Ashok Gehlot यदि AICC President बनते हैं तो देश व कांग्रेस दोनों के लिए हितकारी होगा !
कैलाश शर्मा ✍🏻
फुलेरा विधानसभा क्षेत्र
Media Kesari (मीडिया केसरी)
जयपुर- 29 सितंबर 2022
आज अशोक गहलोत ने जिस विनम्रता और सदाशयता का परिचय दिया, वह भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण प्रसंग हो गया है। एक ऐसे कर्म के लिए विनम्रतापूर्वक माफी मांगना, जो वस्तुतः किया भी नहीं और हुआ भी नहीं। लेकिन कांग्रेस के लिए समर्पित भाव ने अशोक गहलोत को सच में "अशोक महान" कर दिया है। निर्दोष होते हुए भी माफी वही मांग सकता है, जिसके दिल में सामंजस्य का भाव है और जो सब कुछ संतुलित करना चाहता हो। एक बहुत विराट दिल और सोच का इजहार अशोक गहलोत ने किया, जिसके लिए देश के तमाम सच्चे और निष्ठावान कांग्रेस जनों की तरफ से साधुवाद और आभार।
इस माफी या स्वीकारोक्ति से अशोक गहलोत का राजनीतिक कद बहुत बढ़ गया है। भाजपा, मीडिया और कांग्रेसजनों मे एक वर्ग भले ही अशोक गहलोत के लिए अनुचित वाणी बोल रहे हों, लेकिन सत्य अपनी जगह कायम है और सत्य यह है कि अशोक गहलोत आज की भारतीय राजनीति में शुचिता और गवर्नेंस दोनों के लिहाज से अतुलनीय हैं।
आज कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे से उन्होंने मना किया, यह सुनकर देश में 100 करोड़ से अधिक समझदार किशोर-युवा एवं वयस्कों के मन आहत हैं और सब निशब्द हैं। इसलिए कि वर्तमान परिदृश्य में जबकि टीम नरेन्द्र मोदी अधिनायकवादी नजरिए से जन-जन पर प्रहार कर रही है, ऐसे में समूचे राष्ट्र की एकमात्र उम्मीद अशोक गहलोत है। वे कांग्रेस अध्यक्ष बनते, तो न केवल कांग्रेस मजबूत होती बल्कि केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब होती। आज देश भाजपा शासन द्वारा दी जा रही त्रासदी भुगतने के लिए अभिशप्त है, उससे मुक्ति केवल अशोक गहलोत ही दिला सकते हैं।
जहाँ तक बात राजस्थान की है, तो यहाँ कांग्रेस विधायक दल का 85% से अधिक स्पष्ट समर्थन उनके साथ है। ऐसे में राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इस प्रश्न की आवश्यकता नहीं है। फिर भी सोनिया गांधी के निर्देशानुसार यदि नेतृत्व परिवर्तन की कवायद होती है, तो ऐसे में नो कमेंट्स, क्योंकि हम कांग्रेस के सच्चे सेवक और अनुगामी हैं।
एक कांग्रेस विचारक और सेवक के रुप में इतना जरूर कहेंगे कि देश, काल-परिस्थिति और वर्तमान परिदृश्य देखते हुए अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहते हैं तो वह शुभ रहेगा और साथ में AICC President बनते हैं तो देश व कांग्रेस दोनों के लिए हितकारी होगा।
अब सब कुछ देश और कांग्रेस के भाग्य पर निर्भर है। यदि भाजपा शासन की अराजकता झेलनी है, तब तो कोई और परिदृश्य नजर आ सकता है। यदि देश के भाग्य में Good Governance और कांग्रेस के भाग्य में सु-नेतृत्व लिखा है तो अशोक गहलोत के हाथ में सदारत जरूरी है।
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