Yellow Journalism/Fake News--समाज में छिपे "दलाल पत्रकार" रूपी गद्दारों के खिलाफ एकत्र होकर जंग लड़ने की जरूरत !

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पत्रकारों दलाली छोड़ो.... दलालों पत्रकारिता छोड़ो !


सावधान... बहरूपिये पत्रकार सोशल मीडिया पर अपने पक्ष में जुटा रहे हैं समर्थन !


गुलवेज आलम सिद्दीकी✍🏻

Media Kesari (मीडिया केसरी)

Kairana (Uttar Pradesh)


कैराना-(उत्तर प्रदेश) 14 सितंबर,2022

 समाज में कुकुरमुत्तो की तरह फैले एवं समाज को भ्रमित करने वाले "दलाल पत्रकारों" (dalal patrakar) पर अब स्वतंत्र होकर कलम चलाने की जरूरत है। दलाल पत्रकारों को समय-समय पर आईना दिखाने का स्वतंत्र होकर अपनी कलम से प्रयास करते रहना चाहिए। वरना, यह दलाल पत्रकार देश के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की गरिमा को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कैराना कस्बे में समाज में छिपे गद्दारों को सबक सिखाने का अब समय आ गया है। एक बहरूपिया किस्म का दलाल पत्रकार पत्रकारिता का चोला ओढ़कर और अपने आप को एक संस्थान का अध्यक्ष बताते हुए समाज को भ्रमित कर अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने का काम कर रहा है।

#mediakesari yellow journalism examples history the fake news fact check dalal media dalal patrkar latest kairana news kairana ki taza khabar गद्दार पत्रकार, बिकाऊ मीडिया पत्रकारों दलाली छोड़ो   समाज में कुकुरमुत्तो की तरह फैले एवं समाज को भ्रमित करने वाले "दलाल पत्रकारों" (dalal patrakar) पर अब स्वतंत्र होकर कलम चलाने की जरूरत है। दलाल पत्रकारों को समय-समय पर आईना दिखाने का स्वतंत्र होकर अपनी कलम से प्रयास करते रहना चाहिए। वरना, यह दलाल पत्रकार देश के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की गरिमा को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कैराना कस्बे में समाज में छिपे गद्दारों को सबक सिखाने का अब समय आ गया है। एक बहरूपिया किस्म का दलाल पत्रकार पत्रकारिता का चोला ओढ़कर और अपने आप को एक संस्थान का अध्यक्ष बताते हुए समाज को भ्रमित कर अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने का काम कर रहा है।  पूर्व में एक सम्मेलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सूत्र बताते हैं कि जिस कार्यक्रम के नाम से इस दलाल पत्रकार ने कस्बे व क्षेत्र के चिकित्सकों, खनन माफिया, भू- माफिया, राजनेता व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अवैध उगाही की थी। जिसके बाद यह दलाल पत्रकार चर्चाओं में आ गया था।

Yellow Journalism/Fake News--There is a need to unite and fight the war against the "Dalal Patrakar" hidden in the society!


 लेकिन, समाज में छिपे गद्दार अब स्वतंत्र पत्रकार की कलम से बच नहीं पाएंगे, उनकी सारी काली करतूतें समाज के सामने उजागर  करने का प्रयास किया जाएगा।


समाज में छिपे कीड़ों को अब कुचलने की जरूरत


समाज में छुपे कीड़ों को अब स्वतंत्र होकर कलम के माध्यम से कुचलने की सख्त जरूरत है। चूंकि समाज को फेक न्यूज़ ( #fakenews ) के ज़रिए भ्रमित कर भोली- भाली जनता को समाज में छिपा भेड़िया एक बहरूपिया किस्म का दलाल पत्रकार (bikau media) अपना निशाना अपनी हवस की भूख का निवाला बनाने पर उतारू है। 

  पूर्व में एक सम्मेलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सूत्र बताते हैं कि जिस कार्यक्रम के नाम से इस दलाल पत्रकार ने कस्बे व क्षेत्र के चिकित्सकों, खनन माफिया, भू- माफिया, राजनेता व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अवैध उगाही की थी। जिसके बाद यह दलाल पत्रकार चर्चाओं में आ गया था।


पीत पत्रकारिता पीत पत्रकार news #mediakesari yellow journalism examples history the fake news fact check dalal media dalal patrkar latest kairana news kairana ki taza khabar गद्दार पत्रकार, बिकाऊ मीडिया पत्रकारों दलाली छोड़ो   समाज में कुकुरमुत्तो की तरह फैले एवं समाज को भ्रमित करने वाले "दलाल पत्रकारों" (dalal patrakar) पर अब स्वतंत्र होकर कलम चलाने की जरूरत है। दलाल पत्रकारों को समय-समय पर आईना दिखाने का स्वतंत्र होकर अपनी कलम से प्रयास करते रहना चाहिए। वरना, यह दलाल पत्रकार देश के चौथे स्तंभ पत्रकारिता की गरिमा को ध्वस्त करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। कैराना कस्बे में समाज में छिपे गद्दारों को सबक सिखाने का अब समय आ गया है। एक बहरूपिया किस्म का दलाल पत्रकार पत्रकारिता का चोला ओढ़कर और अपने आप को एक संस्थान का अध्यक्ष बताते हुए समाज को भ्रमित कर अपनी काली करतूतों पर पर्दा डालने का काम कर रहा है।  पूर्व में एक सम्मेलन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सूत्र बताते हैं कि जिस कार्यक्रम के नाम से इस दलाल पत्रकार ने कस्बे व क्षेत्र के चिकित्सकों, खनन माफिया, भू- माफिया, राजनेता व सामाजिक कार्यकर्ताओं से अवैध उगाही की थी। जिसके बाद यह दलाल पत्रकार चर्चाओं में आ गया था।


  तरह-तरह के षड्यंत्र रच रहा बहरूपिया


सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार समाज में छिपे गद्दार अब तरह तरह के षड्यंत्र रचने पर उतारू हो गए हैं। उन बहरूपियो को डर है कि अगर समाज के सामने उनका असली चेहरा सामने आ गया तो उनके दलाली के अड्डे बंद हो जाएंगे। एक दलाल पत्रकार अपने काले कारनामों पर पर्दा डालने के लिए  आजून-माजून साथियों के साथ साहब के दरबार में पहुंच गया। सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि दलाल पत्रकार साहब के दरबार में खड़ा होकर रोता गिड़गिड़ाता हुआ बोला समाज में गंदगी फैली हुई है और मैं अपना अखबार व पत्रकारिता लाइन छोड़कर इस गंदगी को अब साफ करूंगा। क्या इस दलाल पत्रकार को नहीं मालूम समाज की सुरक्षा के लिए पुलिस के नौजवान व आला अधिकारी कैराना की सरज़मीं पर हैं। वही कैराना में सच्चे कलमकारो का जाखिरा भी सक्रिय है। दलाल पत्रकार के साहब के दरबार में पहुंचने की खबर कस्बे में आग की तरह फैल गई। जिसके बाद कस्बे में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। वहीं, चर्चा यह हो रही है कि यह दलाल पत्रकार पहले अपने गिरेबान में झांके फिर समाज हित की बात करें। सूत्र बताते हैं कि लेकिन, दलाल पत्रकार का लहजा साहब के सामने कहने का कुछ और ही बयां कर रहा था। जैसे कि यह  दलाल पत्रकार अब गुंडा माफिया बनकर कानून को अपने हाथ में लेकर समाज में छिपे गद्दारों को गोलियों से भून डालेगा? 


 समाज में छिपे गद्दार अब करेंगे धरना प्रदर्शन


 सूत्र बताते हैं कि इंटरनेट मीडिया पर  समाज में छिपे गद्दार बहरूपिया किस्म के दलाल पत्रकार एक पोस्ट वायरल कर रहे हैं। 

 पोस्ट में लिखा है कि स्मेक तस्कर, हत्यारे, अपराध में संलिप्त पत्रकारों के विरुद्ध कोतवाली में शांतिपूर्वक धरना दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि समाज में छिपे गद्दार बहरूपिया किस्म के दलाल पत्रकार के आजून-माजू साथी के द्वारा जनता से भी शांतिपूर्वक धरना में सहयोग की अपील की जा रही है। जिस पोस्ट की कस्बे में चर्चा हो रही है कि  दलाल पत्रकार व आजून-माजू उसके साथियों के द्वारा सच्चे कलमकारों को सच्चाई लिखने से रोकने के लिए यह षड्यंत्र रच कर  प्रशासन का दबाव बनाने के लिए कोतवाली में शांतिपूर्वक धरना देने का ऐलान किया है।  सूत्र बताते हैं कि उनकी यह मंशा है कि शांतिपूर्ण धरने से उनके काले कारनामों पर पर्दा डल जाएगा।

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