विधानसभा चुनाव-2023
rajasthan assembly election 2023
Exclusive interview with Kailash Sharma
Media Kesari
Jaipur
जयपुर ग्रामीण की सीट नंबर 44 फुलेरा कांग्रेस लगातार हार रही है। विगत 6 चुनाव में कांग्रेस 5 बार पराजित हुई है और 21 वीं शताब्दी में एक बार भी नहीं जीत पाई।
राजस्थान के प्रमुख पत्रकार और प्रखर कांग्रेस विचारक कैलाश शर्मा ने राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सह प्रभारी अमृता धवन से मिलकर वस्तुस्थिति बताई है और स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस अगर राजनीतिक-सामाजिक समीकरणों को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें टिकट देती है तो वे यह सीट 45-60 हजार वोटों के अंतर से जीत सकते हैं।
मीडिया केसरी ने प्रदेश कांग्रेस के वार-रुम परिसर में उनसे जो बात की, वह यहाँ प्रस्तुत है :---
कांग्रेस के लिए आपने क्या किया, जो टिकट मांग रहे हैं?
- मेरा परिवार एक शताब्दी से कांग्रेस के लिए समर्पित व सतत सक्रिय है। दादाजी बनवारीलाल शर्मा स्वतंत्रता सेनानी थे। खुद मैंनेने कांग्रेस के लिए 1972 से काम करना शुरू कर दिया था, जबकि चौथी कक्षा कि छात्र था। तब अपने वार्ड एरिया की मतदाता पर्चियाँ भरकर अपनी बाल-सेना के साथ वितरित की थी। 1977 के लोकसभा-विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए बूथ पर बैठे थे, तब से हर लोकसभा, विधानसभा व नगरपालिका चुनाव में कांग्रेस की सच्चाई से सतत सेवा कर रहे हैं। 1983 मे सांभर नगर युवक कांग्रेस के महामंत्री थे और टीम युवक कांग्रेस के साथ कांग्रेस का जिला स्तरीय सम्मेलन 1984, जुलाई में आयोजित करवाया था।
पेशे से मैं पत्रकार हूँ। नवभारत टाइम्स जयपुर मे उप संपादक, दैनिक भास्कर जयपुर मे प्रभारी बिजनस पेज व एक बिजनस डेली मे संपादक के तौर पर काम किया है और आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक मामलों में गहरी पकड़ है।
आपकी जीत के दावे मे दम कितना है?
- 1. कांग्रेस के निष्ठावान तथा सतत सक्रिय साथियों व इलाके के मतदाताओं का भरोसा है।
2. चुनाव जीतने के लिए जरूरी होती है जीत की ललक, सो वह है।
3. एक परफेक्ट रोड़मैप व एक एक्शन प्लान महत्वपूर्ण होता है, वह है और तदनुसार प्रभावी करने की क्षमता।
4. बूथ का माइक्रो मैनेजमेंट चुनाव में जीत दिलवाता है। फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के 66 हजार परिवारों में 30 हजार कांग्रेस के लिए समर्पित हैं।
- 24 हजार परिवार भाजपा विचारधारा के हैं।
- शेष 12 हजार परिवार हवा का रुख व प्रत्याशी देखकर फैसला करते हैं।
मुझे कांग्रेस के लिए समर्पित सभी परिवारों का संपूर्ण सहयोग मिलेगा, यह विश्वास है।
जो 24 हजार परिवार भाजपा विचारधारा के हैं, उनमें 10-12 हजार परिवार मेरे निजी संपर्क, मेरे व्यवहार, मेरे प्रति विश्वास, मेरे विजन आदि से प्रभावित हैं और मुझे वोट करेंगे यह सत्य है।
जब कांग्रेस के 30 हजार, भाजपा के 12 हजार अर्थात कुल 42 हजार परिवारों का साथ एकजुट होगा तो हवा के साथ चलने वाले 12 हजार परिवारों में 80% से अधिक का साथ मुझे मिलेगा और इस समीकरण से मैं यह सीट 45-60 हजार वोटों से जीतने की स्थिति में हूँ।
कोई बागी खड़ा हो गया, तो ?
- वाजिब सवाल है। जिन्हें टिकट नहीं मिली, उनमें से कोई बागी खड़ा होता है तो यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। बाकी मैंने-मेरे परिवार ने कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों का अब तक के सभी विधानसभा-लोकसभा व स्थानीय निकाय चुनाव में पूरा सहयोग किया है, अतः उम्मीद कर सकते हैं कि जिन्हें टिकट नहीं मिली वे कांग्रेस का साथ दें। फिर भी बागी खड़े होते हैं तो इलाके के सच्चे कांग्रेस जन बागियों का साथ नहीं देते, यह विश्वास है। हवा का रुख व प्रत्याशी देखकर वोट करनेवाले समझदार हैं, वे बेहतर चयन करेंगे। अतः बागी कितना भी प्रभावशाली हो, उसे समुचित जन-समर्थन नहीं मिलेगा और मुझे बागी से कोई नुकसान नहीं है, बल्कि तकनीकी रूप से बड़ा फायदा है।
आपको टिकट नहीं मिला, तो ?
- मेरा परिवार कांग्रेस का सेवक रहा है। टिकट मांगना और उसके लिए अपना पक्ष मजबूती से रखना सभी का अधिकार है। मुझे टिकट नहीं मिला तो मलाल जरूर होगा, लेकिन हम कांग्रेस का मान रखने वाले हैं। कांग्रेस हमारे लिए मां समान है, अत: मां के प्रति जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे। हम कांग्रेस के साथ हैं और रहेंगे।
चुनाव जीतने के बाद?
- बहुत महत्वपूर्ण सवाल है
मैं कांग्रेस के दिग्गजों से आग्रह करता हूँ कि यह टिकट मैं खुद विधायक बनने की मंशा से नहीं बल्कि वह शक्ति व क्षमता लेने के लिए मांग रहा हूँ, ताकि फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के लिए वह सब करवा सकूँ, जिसके लिए यह इलाका हकदार है।
नजदीक मे महेंद्र चौधरी ने नावां के लिए, लालचंद कटारिया जी ने झोटवाड़ा के लिए और बाबूलाल नागर ने दूदू के लिए जो किया, उसकी तुलना में फुलेरा विधानसभा क्षेत्र को 2% भी नहीं मिला।
अब तक जो भाजपा विधायक रहे, उनकी भूमिका पर नो कमेंट्स, लेकिन इलाके को अल्प विकसित देखकर तकलीफ होती है। बहुत पोटेंशियल है इस इलाके में, जहाँ विकास की नई
इबारत लिखी जा सकती है। चारों नगरपालिका क्षेत्रों व सभी 46 ग्राम पंचायतों का संपूर्ण विकास मेरा विजन है। इस इलाके में पर्यटन-औद्योगिक अर्थव्यवस्था का विस्तार कर एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है। मेरा 108 सूत्री एजेंडा है, जिसे चुनाव जीतने के बाद तीन साल के भीतर कार्यान्वित करना है। मकसद है जो लोग सांभर-नरैना, फुलेरा-रैनवाल छोडकर चले गए, वे फिर अपनी धरती मां का वंदन करें और उनकी वर्तमान व अगली पीढ़ी को इस इलाके में कमाई के अकूत अवसर मिलें। जयपुर, अजमेर, किशनगढ़ व मकराना गये परिवार यहाँ वापसी के लिए लालायित हों, इसी मे सार्थकता है। एजेंडा implement कैसे होना है, इसका perfect plan है।
मैं यह चुनाव अपने लिए नहीं बल्कि इलाके की समृद्धि के लिए लड़ना चाहता हूँ।
1 Comments
Sir,Rajasthan needs visionary leaders like you,so that the vast potential that this State has,can be Exploited to the full.. Eagerly looking forward to your leadership role in Politics... Wishing you All the success in your new innings,after an illustrious carrier in Media.
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