Video: कैराना: आंख के ऑपरेशन में नकली लेंस लगाने का आरोप, स्वास्थ्य विभाग खामोश...मरीज़ ने वीडियो वायरल कर लगाई कार्रवाई की गुहार

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Kairana Crime News

आंख का इलाज बना जिंदगी का ख़तरा... कैराना में मरीज के साथ धोखा!


✍️ गुलवेज़ आलम

स्वतंत्र पत्रकार, कैराना 

Media Kesari


कैराना । नगर के मोहल्ला आलकला में रहने वाले इकराम पुत्र मरहूम हाजी अनवार ने एक स्थानीय नेत्र चिकित्सालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान उसकी आंख में घटिया और नकली लेंस लगाया गया, जिससे उसकी आंख की हालत बिगड़ गई और अब रोशनी जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।

Media Kesari,kairana Crime News, latest news today,private hospitals news,health news कैराना । नगर के मोहल्ला आलकला में रहने वाले इकराम पुत्र मरहूम हाजी अनवार ने एक स्थानीय नेत्र चिकित्सालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान उसकी आंख में घटिया और नकली लेंस लगाया गया, जिससे उसकी आंख की हालत बिगड़ गई और अब रोशनी जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।

पीड़ित के अनुसार, उसने छतरी वाले के अंतर्गत संचालित रवि नेत्र चिकित्सालय में आंख का ऑपरेशन कराया था। डॉक्टरों ने महंगे और असली लेंस लगाने का भरोसा दिया था, लेकिन कुछ ही दिनों में आंख में तकलीफ़ बढ़ने लगी और दृष्टि धुंधली हो गई।

इकराम ने Video के ज़रिये बताया--



वीडियो में खुलासा

मरीज़ इकराम ने अपना अनुभव बताते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें उसने पूरे मामले की जानकारी दी। वीडियो में उसने क्लीनिक पर लापरवाही और धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए स्वास्थ्य विभाग से सख़्त कार्रवाई की अपील की।


परिजनों के आरोप

इकराम के परिजनों का कहना है कि ऑपरेशन से पहले सही जानकारी नहीं दी गई और इलाज के दौरान लापरवाही बरती गई। उनका आरोप है कि डॉक्टरों ने पैसे कमाने के लालच में नकली लेंस लगाया, जिससे मरीज़ की आंख की हालत और बिगड़ गई।


जांच की मांग

पीड़ित पक्ष ने मामले की शिकायत स्वास्थ्य विभाग और मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) से करने की बात कही है। उन्होंने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाए।


स्वास्थ्य विभाग मौन

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं, स्थानीय लोग इस घटना को गंभीर मानते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो और भी मरीज इस तरह की लापरवाही का शिकार हो सकते हैं।

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