Lok Sabha Election 2024 :- मतदाता भरोसा नहीं कर रहा भाजपा के संकल्प पत्र पर !

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भाजपा का संकल्प पत्र जारी


कैलाश शर्मा ✍🏻

(जयपुर ग्रामीण संसदीय एवं फुलेरा विधानसभा क्षेत्र, राजस्थान)


Media Kesari

Jaipur


भाजपा ने अपना चुनाव घोषणा पत्र संकल्प पत्र (BJP Sankalp Patra) के नाम से जारी किया, 76 पेज के इस डाक्यूमेंट में जो कहा गया है, एक तो उसमें विजनरी एप्रोच नहीं है, दिक्कतों को निपटाने की कवायद नहीं है और तीसरे जो कहा गया है ( Modi ki Guarantee), उस पर मतदाता भरोसा नहीं कर रहे।

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पेज संख्या 14 पर कहा गया है कि 80 करोड़ से अधिक परिवारों को निशुल्क राशन दिया जा रहा है, क्या देश में वास्तव में 80 करोड़ से अधिक परिवार रहते हैं। अगर हैं तो भाजपा को उनकी सूची जारी करनी चाहिये, जिन्हें यह राशन दिया जा रहा है।

उज्जवला योजना की बात कही गई है कि 10 करोड़ रसोई गैस कनेक्शन दिये गये हैं। देखने वाली बात यह है कि उनमें कितने इस समय सकिय हैं।

पेज 16 पर बताया गया है कि आवासीय योजनाओं में मकानों की कीमतों को कम करने के उपाय किये जायेंगें। पर अभी निर्माणाधीन अपार्टमेंट-मकान आदि पर जो 5 प्रतिशत जीएसटी लिया जा रहा है उसे लौटाने की बात नहीं कही गई है।

इसी पेज पर स्वास्थ्य योजनाओं के विस्तार की बात कही गई है, जबकि राजस्थान में 25 लाख रूपये वार्षिक तक की चिकित्सा सेवाओं का लाभ देने वाली चिरंजीवी योजना बंद कर दी गई है।


उच्च शिक्षा की गुणवत्ता की बात कही गई है, लेकिन उच्च शिक्षा लगातार महंगी हो रही है और आम अभिभावक की पहुंच के बाहर हो गई है, इसे लेकर कोई दृष्टिकोण नहीं दिखा।


इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास की बात कही गई है। सड़क निर्माण महत्वपूर्ण है, लेकिन जब टोल-टैक्स तीन रूपये प्रति किलोमीटर हो गया है, उस पर कोई मंतव्य नहीं जताया गया है। इसी तरह जन-साधारण के लिए सुपरफास्ट व एक्सप्रैस रेल गाड़ियों में साधारण श्रेणी के डिब्बे घटाने की बात नहीं की गई है। हवाई सेवाएं अब फिर से पहुंच के बाहर हो गई है, जयपुर-मुंबई किराया बहुत बार 15 हजार रूपये हो जाता है, इसे प्रतिस्पर्धी बनाने की कोई बात नहीं की गई है।


पेज 21 पर भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की बात कही गई है, लेकिन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है कम लागत पर जमीन और त्वरित आवश्यक क्लीयरेंस। इसके लिए कोई रोड़‌मैप नहीं बनाया गया है।


पेज 26 पर दलहन-खाद्य तेल उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात की गई है, विगत एक दशक में तो ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसी तरह मुख्य जरूरत है एग्री एंड डेयरी प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की, उसे लेकर कुछ नहीं कहा गया है।


पेज 31 पर श्रमिकों की चर्चा की गई है, लेकिन नियोक्ताओं से पीड़ित श्रमिकों को त्वरित न्याय मिले इसके लिए कोई भरोसा नहीं दिया गया है। देश में असंगठित क्षेत्र के दस करोड़ श्रमिकों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा की कोई महत्वपूर्ण बात नहीं कही गई है।

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