विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस
-आईआईटीएम, एनटीपीसी एवं आरएसपीसीबी के मध्य एमओयू
-शीघ्र ही जयपुर में वायु प्रदूषण की चेतावनी की जाएगी जारी
Media Kesari
Jaipur (Rajasthan)
जयपुर- राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण स्वास्थ्य मानव स्वास्थ्य एवं भविष्य से सम्बंधित है। अतः इस अवसर पर हम सब को पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संकल्पित होकर इस ओर कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशील है और इस दिशा में मंडल द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे है। इस मौके पर उन्होंने जयपुर के लिए विकसित किये जा रहे वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान मॉडल, एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम, मर्जर ऑफ़ कंसेंट स्कीम, एन्ड ऑफ़ लाइफ व्हीकल के एफएक्यू, पर विस्तार से चर्चा कर राज्य में प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में किये जा रहे प्रभावी कार्यों पर प्रकाश डाला।
अग्रवाल मंगलवार को होटल मेरियट में विश्व पर्यावरण स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में सदस्य सचिव विजय एन ने आरएसपीसीबी की कार्यप्रणाली एवं किये जा रहे नवाचारों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है एवं भविष्य में भी इस तरह के आयोजन किये जाते रहेंगे ताकि हितधारकों के साथ आमजन को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जा सके।
इस अवसर पर पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की संयुक्त सचिव मोनाली सेन ने राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए पर्यावरण स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा की। वही वन विभाग के पीसीसीएफ मुनीश गर्ग ने वन विभाग द्वारा राज्य में वृक्षारोपण एवं वन आवरण में वृद्धि करने के लिए संचालित की जा रही ट्री आउटसाइड फारेस्ट इन राजस्थान योजना के विकास एवं आने वाले समय पर प्रभाव की विस्तार से चर्चा की। रीको के प्रबंध निदेशक डॉ. अरुण गर्ग द्वारा जयपुर जिला अंतर्गत जमवारामगढ़ में थोलई में रीको द्वारा विकसित किये जा रहे इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क की विस्तृत जानकारी दी गयी।
शीघ्र ही जयपुर में वायु प्रदूषण की चेतावनी की जाएगी जारी
मौसम की तर्ज पर अब जयपुर में वायु प्रदूषण की चेतावनी भी जारी की जाएगी। इस कार्य के लिए आईआईटीएम (Indian Institute of Tropical Meteorology) पुणे एवं आरएसपीसीबी के मध्य एमओयू साइन किया गया। इस तकनीक के माध्यम से वायु प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकेगा साथ समय रहते बचाव के उपाय किये जा सकेंगे। ऐसे में राज्य की आमजनता को प्रदूषण मुक्त वातावरण उपलब्ध करवाने का यह एक अहम प्रयास साबित होगा।
नए 15 सीएएक्यूएमएस केंद्र होंगे स्थापित
राज्य के प्रत्येक ज़िले में वायु प्रदूषण पर सतत निगरानी रखने के राज्य में नए 15 सीएएक्यूएमएस केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से एनटीपीसी (NTPC) एवं आरएसपीसीबी (RSPCB)के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर साझा किये गए। जिसके माध्यम से वायु प्रदूषण के विभिन्न मापदंडों पर सतत निगरानी राखी जा सकेगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में कुल 43 सीएएक्यूएमएस केंद्र में 2 जीपीएस युक्त मोबाइल वे के माध्यम से वायु प्रदूषण पर निगरानी रखने का कार्य किया जा रहा है।
एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम जारी
इस मौके पर उद्योगों द्वारा किये जा रहे पर्यायवरण संरक्षण के प्रति प्रयासों एवं प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा जारी नियमों की पालना को सुनिश्चित करने के लिए एन्वॉयरन्मेंटल ऑडिट स्कीम जारी की गयी। जिसके तहत 17 क्ष्रेणी की अत्यधिक प्रदूषण वाले उद्योगों, सभी सीईटीपी,कॉमन ट्रीटमेंट,स्टोरेज एवं डिस्पोजल फैसिलिटीज ऑफ़ हजार्डियस वेस्ट,म्युनिसिपल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित अन्य उद्योगों से सम्बंधित प्रदूषण नियंत्रण के अपनायी जाने वाली कॉमन फैसिलिटीज शामिल एवं अन्य प्रकार के उद्योग एवं माइन्स शामिल है। यह ऑडिट कार्य आरएसपीसीबी के विभिन्न नियमों एवं प्रावधानों के तहत एन्वॉयरन्मेंट ऑडिटर्स द्वारा सम्पादित किया जायेगा जिसके एवज में एन्वॉयरन्मेंट ऑडिटर को 12000 रूपए प्रतिमाह का पारिश्रमिक दिया जायेगा।
अब एक से अधिक समितियों का किया जायेगा विलय
इस अवसर पर मर्जर ऑफ़ कंसेंट स्कीम जारी की गयी जिसके तहत राज्य में ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस को प्रोत्साहित करने के लिए एवं बोर्ड के अधिकारीयों का कार्यभार कम करने के उद्देश्य से अब उद्योगों को नवीनीकरण/संचालन की सम्मति जारी करने के समय एक इकाई के कई सीटीओ (कंसेंट तो ऑपरेट) को एक सीटीओ में विलय करने का निर्णय लिया गया है। जिससे उद्यमियों को उद्यम संचालन में पूर्व में अपनायी जाने वाली जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
इस मौके पर मौजूद अतिथियों द्वारा इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क की विवरणिका, एवं एन्ड ऑफ़ लाइफ व्हीकल से सम्बंधित एफएक्यू, ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस पर केंद्रित न्यूज़लेटर का विशिष्ट संस्करण जारी किया गया। इसी के साथ ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहाँ से वन विभाग से एनओसी नहीं लेनी होगी, उनकी सूची जारी की गयी एवं राज्य के 5 ईकोसेंसिटिव जोन जिसके अंतर्गत भैंसरोड़गढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी, सीतामाता वाइल्डलाइफ सेंचुरी, बस्सी वाइल्डलाइफ सेंचुरी,मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिज़र्व एवं केवलादेव राष्ट्रिय उद्यान का ड्राफ्ट जोनल मास्टर प्लान जारी किया गया।
इसी के साथ "ग्रीन चेनल" के तहत विभिन्न उद्योगों को सम्मति नवीनीकरण प्रदान किये गए. कार्यक्रम के अंत में चीफ एन्वॉयरन्मेंटल इंजीनियर नीरज माथुर द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। इस दौरान विभिन्न उद्योगों के प्रतिनिधि सहित, पर्यावरण एवं जलवायु विभाग के अधिकारीयों के साथ राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी मौजूद रहे।
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