Kairana Crime News, Shamli crime news
शामली पुलिस बनी माफिया की ढाल, स्वास्थ्य विभाग बना तमाशाबीन; महिलाओं कीजिंदगी दांव पर, कार्रवाई न हुई तो होगा जनआक्रोश
✍️ गुलवेज़ आलम
स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
Media Kesari
पानीपत/कैराना। अवैध गर्भपात की दवाओं और भ्रूण हत्या के इस काले धंधे ने अब सीमाएं तोड़ दी हैं। कैराना और शामली से निकला यह ज़हरीला जाल पानीपत तक फैल चुका है। एमटीपी किट की होम डिलीवरी, झोलाछापों के ऑपरेशन और मासूम जिंदगियों की मौत – सब कुछ खुलेआम हो रहा है। लेकिन शर्मनाक यह है कि शामली पुलिस माफिया की पहरेदार बन गई है और स्वास्थ्य विभाग मौत का तमाशा देख रहा है।
मौतें होती रहीं… पुलिस सोती रही
3 जुलाई को पानीपत की एक महिला कैराना पहुंची, झोलाछाप ने गर्भपात कराया। बच्चादानी कट गई और महिला ने मौके पर दम तोड़ दिया। पर पुलिस ने आरोपी को जेल नहीं, बल्कि बचाव का कवच दे दिया।
गांव पसीना से जब 25 एमटीपी किट पकड़ी गईं तो आरोपियों ने नाम उगल दिए – माल शामली से आता है। लेकिन सप्लायर आज भी हवा में उड़ रहा है। सवाल यह है – क्या पुलिस पकड़ नहीं पा रही या पकड़ना ही नहीं चाहती?
कैराना- शामली बने गर्भपात का गढ़
कैराना और शामली के अंदर अब गर्भपात किट सप्लाई का संगठित नेटवर्क खड़ा हो चुका है। यहां से पानीपत, दिल्ली और हरियाणा तक माल पहुंचता है। झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी क्लीनिक इस गंदे खेल के हिस्सेदार हैं। पुलिस सब जानती है, मगर चुप है।
स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली
स्वास्थ्य विभाग रेड और लिंगानुपात सुधार की डींगे हांकता है। 88 जगह छापे, 975 का लिंगानुपात, जागरूकता कार्यक्रम – लेकिन असलियत यह है कि गर्भपात माफिया की चेन तोड़ने में विभाग पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। महिलाओं की मौत पर भी महकमा आंकड़ों के पीछे छुपता फिर रहा है।
जनता का खून खौल रहा है..!
कब तक महिलाओं की लाशों पर धंधा चलता रहेगा?
कब तक पुलिस अपराधियों की ढाल बनी रहेगी?
कब तक स्वास्थ्य विभाग आंख मूंदे बैठेगा?
कैराना से पानीपत तक फैला यह धंधा अब मौत का साम्राज्य बन चुका है। हर मौत सवाल बनकर उठ रही है – आखिर किसके संरक्षण में चल रहा है यह काला कारोबार? अगर अब भी कार्रवाई न हुई तो जनता सड़कों पर उतरने को मजबूर होगी।
0 Comments