राजस्थान काँग्रेस को असल खतरा अवांछित तत्वों से..The real threat to Rajasthan Congress is from unwanted elements.

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काँग्रेस इन्फेक्शन से मुक्त हो रही है !

कैलाश शर्मा ✍🏻

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और आर्थिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं)


Media Kesari


बहुत से लोग कांग्रेस(congress) से विमुख होकर भाजपा में प्रवेश (cross over to BJP) कर रहे हैं,जो भी गये हैं वे मूल कॉंग्रेस सोच या विचारधारा के नहीं हैं बल्कि floating nature वाले हैं और विडंबना यह रही कि AICC ने इनपर भरोसा किया और आगे बढ़ाया, वह भी सच्चे और निष्ठावान कॉंग्रेस साथियों को दरकिनार कर। जिसकी प्रकृति अविश्वसनीय हो,  वो पार्टी छोड़ कर जाता है तो इससे कॉंग्रेस को न तो जनाधार का नुकसान है और न ही राजनीतिक बल्कि सच यह है कि कॉंग्रेस रिफाइनिंग मोड में है और जो अविश्वसनीय है वे कॉंग्रेस में इन्फेक्शन का कारण थे,  अब चले जा रहे हैं तो कॉंग्रेस इन्फेक्शन से मुक्त हो रही है ।

बहुत से लोग कांग्रेस(congress) से विमुख होकर भाजपा में प्रवेश (cross over to BJP) कर रहे हैं,जो भी गये हैं वे मूल कॉंग्रेस सोच या विचारधारा के नहीं हैं बल्कि floating nature वाले हैं और विडंबना यह रही कि AICC ने इनपर भरोसा किया और आगे बढ़ाया, वह भी सच्चे और निष्ठावान कॉंग्रेस साथियों को दरकिनार कर। जिसकी प्रकृति अविश्वसनीय हो,  वो पार्टी छोड़ कर जाता है तो इससे कॉंग्रेस को न तो जनाधार का नुकसान है और न ही राजनीतिक बल्कि सच यह है कि कॉंग्रेस रिफाइनिंग मोड में है और जो अविश्वसनीय है वे कॉंग्रेस में इन्फेक्शन का कारण थे,  अब चले जा रहे हैं तो कॉंग्रेस इन्फेक्शन से मुक्त हो रही है ।


राजस्थान में कॉंग्रेस विचारधारा के 60 लाख परिवार और उनके 240 लाख मतदाता हैं। इनकी संख्या बढ़ ही रही है,  घट नहीं रही। यह वो वर्ग है जो कॉंग्रेस का सच्चा आधार है।इस वर्ग को कोई हवा प्रभावित नहीं करती। अतः कोई नेता बाहर जाये,  इससे ये मतदाता प्रभावित नहीं होते बल्कि पार्टी के साथ यथावत हैं जब कोई अविश्वसनीय नेता पार्टी छोड़ता है तो मीडिया भले ही उसको कॉंग्रेस के लिए झटका बोल कर प्रचारित करता हो,  लेकिन असल में उससे 60 लाख परिवार विचलित नहीं होते,  बल्कि खुश होते हैं कि चलो इन्फेक्शन था,  दूर हो गया।


लेकिन कॉंग्रेस को असली खतरा अवांछित तत्वों से है जो किन्हीं नेताओं के प्रयासों से पार्टी से जुड़ जाते हैं या प्रवेश कर जाते हैं ऐसे जुड़ाव और प्रवेश से कॉंग्रेस का सच्चा और निष्ठावान वर्कर असहज महसूस करता है।

  जैसे इस समय कुछ नेता कोशिश कर रहे हैं हनुमान बेनीवाल की RLP और दक्षिणी राजस्थान की BTP से कॉंग्रेस का करार हो जाये। इसी तरह चूरू से भाजपा ने जिस राहुल kaswa को टिकट नहीं दिया, उसे कॉंग्रेस में प्रवेश कराया जा रहा है।  ऐसे ही जयपुर शहर में abvp से जुड़े एक नाम पर होमवर्क चल रहा है।  यह सब अवांछित कृत्य है,  जो भी कर रहे हैं वो कॉंग्रेस को गहरे संक्रमण और संकट का शिकार बना रहे हैं।  हनुमान बेनीवाल का जनाधार पराभव की ओर है,  राहुल kaswa भरोसेमंद नहीं है,  फिर भी ऐसे अवांछित तत्वों से कॉंग्रेस का जुड़ाव होता है तो यह कॉंग्रेस के साथ देश के लिए भी तकलीफदेह है।  अब समझना AICC को है,  उनका फैसला ही तय करेगा कि राजस्थान की कॉंग्रेस अवांछित तत्वों के संक्रमण (rajasthan political crisis ) का शिकार होती है या बच जाती है।


जहाँ तक बात राजस्थान में जनाधार की है, तो कॉंग्रेस 60 लाख परिवारों के 240 लाख वोटों का आधार रखती है। भाजपा के पास 50 लाख परिवारों के 200 लाख वोट हैं और  22 लाख परिवारों के 88 लाख वोट floating हैं,  जो चुनावी हार जीत में कभी-कभी निर्णायक हो जाते हैं।  कॉंग्रेस के नीति निर्धारक या AICC इस समीकरण को समझ कर कॉंग्रेस को और मजबूत करे तो प्रांत में कॉंग्रेस अजेय है।  कॉंग्रेस जब भी पराजित होती है तो नेताओं में visionary approach न होने के कारण होती है,  अन्यथा राजस्थान तो कॉंग्रेस का मजबूत गढ है।

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1 Comments

  1. कांग्रेस को सिर्फ कांग्रेसी से खतरा है। वो भी कमजोर आला कमान से, जो ना तो अपने दम पर वोट दिला सकता है और ना ही, पार्टी में अनुशासन बना सकता है। वैचारिक और आर्थिक निर्धनता तथा कन्फ्यूजन की ये स्थिति ही उसकी सभी समस्याओं की जड़ है। जिन्हे वो चाह कर भी दूर करने की स्थिति में नहीं है। बंगाल आंख दिखा रहा है, दिल्ली उसे 3 सीट दे कर अहसान कर रही है। अतीत की एक सबसे शक्तिशाली पार्टी, अपनी इस दयनीय स्थिति के लिय स्वयं जिम्मेदार है जिसे वह स्वीकारना भी नही चाहती।

    और जो व्यक्ति या पार्टी अपनी गलती देख ही नही सकता वो सुधरेगा क्या? और *गलातियो को दोहराने से असफलता स्थाई हो जाति हैं।* जैसा कि हो चुका हैं।

    यदि इंडिया गठबंधन अपना नेतृत्व प्रशात किशोर को दे देता तो स्थिति कुच और ही होती।

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