Congress Foundation Day:- विश्व भर में चर्चा है डोटासरा की एक्सेप्टेंस की

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Congress 139th Foundation Day


Media Kesari

Jaipur


राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने एक दैनिक अखबार मे साक्षात्कार के जरिए जो उद्गार व्यक्त किए हैं, आज उसकी पूरे विश्व में चर्चा है। इस साक्षात्कार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण तथ्य स्वीकार किए हैं :---

Media KesariJaipur,Congress 139th Foundation Day, interview in Bhaskar paper of pcc chiefराजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने एक दैनिक अखबार मे साक्षात्कार के जरिए जो उद्गार व्यक्त किए हैं, आज उसकी पूरे विश्व में चर्चा है। इस साक्षात्कार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कुछ महत्वपूर्ण तथ्य स्वीकार किए हैं :--- डिजाइन बाक्स' ( Design Box) को जो 60 करोड़ रुपए के करीब का भुगतान PCC ने किया

1. "लोगों" की यह डिमांड थी कि चेहरे चेंज होने चाहिए, पर नहीं कर पाए।

2. जो बेहतर कोर्डिनेशन करना चाहिए था, वो भी हम नहीं कर पाए।

3. चेहरे खोजने व रिप्लेस करने में नाकाम रहे।

4. बैटर आप्शन तैयार नहीं कर पाए।

5. आपसी खींचतान की वजह से संगठन बनने मे देरी हुई और दो-ढाई साल इसमें निकल गए।

6. पीएम राजस्थान आकर गलत बातों से जनता को प्रभावित करते रहे और हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे।

तय AICC को करना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान की सभी 25 सीटें जीते या फिर शून्य पर अटक जाए। रही बात गोविंद सिंह डोटासरा के स्थान पर नया result oriented प्रदेश अध्यक्ष बनाने की, तो वह AICC की इच्छा शक्ति पर निर्भर है।  बाकी देश में कांग्रेस सबसे अधिक राजस्थान में मजबूत है और सभी 25 सीटें जीत सकती है। इस संभावना का दोहन करने की इच्छा पर राजस्थान कांग्रेस का भविष्य टिका है।


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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष का यह साक्षात्कार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ( indian national congress) के 139 वें स्थापना दिवस ( Congress 139th Foundation Day) पर प्रकाशित हुआ है। 

जो सच था वह उन्होंने कह दिया और मान लिया कि वे कुछ नहीं कर पाए।

यहाँ तक कि ' डिजाइन बाक्स' ( Design Box) को जो 60 करोड़ रुपए के करीब का भुगतान PCC ने किया, वह भी नहीं रोक पाए। यह अलग बात है कि डिजाइन बाक्स (Design Box) को कुछ अन्य ठेकों के जरिए राजस्थान सरकार से भी अतिरिक्त बड़ा लाभ हुआ है। यह कंपनी तो करोड़ों रुपये बनाकर चलती बनी, लेकिन इसका काम result oriented नहीं था, इसके बाद भी PCC से पेमेंट करना surprising रहा।


गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पष्ट तौर पर अपनी अक्षमता जाहिर कर दी है, अब  लोकसभा चुनाव-2024 सामने हैं। AICC को तय करना है कि चुनाव एक "विवश" PCC-Chief की सदारत मे हों या result oriented नेतृत्व में। 

लोकसभा चुनाव अगर गोविंद सिंह डोटासरा  के नेतृत्व में लड़ा गया और नतीजे वही 2014 व 2019 सरीखा आया तो मीडिया को फिर इसी तरह का बयान वे जून 2024 मे फिर दे सकते हैं।

वैसे भी व्यवहारिक सच यह है कि

राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा कांग्रेस संगठन का संचालन किस तरह करते रहे, यह विधानसभा चुनाव परिणाम ने इंगित कर दिया है। उन्हें कोसने और उन पर आरोप लगाने का कोई औचित्य नहीं है।

तय AICC को करना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान की सभी 25 सीटें जीते या फिर शून्य पर अटक जाए।


राजस्थान कांग्रेस का सच यह है कि अशोक गहलोत के बाद प्रदेश व्यापी स्वीकार्यता वाला और विश्वसनीय नेतृत्व नहीं है। इसलिए कि बजुबान डोटासरा  "हम आप्शन तैयार नहीं कर पाए"। 

इस स्थिति में AICC से अपेक्षा है कि राजस्थान के सभी विधानसभा व क्षेत्रों में नया नेतृत्व विकसित करने पर फोकस करे। लोकसभा चुनाव में स्थिति यह है कि जयपुर ग्रामीण व बारां-झालावाड़ संसदीय क्षेत्र को छोड़कर पूरे राजस्थान में कांग्रेस के पास जीतने योग्य नाम नहीं है। 

रही बात गोविंद सिंह डोटासरा के स्थान पर नया result oriented प्रदेश अध्यक्ष बनाने की, तो वह AICC की इच्छा शक्ति पर निर्भर है।

बाकी देश में कांग्रेस सबसे अधिक राजस्थान में मजबूत है और सभी 25 सीटें जीत सकती है। इस संभावना का दोहन करने की इच्छा पर राजस्थान कांग्रेस का भविष्य टिका है।

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