन के अधिकारी शत्रु संपत्ति पर से अवैध कब्जा हटाकर कब्जा धारकों पर कब कार्यवाही करते हैं? व भू माफियाओं पर क्या कार्रवाई अमल में लाता है? या ऐसे ही मूकदर्शक तहसील प्रशासन  बना रहेगा..??

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