Election Analysis;--विधानसभा क्षेत्रों से लेकर राजस्थान के लिए भी है स्थानीय नेतृत्व की मांग

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 फुलेरा से उठी यह आवाज़ प्रदेशभर में हो रही है मुखर

Media Kesari Analysis

Jaipur


राजस्थान के अनेक विधानसभा क्षेत्रों से स्थानीय टिकट आवेदकों/दावेदारों (इलाके में जन्म लेने व वहीं पढ़े-पले)  को टिकट दिए जाने की मांग अब केवल विधानसभा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि राजस्थान के नेतृत्व के लिए भी गूंज रही है। अर्थात विधानसभा क्षेत्र में टिकट उसी को जो संबंधित इलाके में जन्मा-पढ़ा हो और राजस्थान का नेतृत्व उसी को जिसका जन्म राजस्थान की पावन भूमि पर हुआ हो और जिसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा राजस्थान की स्कूलों में हुई हो।

Media Kesari AnalysisJaipurराजस्थान के अनेक विधानसभा क्षेत्रों से स्थानीय टिकट आवेदकों/दावेदारों (इलाके में जन्म लेने व वहीं पढ़े-पले)  को टिकट दिए जाने की मांग अब केवल विधानसभा क्षेत्र तक ही सीमित नहीं है बल्कि राजस्थान के नेतृत्व के लिए भी गूंज रही है। अर्थात विधानसभा क्षेत्र में टिकट उसी को जो संबंधित इलाके में जन्मा-पढ़ा हो और राजस्थान का नेतृत्व उसी को जिसका जन्म राजस्थान की पावन भूमि पर हुआ हो और जिसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा राजस्थान की स्कूलों में हुई हो। शुक्रवार को फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक कांग्रेस टिकट दावेदारों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से विनम्र निवेदन किया है कि इस इलाके से कांग्रेस का टिकट स्थानीय जन्मे-पढ़े आवेदक को दिया जाए। इसके पीछे दो तर्क दिए गए हैं और


शुक्रवार को फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक कांग्रेस टिकट दावेदारों ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से विनम्र निवेदन किया है कि इस इलाके से कांग्रेस का टिकट स्थानीय जन्मे-पढ़े आवेदक को दिया जाए। 

इसके पीछे दो तर्क दिए गए हैं और कहा गया है कि इस विधानसभा क्षेत्र से अब तक हुए 15 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक दर्जन बार बाहर से लाकर पैराशूटियों को टिकट दे दिए। AICC व PCC के इस फैसले का मान कांग्रेस जनों ने सदैव रखा है और बावजूद भरे मन के अपनी तरफ से पूरा सहयोग किया है। पर 21 वीं सदी में इलाके का निर्णायक मतदाता ( floating voters) कांग्रेस के पैराशूटी उम्मीदवारों से विमुख हो गया है और इस कारण 21 वीं सदी में चारों विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। 

दावेदारों ने स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस अगर पैराशूटी उम्मीदवारों को टिकट देती है तो दावेदारों का वोट तो ईमानदारी व निष्ठा के कारण कांग्रेस को ही जायेगा, लेकिन निर्णायक मतदाता की विमुखता के कारण कांग्रेस के पैराशूटी उम्मीदवार का जीतना मुश्किल है। इसके विपरीत कांग्रेस स्थानीय दावेदारों मे से किसी को टिकट देती है, तो सभी एकजुटता के साथ सहयोग करेंगे और निर्णायक वोटों का शत प्रतिशत लेने की कोशिश करेंगे, ताकि कांग्रेस फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में रिकॉर्ड वोटों से जीत हासिल करे।

फुलेरा के स्थानीय दावेदारों ने कहा है कि जो स्थानीय प्रत्याशी होता है, उसका इलाके के प्रति तथा इलाके का उसके प्रति लगाव व आत्मीयता रहती है। फिर इलाके के विकास तथा समस्याओं के निवारण मे स्थानीय प्रत्याशी अधिक निष्ठा व सजगता से काम करता है।

 दावेदारों का कहना था कि भाजपा से भले ही इस शताब्दी के चारों चुनावों में विधायक बन गए हों, लेकिन उनमें विजनरी एप्रोच नहीं होने के कारण यह इलाका आर्थिक उदारीकरण तथा 21 वीं सदी की व्यापक संभावनाओं का दोहन नहीं कर पाया और innovative development के लिहाज से पिछड़ गया। कांग्रेस विचारकों का अपना विजन होता है, इस कारण इलाके के विकास तथा कांग्रेस की सुनिश्चित जीत के लिए स्थानीय दावेदारों मे से किसी को टिकट दिया जाए।

फुलेरा से उठी यह आवाज़ न केवल जयपुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों जैसे शाहपुरा, दूदू, सांगानेर, आदर्श नगर, किशनपोल, विद्याधर नगर में मुखर हो रही है बल्कि बांदीकुई, बेगूं व झालावाड़ समेत अनेक विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंच रही है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी, AICC व PCC से यह फिल्टर लगाने का आग्रह किया जा रहा है कि बाहरी/पैराशूटियों को टिकट नहीं दिया जाए।

इतना ही नहीं यह गूंज अब प्रदेश नेतृत्व को लेकर भी उछल रही है कि राजस्थान का नेतृत्व उसी को जो यहाँ की माटी मे जन्मा-पढ़ा हो। AICC ने बहुत बार बाहर से नेताओं को राजस्थान भेजकर लोकसभा व राज्यसभा चुनाव लड़वाये। राजस्थान के कांग्रेस जनों ने AICC का पूरा मान रखा। अब विनम्रतापूर्वक निवेदन किया जा रहा है राजस्थान के लिए राजस्थान के नेतृत्व को ही प्रमोट किया जाए, बाहरी व पैराशूटियों से राजस्थान की रक्षा की जाए।

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