Rajasthan Election 2023 :- अशोक गहलोत या अर्जुन मेघवाल ?

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Media Kesari

Jaipur 

राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 (Rajasthan Election 2023) के परिणाम 3 दिसंबर, रविवार दोपहर तक आ जायेंगे, लेकिन असली कंफ्यूजन अब शुरू हो गया है कि  8 सिविल लाइंस मे कौन अगले 5 वर्ष रहेंगे। संशय दोनों ही राजनीतिक दलों में हैं। अगला सीएम कौन ? यह चर्चा तीन-चार दिन बल्कि अधिक बनी रहेगी।

Media Kesari  Jaipur   राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 (Rajasthan Election 2023) के परिणाम 3 दिसंबर, रविवार दोपहर तक आ जायेंगे, लेकिन असली कंफ्यूजन अब शुरू हो गया है कि  8 सिविल लाइंस मे कौन अगले 5 वर्ष रहेंगे। संशय दोनों ही राजनीतिक दलों में हैं। अगला सीएम कौन ? यह चर्चा तीन-चार दिन बल्कि अधिक बनी रहेगी।

तीन स्थितियां हैं - पहली कांग्रेस को बहुमत मिले, दूसरा भाजपा को बहुमत मिले और तीसरे किसी को बहुमत नहीं। 

अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है, तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे तथा AICC उनकी इस desire की पूर्ति के लिए क्या करती है, यह हम देखेंगे। 

लेकिन उसके पहले महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस के जो कुल विधायक जीतते हैं उनमें सचिन पायलट के निजी पक्षधर कितने हैं। 

जहाँ तक बात अशोक गहलोत की है, उनके दिल में मानेसर घटनाक्रम, गवर्नमेंट हॉस्टल शहीद स्मारक धरना और भांकरोटा जनसभा के घाव हरे हैं, अतः इन घावों की टीस किसी भी स्थिति में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनने से रोकेगी। अतः अशोक गहलोत पुरजोर कोशिश करेंगे कि मुख्यमंत्री वे खुद ही बनें।

कांग्रेस के पास तीसरा नाम है नहीं, अतः उस पर चर्चा संभव नहीं। 

यहाँ AICC की भूमिका महत्वपूर्ण हो जायेगी, वहाँ अंतिम निर्णायक भूमिका सोनिया गांधी की होगी। अतः सोनिया गांधी की सोच व तदनुसार फैसले और अशोक गहलोत की कोशिशों में क्या तारतम्य बनता है, सब उस पर निर्भर है।

यहाँ AICC या सोनिया गांधी दोनों के लिए मुश्किल होगा तय करना, ऐसे में अशोक गहलोत कितने सबल साबित होते हैं, इसका जवाब अगले दस दिन में कब मिलता है यह देखना है।

वैसे आलाकमान अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाता है तो सचिन पायलट खेमे का क्रुद्ध होना स्वाभाविक है। 

इसी तरह सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की कवायद अगर AICC करती है, तो अशोक गहलोत कैंप का क्या रूझान रहेगा यह भी देखने वाली बात है।

अब बात भाजपा को बहुमत की, अगर ऐसा होता है तो मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक रूप से तीन दावेदार दिख रहे हैं एक अर्जुन मेघवाल, दूसरे गजेंद्र सिंह शेखावत और तीसरे वसुंधरा राजे। यहाँ महत्वपूर्ण है कि वसुंधरा राजे के पक्षधर कितने विधायक हैं, इस पर बहुत कुछ निर्भर है। यह संख्या बल बहुत कुछ तय करेगा। वरना भाजपा आलाकमान की प्राथमिकता अर्जुन मेघवाल है।

ऐसे में वसुंधरा राजे कैंप क्या पार्टी आदेश की पालना करते हुए इसे स्वीकार करेगा या revolt करेगा, यह भी देखने वाली बात है। 

राजेंद्र सिंह राठौड़ व सतीश पूनिया के नाम चर्चा से बाहर हैं। 

अब चर्चा तीसरी स्थिति की कि किसी को बहुमत न मिले तब ? ऐसे में मुख्यमंत्री होने के कारण माईलेज अशोक गहलोत के पक्ष में है, 

लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए टीम सचिन पायलट का क्या attitude रहता है, वह भी हमें देखना है। 

यहाँ गजेंद्र सिंह शेखावत की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है, क्योंकि वे एक बार फिर सचिन पायलट खेमे के विधायकों को मानेसर प्रकरण की तर्ज पर तोड़ने की चेष्टा करते हैं या नहीं.. यह भी हमें देखना है।


चुनाव परिणाम.. पार्टियों का संख्याबल चाहे जो हो अगले दस दिन राजस्थान की राजनीति के लिए दिलचस्प हैं.. 

वैसे निष्कर्ष रूप से यह कहा जा सकता है कि प्रथमदृष्टया ...

1. सचिन पायलट और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री बनने की रेस में फिलहाल पीछे नजर आ रहे हैं

2. अशोक गहलोत या अर्जुन मेघवाल मे कौन राजस्थान का राज पाता है

यह वक्त बतायेगा।

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