Kairana Crime News
गरीब परिवार की विरासत को बिना स्थल जांच विवादित घोषित किए जाने पर राजस्व निरीक्षक और लेखपाल निलंबित, डीएम अरविंद कुमार चौहान की सख्त कार्रवाई से भ्रष्टाचारियों पर कड़ा प्रहार
✍️ गुलवेज़ आलम
स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
Media Kesari
शामली। जिला शामली में राजस्व विभाग की पोल तब खुली जब एक गरीब परिवार की विरासत का आवेदन बिना जांच के ही विवादित घोषित कर दिया गया। आरोप सीधे राजस्व निरीक्षक राजमुकेश भारती और लेखपाल मनोज कुमार पर लगे हैं। जिलाधिकारी अरविंद कुमार चौहान ने इस घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार को बेहद गंभीर मानते हुए दोनों अफसरों की कुर्सी पलट दी।
जनता की विरासत से खिलवाड़
मामला हरड़ फतेहपुर गांव का है। मृतका भगीरथी पत्नी स्व. प्रहलाद की विरासत का आवेदन बाला पत्नी अरुण कुमार, पुत्र कुलदीप और संदीप ने संपूर्ण समाधान दिवस में लगाया था। परिवार की उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा, लेकिन हुआ उल्टा। लेखपाल मनोज कुमार ने तो वारिसान दर्ज करने के लिए सहमति भेज दी, मगर राजस्व निरीक्षक राजमुकेश भारती ने बिना गांव देखे, बिना जमीन पर कदम रखे, सिर्फ फोन पर ग्राम प्रधान से बात कर आवेदन को विवादित कर तहसीलदार के न्यायालय में भेज दिया।
जांच में निकला काला सच
डीएम अरविंद कुमार चौहान के आदेश पर की गई जांच में साफ हुआ कि राजमुकेश भारती ने आवेदन की असली जांच करने की बजाय अपनी फाइल बचाने के लिए झूठी रिपोर्ट भेजी। यही नहीं, इस रिपोर्ट के आधार पर उच्चाधिकारियों को गुमराह किया गया। लेखपाल मनोज कुमार की लापरवाही भी सामने आई।
डीएम की सर्जिकल स्ट्राइक
डीएम अरविंद कुमार चौहान ने दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। राजमुकेश भारती को जनपद स्तरीय कार्यालय से जोड़ा गया है जबकि लेखपाल मनोज कुमार को भी ड्यूटी से हटा दिया गया। तहसीलदार कैराना को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई है।
डीएम अरविंद कुमार चौहान ने कहा-
"सरकारी नौकरी जनता की सेवा के लिए है, न कि जनता को ठगने के लिए। जो भी कर्मचारी लापरवाही करेगा, उसकी जगह दफ्तर में नहीं, घर पर होगी।"
जनता का आक्रोश, डीएम की तारीफ
आवेदक बाला, अरुण कुमार, कुलदीप और संदीप ने डीएम की इस कार्रवाई पर राहत की सांस ली। गांव के लोगों ने भी सख़्त कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि "अगर इसी तरह बड़े अधिकारियों का डंडा चलता रहा तो भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो जाएगी।"
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