स्थानीय भाषाओं के साथ नाटक मंचित करना जोखिम भरा काम - साहित्यकार मायामृग

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संदर्भ - संवाद प्रवाह


Media Kesari

Jaipur (Rajasthan)

 जयपुर-(राजस्थान)। कला संसार के तहत गुरुवार को आयोजित खेला हास्य नाट्य समारोह 2023 के प्रथम दिन नाटक 'खबसूरत बहू' के बाद संवाद प्रवाह आयोजित किया गया।

संवाद प्रवाह में चर्चा के दौरान साहित्यकार मायामृग ने कहा कि - 'स्थानीय भाषाओं के साथ नाटक को मंच पर लाना बड़ा जोखिम भरा काम है,  प्रतीकों के जरिए बात कहने पर भी यही बात लागू होती है।" 

Media Kesari  Jaipur (Rajasthan)   जयपुर-(राजस्थान)। कला संसार के तहत गुरुवार को आयोजित खेला हास्य नाट्य समारोह 2023 के प्रथम दिन नाटक 'खबसूरत बहू' के बाद संवाद प्रवाह आयोजित किया गया। संवादवाह में चर्चा के दौरान साहित्यकार मायामृग ने कहा कि - 'स्थानीय भाषाओं के साथ नाटक को मंच पर लाना बड़ा जोखिम भरा काम है,  प्रतीकों के जरिए बात कहने पर भी यही बात लागू होती है।"   इसमें नाट्य निर्देशक विपिन पुरोहित ने भी विचार रखे, वहीं वरिष्ठ नाट्यकर्मी रुचि भार्गव नरुला सत्र की मॉडरेटर रहीं।


 इसमें नाट्य निर्देशक विपिन पुरोहित ने भी विचार रखे, वहीं वरिष्ठ नाट्यकर्मी रुचि भार्गव नरुला सत्र की मॉडरेटर रहीं। 

मायामृग ने कहा कि नाटक जीवन के छाया चित्र की तरह होता है। उन्होंने यह भी कहा कि निर्देशक को कालखंड संबंधी तथ्यों की सटीकता का ध्यान रखना चाहिए, प्रशंसा स्वीकार करना आसान बात है परंतु यदि कोई त्रुटि भी हो तो उसे मानना निर्देशक को बड़ा बनाता है। 


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निर्देशक विपिन पुरोहित ने कहा कि पिताजी संगीतकार थे तो कला से बचपन से जुड़ाव रहा, परिवार की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए संगीत के साथ ही रंगकर्म की शुरुआत की। इसी का परिणाम है कि आज संगीतमय नाटक का ताना-बाना बुन पाए है। उन्होंने यह भी कहा कि संवाद प्रवाह को दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया। 

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रुचि भार्गव ने कहा कि इस तरह के नाटक का मंचन निर्देशक के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि बहुत सारे पहलुओं को एक बड़ी टीम के साथ सामांजस्य बैठाते हुए मंच पर जाहिर करना होता है, यह चुनौती खबसूरत बहू के कलाकारों और निर्देशक ने बखूबी पूरा किया है।

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