अज्ञात शिकायतकर्ता के सबूतों ने खोला पूरा राज; परतापुर थाने के भ्रष्ट पुलिसकर्मी अब लाइन हाज़िर, जनता में SSP की सख्ती की चर्चा
✍️ गुलवेज़ आलम
स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
Media Kesari
मेरठ। परतापुर थाने में सालों से जमे बैठे 11 पुलिसकर्मी आखिरकार अपने घिनौने खेल में पकड़े गए। आरोप सिर्फ मामूली नहीं, बल्कि जनता को डराकर अवैध वसूली करने और सत्ता के नशे में अभद्रता करने जैसे गंभीर हैं।
SSP डॉ. विपिन ताडा ने बुधवार को इन सभी को लाइन हाजिर कर यह साफ संदेश दिया है – "भ्रष्ट पुलिसकर्मी अब वर्दी में नहीं छिप पाएंगे"।
सूत्र बताते हैं कि एक अज्ञात शिकायतकर्ता ने पुख्ता सबूतों के साथ SSP को रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें यह पूरा गिरोह वर्दी के नाम पर रंगदारी वसूलते, जनप्रतिनिधियों को धमकाते और जनता से अभद्रता करते हुए सामने आया। SSP ने तुरंत जांच SP सिटी को सौंपी, और जो नतीजे आए, वह मेरठ पुलिस के लिए शर्मनाक थे – आरोप एकदम सही साबित हुए।
लाइन हाजिर किए गए नाम भी किसी फिल्मी गैंग लिस्ट से कम नहीं – अजय भारद्वाज, मोहित कुमार, अंकित कुमार, सुखराज सिंह, कृष्ण कुमार, अशोक कुमार, सतीश अत्री, अमित कुमार, धर्मेंद्र कुमार, मुकेश कुमार और महिला आरक्षी पूजा। ये सभी लंबे समय से परतापुर थाने में डेरा जमाए हुए थे और भ्रष्टाचार की गंदगी में लिप्त थे।
जनता का कहना है कि इन पुलिसकर्मियों ने वर्दी को ईमानदारी के प्रतीक से ज्यादा एक डराने-धमकाने के हथियार में बदल दिया था। SSP का कहना है कि ऐसे पुलिसकर्मी विभाग की छवि को बदनाम करते हैं, और इन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
इस कार्रवाई के बाद मेरठ में पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। SSP की सख्ती से यह साफ है कि अब भ्रष्टाचार करने वाले चाहे कितने भी रसूखदार क्यों न हों, उनकी जगह थानों में नहीं, बल्कि लाइन में होगी।
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