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इतनी बड़ी शत्रु संपत्ति पर महीनों तक निर्माण कार्य होता रहा और अधिकारियों को “पता” ही नहीं....?
✍️ गुलवेज आलम
स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
Media Kesari
कैराना। शामली ज़िले के कैराना कस्बे में गुरुवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिसने पूरे इलाके में तहलका मचा दिया। मोहल्ला अफगानान में खसरा नंबर 1350 शत्रु संपत्ति पर दबंग किस्म के कब्जाधारियों ने खुलेआम नींव डालकर अवैध निर्माण शुरू कर दिया। आरोप है कि यह सब कई दिनों से जारी था, मगर तहसील प्रशासन ने तब कार्रवाई की जब मामला मीडिया और जनता के बीच चर्चा का केंद्र बन गया।
जानकारी के मुताबिक, शहजाद पुत्र लीमू और निसार पुत्र अंसार, निवासी मोहल्ला अफगानान, लंबे समय से इस सरकारी जमीन पर कब्जे की कोशिश में लगे थे। हालात यहां तक पहुंच गए कि उन्होंने जमीन पर पक्की नींव डालना शुरू कर दिया। हैरानी की बात यह है कि यह निर्माण गतिविधि क्षेत्र के जिम्मेदार अधिकारियों की नाक के नीचे हो रही थी, लेकिन कार्रवाई करने में जानबूझकर देर की गई।
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कैराना में शत्रु संपत्ति पर दबंगों का कब्जा!
— mediakesari.com (Media Kesari ) (@HimaJournalist) August 14, 2025
तहसील प्रशासन की देरी और मिलीभगत के आरोप
कौन है इनको बचाने वाली ताकत..?
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इलाके के लोगों का कहना है कि जब किसी गरीब व्यक्ति के घर के बाहर सरकारी ज़मीन पर गलती से एक ईंट रखी जाती है, तो प्रशासन तुरंत बुलडोज़र लेकर पहुंच जाता है। लेकिन इस मामले में दबंग, जिनका कथित तौर पर राजनीतिक रसूख है, कई दिनों तक खुलेआम निर्माण करते रहे और प्रशासन चुपचाप देखता रहा। इससे लोगों में यह धारणा बन गई है कि इस पूरे खेल में “ऊपर” तक मिलीभगत हो सकती है।
तहसील प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल
गुरुवार को तहसीलदार अर्जुन चौहान, राजस्व निरीक्षक अरविंद कुमार और लेखपाल लवकेश मौके पर पहुंचे। उन्होंने कब्जा हटवाने का दावा किया, लेकिन कार्रवाई के दौरान न तो किसी कब्जाधारी को गिरफ्तार किया गया और न ही कोई FIR दर्ज की गई। यह महज़ दिखावटी कार्रवाई साबित हुई, जिससे लोगों में गुस्सा और बढ़ गया है।
राजनीतिक दबाव का एंगल
कुछ सूत्रों का दावा है कि कब्जाधारी लंबे समय से एक प्रभावशाली राजनीतिक गुट के संरक्षण में काम कर रहे हैं, जिसकी वजह से प्रशासन खुलकर कार्रवाई करने से बचता रहा। यही कारण है कि इतनी बड़ी शत्रु संपत्ति पर महीनों तक निर्माण कार्य होता रहा और अधिकारियों को “पता” ही नहीं चला।
जनता का रोष और मांग
घटना के बाद से पूरे मोहल्ले में चर्चा है कि अगर इस बार सख्त कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले दिनों में सरकारी ज़मीनों पर कब्जे की घटनाएं और बढ़ जाएंगी। लोगों ने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि कब्जाधारियों को जेल भेजा जाए, उनकी संपत्तियों को कुर्क किया जाए और ऐसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जो इस मामले में लापरवाह रहे या जानबूझकर कार्रवाई टालते रहे।
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