latest congress news
इन कांग्रेस नेताओं को सौंपा जा सकता है मंत्रियों के कामकाज पर निगरानी का जिम्मा
Media Kesari
Jaipur
राजस्थान में भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडल को विभागों की घोषणा कर दी है। अधिकतर मंत्री नये हैं और काम-काज के लिए दिल्ली के निर्देशों या विभागीय सक्षम अधिकारियों या स्वविवेक पर निर्भर रहते हैं, इस सवाल का जवाब तो समय देगा, पर इन मंत्रियों के कामकाज की निगरानी के लिए कांग्रेस मे शैडो मिनिस्ट्री पर होमवर्क चल रहा है।
उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में भाजपा सरकार की लोकसभा चुनाव उपरांत पुख्ता घेराबंदी प्रारंभ करने की तैयारी है। 25 ऐसे विधायकों के नाम सामने आए हैं, जो राजस्थान में कांग्रेस की भावी राजनीति के आधार बनें यह कोशिश इस प्रोजेक्ट के तहत है।
कांग्रेस की गत सरकारों मे मंत्री रहे विधायक तथा वरिष्ठ विधायक तो अपने लेवल पर पुरजोर घेराबंदी करेंगे ही, वहीं शैडो मिनिस्ट्री ( shadow ministry) के सदस्य संबंधित विभागों पर फोकस करेंगे। उन विभागों-मंत्रियों व अधिकारियों के कामकाज पर पैनी निगाह रहेगी, अधिकारिक सूत्रों से इनपुट्स हासिल करेंगे और मीडिया-सोशल मीडिया के जरिये तथा सार्वजनिक रूप से जनता के बीच भाजपा सरकार की खामियों-नाकामियों को गिनाने का काम करेंगे।
अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के पूर्व महासचिव रहे और आलाकमान के विश्वस्त एक युवा नेता इस प्रोजेक्ट के प्रभारी हैं। संकेत के लिए बता दें, इस युवा नेता को 2013 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने जयपुर जिले की एक सीट से टिकट देने का निर्देश दिया था, लेकिन कांग्रेस के तत्कालीन प्रभारी महामंत्री गुरुदास कामथ कांग्रेस के प्रादेशिक नेताओं के दबाव में उनका टिकट हजम कर गए थे। खैर यह तो एक दशक पुरानी बात है।
बात शैडो मिनिस्ट्री (shadow ministry) की हो रही थी, उसमें मुख्यमंत्री भजनलाल (CM Bhajan Lal Sharma) के कामकाज पर निगरानी के लिए रोहित बोहरा का नाम है, तो दीयाकुमारी ( Diya Kumari) के विभागों की निगरानी वरिष्ठ विधायक रफीक खान को सौंपी जा सकती है। प्रेमचंद बैरवा के कामकाज पर नजर रखने के लिए श्रवणकुमार को कहा जा सकता है। इनके अलावा अनिल शर्मा, अनीता जाटव, अभिमन्यु पूनिया, अमित चाचाण, गीता बरबड़, घनश्याम मेहर, सी एल प्रेमी, डूंगर राम गैदर, नानालाल नीनामा, पुष्कर लाल डांगी, प्रशांत शर्मा, भगवानाराम सैनी, मनीष यादव, मनोज कुमार मेघवाल, मांगीलाल मीणा, मोतीराम रेवदर, रीटा चौधरी, समरजीत सिंह, हाकम अली, सुरेश गुर्जर तथा शिखा मील बराला के नाम डिसकस मे हैं।
इन सभी विधायकों को संबंधित विभागों के कामकाज की जानकारी दी जायेगी, फिर यह बताया जायेगा कि निगरानी कैसे की जाये। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि भाजपा के असंतुष्ट वर्कर्स से भी इनपुट लिया जाता रहेगा। इसके लिए लाईन आफ एक्शन बनाया जा रहा है।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार भाजपा सरकार के मंत्रियों की विफलता लगातार तलाशी जायेगी और विधानसभा प्रश्नों व सूचना के अधिकार के तहत जानकारी ली जायेगी। एक स्टडी सेल भी बनेगा, जो इन विफलताओं को लगातार एकत्रित करता रहेगा और भाजपा सरकार को हर विफलता के लिए सभी 52 हजार बूथ एरिया में घर-घर एक्सपोज किया जायेगा।
0 Comments