Shamli Crime News
अल्ट्रासाउंड सेंटर सील, एजेंट गिरफ्तार; पुलिस-स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध
✍️ गुलवेज़ आलम
स्वतंत्र पत्रकार, कैराना
Media Kesari
शामली। जिले शामली का नाम एक बार फिर शर्म से झुका देने वाला मामला सामने आया है। मशहूर डॉक्टर खुर्शीद अनवर के हॉस्पिटल से भ्रूण लिंग जांच और भ्रूण हत्या का काला कारोबार पकड़ा गया है। इस गोरखधंधे का खुलासा भी स्थानीय पुलिस या स्वास्थ्य विभाग ने नहीं, बल्कि हरियाणा से आई विशेष टीम ने किया। यही बात पूरे जिले में सनसनी और गुस्से का सबसे बड़ा कारण बनी है।
कैसे हुआ खुलासा?
हरियाणा की PNDT टीम को सूचना मिली थी कि शामली के कैराना रोड पर स्थित अनवर जैक हॉस्पिटल में लंबे समय से गैरकानूनी तरीके से भ्रूण लिंग जांच का धंधा चल रहा है। टीम ने जाल बिछाया, गर्भवती महिला को जासूस बनाकर भेजा और जैसे ही लेन-देन हुआ, छापा मार दिया गया।
मौके से 23 हज़ार रुपये वसूलते हुए एक एजेंट रंगे हाथ पकड़ लिया गया।
हॉस्पिटल में मौजूद अल्ट्रासाउंड मशीन को सील कर दिया गया और पूरे सेंटर को तत्काल बंद करा दिया गया।
एजेंट को पुलिस के हवाले कर जेल भेजा गया।
पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पर सवाल
अब यहां सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है –
क्या शामली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को भनक नहीं थी कि इतना बड़ा धंधा महीनों से उनके सामने चल रहा है?
क्या यह संभव है कि जिले का सबसे चर्चित डॉक्टर खुलेआम भ्रूण लिंग जांच करे और पुलिस-स्वास्थ्य विभाग को पता ही न चले?
जनता का साफ आरोप है कि यह सब कुछ पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत और शह से चल रहा था।
अगर हरियाणा टीम न आती, तो यह काला कारोबार आज भी चलता रहता और प्रशासन सिर्फ मूकदर्शक बना रहता।
जनता का गुस्सा
शामली में इस खुलासे के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। मोहल्लों, गलियों और चौपालों में सिर्फ एक ही चर्चा है –
“क्या भ्रूण हत्या रोकने की जिम्मेदारी हरियाणा की टीम की है? शामली पुलिस और स्वास्थ्य विभाग आखिर किस काम के हैं?”
लोगों का कहना है कि डॉ. खुर्शीद अनवर का हॉस्पिटल तो केवल एक नाम है, असली खेल तो पूरे सिस्टम की मिलीभगत से चल रहा था।
डॉक्टर का नाम विवादों में
डॉ. खुर्शीद अनवर लंबे समय से जिले के चर्चित डॉक्टर माने जाते हैं। उनके नाम और उनके सेंटर का चर्चित होना इस मामले को और भी गंभीर बनाता है। लोग खुलकर कह रहे हैं कि –
👉 “जब ऐसे बड़े डॉक्टर भ्रूण हत्या जैसे पाप में शामिल हों तो छोटे स्तर पर चल रहे अवैध कामों पर रोक कैसे लगेगी?”
👉 “डॉ. खुर्शीद अनवर का सेंटर तो बस एक चेहरा है, असली ताकत उन अधिकारियों की है जो इस धंधे को बचा रहे थे।”
कार्रवाई और आगे की राह
👉 कार्रवाई के तहत अल्ट्रासाउंड मशीन जब्त की गई है, हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है और एजेंट को जेल भेजा गया है।
👉 हरियाणा टीम ने कोतवाली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।
👉 प्रशासन कह रहा है कि आगे और जांच होगी और इसमें शामिल हर शख्स को पकड़ा जाएगा।
लेकिन जनता का सवाल साफ है –
क्या सिर्फ सेंटर सील करना और एक-दो लोगों की गिरफ्तारी ही काफी है?
क्या डॉ. खुर्शीद अनवर और इस धंधे को शह देने वाले पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी?
या फिर यह मामला भी हमेशा की तरह लीपा-पोती करके ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
नतीजा
यह पूरा मामला सिर्फ भ्रूण लिंग जांच का खुलासा नहीं है, बल्कि शामली के स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की लापरवाही और मिलीभगत का सबूत है।
👉 अगर जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो यह साफ हो जाएगा कि भ्रूण हत्या का यह खेल आगे भी इसी तरह चलता रहेगा।
भ्रूण हत्या जैसे पाप पर पर्दा डालना अब मुमकिन नहीं। डॉ. खुर्शीद अनवर का नाम सामने आना जिले के सिस्टम की असलियत बताने के लिए काफी है।
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